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विवि में 25 राज्यों के 3684 विद्यार्थियों ने लिया प्रवेश, प्रवेश लेने वालों में 45 प्रतिशत हैं छात्राएं

डॉ. हरिसिंह गौर विवि में सत्र 2024-25 में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में देश के 25 राज्यों के 3684 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इसमें से सबसे ज्यादा मप्र के विद्यार्थी हैं। स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेशित विद्यार्थियों में से मध्यप्रदेश के 2756 विद्यार्थी हैं।

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सागर

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Reshu Jain

Nov 09, 2024

dr harisingh gour

dr harisingh gour

प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की तरफ विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा

सागर. डॉ. हरिसिंह गौर विवि में सत्र 2024-25 में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में देश के 25 राज्यों के 3684 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इसमें से सबसे ज्यादा मप्र के विद्यार्थी हैं। स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेशित विद्यार्थियों में से मध्यप्रदेश के 2756 विद्यार्थी हैं। मप्र के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, उड़ीसा, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों ने ज्यादा प्रवेश लिए है। इन पाठ्यक्रमों में 45 प्रतिशत छात्राओं का प्रवेश हुआ है। पिछले वर्ष कुल 3022 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था, जो इस वर्ष बढ़कर 3684 हो गई है।

विश्वविद्यालय में संचालित प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों जैसे बीसीए, बीएफए की तरफ भी विद्यार्थियों की रूचि बड़ी है। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमो में विद्यार्थियों ने ज्यादा रूचि दिखाई है। इनमें 60-60 सीटों पर क्रमश: 58 एवं 54 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।

इन कोर्स की सीटें फुल

प्रवेश प्रकोष्ठ से प्राप्त जानकारी के अनुसार बी-फार्मा, एमएससी फोरेंसिक साइंस, एलएलबी, एलएलएम पाठ्यक्रमों की सभी सीटें भर गई हैं। इसके अलावा अप्लाइड जियोलोजी, बॉटनी, भौतिक शास्त्र, रसायन विज्ञान, राजनीतिशास्त्र, अपराध शास्त्र, एमलिब, हिन्दी, अंग्रेजी, इतिहास, संगीत जैसे विषयों में भी रिकॉर्ड सीटों पर प्रवेश हुआ है। वहीं नवीन पाठ्यक्रमों में पत्रकारिता के स्नातक पाठ्यक्रम में सबसे ज्यादा प्रवेश हुए हैं। पाठ्यक्रम में 30 में से 29 सीट पर अंतिम रूप से प्रवेश हुआ।

यूनिटी इन डायवर्सिटी की संकल्पना को विश्वविद्यालय साकार कर रहा है। देश के लगभग सभी राज्यों के विद्यार्थी यहां अध्ययन एवं शोध के लिए आ रहे हैं। छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी शिक्षा में उनकी रूचि के साथ-साथ उनकी सशक्त स्थिति को दर्शाता है।

डॉ. नीलिमा गुप्ता, कुलगुरु विवि