बता दें कि एनपीसीएल ने पिछले साल उपभोक्ताओं से बिजली आपूर्ति की औसत लागत से कहीं ज्यादा कमाई की थी। इसे लेकर पिछले दिनों उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने एक बैठक की थी। इस बैठक में एनपीसीएल की चालू वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कंपनी द्वारा लागत से प्रति यूनिट 2.05 रुपये तक ज्यादा कमाने का मुद्दा उठाते हुए बिजली दर कम करने और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी।
यह भी पढ़ें - Yogi सरकार ने राज्यकर्मचारियों को दिया रक्षाबंधन का तोहफा, लाखों कर्मचारी होंगे लाभान्वित 30 अगस्त को खत्म हो जाएगा लाइसेंस नोएडा पावर कंपनी का लाइसेंस अगले वर्ष 30 अगस्त को खत्म हो जाएगा। इसी के मद्देनजर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ग्रेटर नोएडा की बिजली आपूर्ति कंपनी से वापस लेकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम को सौंपने की मांग रखी है।
यह भी पढ़ें - साफ दिख रहे सूखे के आसार, नुकसान से बचने के लिए किसान कराएं फसलों का बीमा 39 दिनों में कंपनी को नोटिस देना होगा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि 30 वर्ष पुराने लाइसेंस की शर्तों के तहत प्रदेश सरकार और पावर कारपोरेशन को लाइसेंस खत्म होने की तिथि से एक वर्ष पहले कंपनी को नोटिस देना होगा। ऐसे में अगले 39 दिनों में कंपनी को कानूनन नोटिस देना होगा।