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आपकी बात, कुपोषण की समस्या का समाधान कैसे हो सकता है?

locationनई दिल्लीPublished: Oct 18, 2020 04:48:13 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था कि आखिर इस देश में कुपोषण को कैसे दूर किया जा सकता है, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

Emphasis on eliminating malnutrition

Emphasis on eliminating malnutrition

जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण
देश की बढ़ती जनसंख्या कुपोषण के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। ज्यादा बच्चे होने पर अभिभावक उनका पालन-पोषण उचित ढंग से नहीं कर पाते हैं। इसलिए कुपोषण को समाप्त करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण सबसे अहम कदम है। इसके लिए सरकार को सख्त नीति बनानी चाहिए और जन जागरूकता पर ध्यान देना चाहिए।
-अमन शर्मा, इंदौर, मध्यप्रदेश
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फूड फोर्टीफिकेशन है समाधान
इस समस्या का समाधान फूड फोर्टीफिकेशन है। इसके तहत विभिन्न पोषक तत्व जैसे आयरन, जिंक, विटामिन आदि को सामान्य खाद्य पदार्थों जैसे आटा, चावल, दूध, नमक, तेल आदि में मिला दिया जाता है। फूड फोर्टीफिकेशन की प्रक्रिया लाभप्रद व सुरक्षित होती है। आवश्यक पोषक तत्व सामान्य खाद्य पदार्थों के साथ शरीर मे पहुंचते हैं। लोगो में विभिन्न स्तर पर पोषक स्तरों की पहचान कर आवश्यकतानुसार फूड फोर्टीफिकेशन के मानक निर्धारित किए जा सकते हैं। इसके साथ ही ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से संतुलित पोषक आहार व फूड फोर्टीफिकेशन के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों को नियुक्त किया जाना चाहिए।
-शिवराज मालव, तालेड़ा, बूंदी
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संतुलित आहार जरूरी
भारत में खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ा है, लेकिन इसके बावजूद भुखमरी और कुपोषण की समस्या बनी हुई है। बाल विवाह कुपोषण को बढ़ावा देता है। माता-पिता को बच्चों के भोजन पर अधिक ध्यान देना चाहिए। बच्चों को संतुलित और पोषक आहार दें। गर्भवती महिला टीकाकरण और पौष्टिक आहार पर ध्यान दें। शिशु को 6 माह तक अपनी मां का दूध ही दिया जाना चाहिए।
-विकास नैहडा, थानागाजी, अलवर
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स्वयं सेवी संस्थाएं बन सकती हैं मददगार
ग्रामीण इलाकों में कुपोषण की समस्या बहुत अधिक है। साथ ही शहरों के स्लम एरिया में भी कुपोषण की समस्या है। हमारे देश में गरीबी अधिक होने के कारण लोगों को पोषण युक्त भोजन प्राप्त नहीं होता है। यहां तक कि एक समय का भोजन भी नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में कुपोषण आम बात है। प्रश्न उठता है कि इसका सामधान कैसे हो? स्वयंसेवी संस्थाएं कुपोषण की समस्या के समाधान पर ध्यान दें, तो हालात बदल सकते हैं।
-अनीता मेहता, जोधपुर
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शिशु को छह माह तक मां का दूध ही दें
कुपोषण की समस्या से निजात के लिए जन्म होते ही शिशु को 6 मा तक माता का दूध पिलाना चाहिए। साथ ही उसका टीकाकरण करवाना चाहिए। घरेलू खानपान को बढ़ावा देना और बाहर के फास्ट फूड को कम करना भी आवश्यक है। इसके साथ-साथ नियमित व्यायाम करना जरूरी है।
-रमेश कुमार कुमावत, जोधपुर
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बाल विवाह है समस्या
कुपोषण प्रमुख कारणों में बाल-विवाह और लैंगिक असमानता भी हैं। इन दोनो कारणों से महिलाओं के पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता, जिससे बच्चों में यह समस्या बनी रहती है। अक्सर देखा गया है मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों में यह समस्या अधिक है। वहां स्वछ जल और शौचके साधन तक नहीं मिल पाते। अत: इनके रहन-सहन में सुधार की आवश्यकता भी है। भारत में प्रति व्यक्ति आय बढऩा चाहिए, जिससे लोगो की क्रय क्षमता बढ़े व पोषण मिल सके। साथ ही देश का सम्पन्न वर्ग लोगों की मदद करने पर ध्यान दे।
-नटेश्वर कमलेश, चांदामेटा
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गरीबी है मुख्य वजह
कुपोषण की समस्या का मूल कारण गरीबी में देखा जाना चाहिए, क्योंकि गरीबी ही कुपोषण की जनक होती है। गरीब परिवार इस स्थति में नहीं होता की वह अच्छा भोजन कर सके। कुपोषण के उन्मूलन के लिए आवश्यक है कि इसके मूल अर्थात गरीबी को समाप्त किया जाए। सरकार गरीबों के पोषण स्तर में सुधार हेतु सतत प्रयास कर रही है, लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिल रही। कुपोषण की समस्या का दूसरा कारण है कि लोग पोषण के संबंध में जागरूक नहीं है। सामथ्र्य होते हुए भी उनके पोषण का स्तर निम्न है। इस स्थति में ये आवश्यक है कि पोषण के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाए। सरकार और आमजन के मिलेजुले प्रयासों से ही कुपोषण की समस्या से निजात मिल सकती है।
-हनुमान बिश्नोई, धोरीमन्ना, बाड़मेर
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जरूरी है संतुलित आाहार
शरीर को आवश्यक संतुलित आहार लंबे समय तक नहीं मिलने के कारण ही व्यक्ति कुपोषण का शिकार होता है। गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद होने वाला कुपोषण बच्चे के लिए घातक हो सकता है। कुपोषण को संतुलित आहार के सेवन से रोका जा सकता है।
-रविंद्र रेगर, लूणकरणसर, बीकानेर
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हर हाथ को मिले रोजगार
कुपोषण एक विकट समस्या है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में लगभग चालीस प्रतिशत आबादी कुपोषण की समस्या से जूझ रही है। कुपोषण को समाप्त करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह हर हाथ को रोजगार दे। खाद्य सुरक्षा योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए।
-कुशल सिंह राठौड़, जोधपुर
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अस्पतालों की स्थिति ठीक हो
कुपोषण न केवल भारत की अपितु विश्व भर की ज्वलंत समस्या है, जो भुखमरी और संतुलित भोजन के अभाव के कारण बहुत फैल चुकी है। इससे निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को विश्व स्तर पर अच्छी मॉनिटरिंग के साथ लागू किया जाना चाहिए। भारत में जनाना अस्पतालों, आंगनबाड़ी, विद्यालयों की स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
-विक्रम गर्ग, पिण्डवाड़ा
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जरूरी है जागरूकता
कुपोषण की समस्या से भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व जूझ रहा है। इसका निदान बच्चों और महिलाओं को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व जैसे विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम आदि दिया जाना चाहिए। इसके अलावा पोषण की महत्ता और कुपोषण की भयानक समस्या के सम्बंध में लोगों को जागरूक भी करना होगा।
-सौरभ गोंदिया, भिण्ड, मप्र
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योजनाओं का हो सही क्रियान्वयन
कुपोषण से बचने के लिए सिर्फ पर्याप्त भोजन की ही नहीं, बल्कि सुरक्षित प्रसव की सुविधा, प्रतिरक्षण यानी टीकाकरणए स्वच्छ पेयजल, सार्वजनिक स्वच्छता और सफाई आदि की भी जरूरत है। एकीकृत बाल विकास योजना के माध्यम से पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने की योजना चल भी रही है। टेक होम राशन के तहत बच्चों और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को पूरक पोषाहार दिया जाता है। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा। सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन होना चाहिए।
-सुदर्शन सोलंकी मनावर, धार, मप्र
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स्वावलंबन पर जोर जरूरी
कुपोषण को दूर करने के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं जैसे मिड डे मिल योजना में पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा को बढ़ाना होगा। ग्रामीण जनता को संतुलित भोजन की जानकारी देना आवश्यक है। आमजन को स्वावलंबी बनाना होगा, जिससे कि वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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