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CG Coal News: उपहार में अधिकारियों को मोबाइल देगी कोल इंडिया, श्रमिक हुए नाराज

CG Coal News: कोरबा जिले में कोल इंडिया ने अपने स्थापना के 50 साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर प्रबंधन ने अधिकारियों को उपहार के तौर पर मोबाइल देने का निर्णय लिया है

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CG Coal News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोल इंडिया ने अपने स्थापना के 50 साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर प्रबंधन ने अधिकारियों को उपहार के तौर पर मोबाइल देने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कोल इंडिया के बोर्ड ने 30 अक्टूबर की बैठक में मंजूरी दे दी है। लेकिन श्रमिक संगठनों ने इसका विरोध किया है।

CG Coal News: बीएमएस, एचएमएस और सीटू ने कोल इंडिया के निदेशक विनय रंजन को इस मसले पर पत्र लिखा है। कोल इंडिया के स्थापना दिवस पर तीन नवंबर को कोलकाता स्थित विश्व बंगला कन्वेंशन सेंटर न्यू टाइउन में आयोजित होने वाले समारोह के बहिष्कार की चेतावनी दी है।

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CG Coal News: कोल इंडिया का प्रबंधन मजदूरों के साथ कर रहा भेदभाव

CG Coal News: यूनियन का कहना है कि कोल इंडिया का प्रबंधन मजदूरों के साथ भेदभाव कर रहा है। कोल इंडिया के बोर्ड ने अधिकारियों को स्थापना दिवस के उपहार में मोबाइल देने की मंजूरी दी है। केवल अधिकारियों को उपहार देने का निर्णय उचित नहीं है। श्रमिकों ने कहा है कि यह दर्शाता है कि कंपनी की प्रगति में उनकी कोई भूमिका नहीं है जो कर्मचारियों के साथ अन्याय है।

CG Coal News: बताया जाता है कि कोल इंडिया के प्रबंधन ने ई-ग्रेड के अधिकारियों को 60 हजार, ई-8 ग्रेड को 50 हजार रुपए का मोबाइल हैंडसेट उपहार के तौर पर देने का निर्णय लिया है जबकि ई-4 से ई-6 ग्रेड के अधिकारियों को 40 हजार और ई-1 से ई-3 ग्रेड के अधिकारियों को कंपनी 30 हजार तक का मोबाइल हैंडसेट देगी।

कोल इंडिया की मेगा प्रोजेक्ट के उत्पादन के क्षेत्र में लड़खड़ाने लगे कदम

कोल इंडिया के इस घोषणा का लाभ एसईसीएल में काम करने वाले लगभग 3000 अधिकारियों को मिलेगा। वहीं मजदूरों को लेकर कोई घोषणा नहीं होने से एसईसीएल में काम करने वाले लगभग 47 हजार कर्मी मायूस हैं। उन्हें उम्मीद थी कि स्थापना दिवस पर उनके लिए भी कंपनी का प्रबंधन उपहार देगा।

कोल इंडिया की मेगा प्रोजेक्ट के कदम उत्पादन के क्षेत्र में लड़खड़ाने लगे हैं। चालू वित्तीय वर्ष के 7 माह गुजर गए हैं लेकिन नेगेटिव ग्रोथ से कुसमुंडा प्रोजेक्ट बाहर नहीं निकल पा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में कुसमुंडा खदान से 52 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य रखा गया है। सात माह गुजर गए हैं, यहां से अभी तक 13.22 मिलियन टन कोयला बाहर निकला है जबकि इसी अवधि में कंपनी को इस प्रोजेक्ट से 24.79 मिलियन टन कोयला खनन करना था। अक्टूबर में 1.64 मिलियन टन कोयला बाहर निकल सका था।

स्थिति में सुधार नहीं होने से एसईसीएल का प्रबंधन चिंतित है। कंपनी ने कोयला खनन और परिवहन के लिए कुसमुंडा में बड़ा निवेश किया है। इसके तहत खदान में आधुनिक मशीनें उतारी गई है। कोयला लदान में तेजी आ सके इसके लिए साइलो की मदद ली जा रही है मगर खनन नहीं हो पा रहा है। कुसमुंडा की तुलना में गेवरा की स्थिति बेहतर है। गेवरा ने अभी तक के अपने लक्ष्य 30.22 मिलियन टन का पीछा करते हुए 27.1 मिलियन टन कोयला खनन किया है। जबकि सालाना लक्ष्य 63 मिलियन टन का है।