त्योहार पर हर घर का मुखिया ख़रीददारी करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति को ही बाजार भेजे, तो बाजार में भीड़ भाड़ कम होगी। घर का मुखिया अपने परिवार के सदस्यों को फालतू घर से बाहर नहीं निकलने दे, तो यह वायरस अपने आप खत्म हो जाएगा। जो व्यक्ति खरीददारी करने निकले, वह अपने मुंह पर मास्क लगा कर निकले और सैनिटाइजर से बार-बार अपने हाथ धोए।
-खीवराज बोराणा, मेड़ता नागौर
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त्योहारी सीजन में कोरोना का खतरा कम करने के लिए भीड़ में जाने से बचें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, घर से बाहर जाने पर मास्क जरूर लगाएं। त्योहार के उत्साह में खान-पान में लापरवाही न रखें। कुछ ऐसा न खाएं, जो प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करे।
-सुरभि चन्देल, राजपुर, मध्य प्रदेश
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इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकार के साथ लोगों को भी त्योहारी सीजन के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा। पटाखे फोडऩे से वायु प्रदूषण बढ़ता है ,जो कोरोना संक्रमितों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है। दिवाली पर मिठाइयां बांटने के लिए लोगों को एक दूसरे के घर जाना भी कम करना चाहिए। नवरात्रि में यदि डांडिया के कार्यक्रम हों, तो पूरी सावधानी के साथ होने चाहिए। अत: लोगों को जागरूक करना पड़ेगा।
-दीप्ति जैन, उदयपुर
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संयम जरूरी
लोगों में जागरूकता लाकर ही कोरोना के खतरे को कम कर सकते हैं, पर जागरूकता अभियान में ही इसकी धज्जियां उड़े तो क्या लाभ? इस समय हो रही राजनीतिक रैलियां और प्रदर्शन पता नहीं कितनों को कोरोना की चपेट में ले लेंगे। कइयों का त्योहार खराब होगा। नेताजी भीड़ इक_ा किए बिना नहीं मानते, तो आम जनता कैसे समझेगी? इन लोगों के व्यवहार में कहीं कोरोना की चिंता परिलक्षित नहीं होती। फिर तो जैसा होगा प्रभु इच्छा। गीता में कर्म के लिए कहा है। अत: हमें मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने के साथ इन त्योहारों पर संयम रख कर स्वयं को और दूसरों को बचाना होगा।
-सुभाष चन्द्र पारीक, जयपुर
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कोरोना के कारण सभी प्रभावित हुए हैं। त्योहार के सीजन में एक दूसरे से मिलने की बजाय घर में रहना होगा। बेहतर तो यह है कि वीडियो कॉल के जरिए मिलें । खरीददारी के लिए बाजार भी कम जाना होगा, ताकि संक्रमण का खतरा न रहे।
-राजेन्द्र जांगिड़, बाड़मेर
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आजकल मिठाई, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक आइटम यहां तक कि पूजा का सामान भी ऑनलाइन ऑर्डर किया जा सकता है। इसीलिए कोरोना वायरस से बचने के लिए इस त्योहारी सीजन में ऑनलाइन शॉपिंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होना चाहिए। इससे संक्रमण का जोखिम कम होगा।
-योगेश सैनी,जयपुर
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कोरोना महामारी ने हमें घर की चारदीवारों में बांधकर हमें अपने परिवारों के साथ वक्त बिताने का सुनहरा मौका दिया है। घर में अपनों के साथ मिलकर रहें और इसका आनंद उठाएं, वहीं त्योहार के इस सीजन में हम अपनी अतिआवश्यक जरूरत के लिए ही हाट-बाजार में जाए। मूर्ति, दीपक, मिठाइयां आदि घर पर ही बनाएं। अनावश्यक खर्च व सामग्री जैसे कपड़े,पटाखे आदि पर अंकुश लगाएं, जिससे आर्थिक बचत भी होगी व कोरोना का खतरा भी कम होगा।
-मुकेश कुमार,जांजगीर,चाम्पा, छत्तीसगढ़
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त्योहारी सीजन में कोरोना का खतरा कम करने के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग ओर सैनिटाइज करने पर तो ध्यान देना ही होगा। त्योहार के दिनों में खरीदी के लिए बाजार में भीड़-भाड़ लगी होती है, तो भीड़ से बचें। इसलिए दूसरे व्यक्ति के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। सबसे ज्यादा सेहत पर ध्यान दें। गर्म पानी पीने पर ध्यन दें। इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल खाएं। त्योहार के दिन घर में ज्यादा साफ -सफाई पर ध्यान दें। कोई भी मेहमान घर आए, तो उससे दूरी बनाए रखें, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो जाए।
-रेखा कुमावत, जयपुर
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अनलॉक में कोरोना से डरना नहीं, मुकाबला करना है। इसके लिए हर सावधानी बरतें। मास्क जरूर लगाएं, लेकिन ऐसा मास्क जो अच्छी क्वालिटी का ट्रिपल लेयर वाला हो। मास्क कहीं से ढीला न हो, नाक के ऊपर तक और गर्दन के नीचे पूरी तरह चेहरा कवर होना चाहिए। खाने का सामान वहीं से खरीदें, जहां सभी ने मास्क लगाया हो। अपने साथ पेपर सोप या हैंड सैनेटाइजर जरूर रखें। समय-समय पर हाथ साफ करते रहें।
-सुमित कुमार भार्गव, बीकानेर
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त्योहारी सीजन में हर संभव कोशिश की जाए कि मास्क एवं सामाजिक दूरी की पालना वास्तविक अर्थों में हो। जहां तक संभव हो भीड़-भाड़ वाले इलाकों-बाजारो में जाने से बचा जाए। बुजुर्गों एवं बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए। एक-दूसरे को इन नियमों की पालना नहीं करने पर टोका-टोकी कर अनुपालना करवाई जाए एवं जन-जागरण के लिए सावचेती अभियान चलाया जाए।
– रमेश भाख, फागलवा, सीकर
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त्योहरी सीजन मे लोग घर से कम से कम निकलें। अगर निकलना जरूरी हो, तो मास्क जरूर लगाएं। साथ ही 2 गज की दूरी भी रखने से भी खतरा कम होता है। प्रशासन को भी सतर्क रहना चाहिए।
-राजीव मलोनीया, इटारसी
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जल्दबाजी और लापरवाही न करें
त्योहार आते ही बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। हर तरफ लोगों की भीड़ ही भीड़ नजर आती है। लोगों में सामान खरीदने और जल्दी से जल्दी घर पहुंचने की जल्दबाजी होती है। इसी जल्दबाजी में लोग लापरवाह हो जाते हंै। लोगों की यही जल्दबाजी और लापरवाही कोरोना के खतरे को बढ़ा देगी। इसलिए त्योहारी सीजन में जब भी घर से बाहर जाएं तो हर व्यक्ति मुंह पर मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का हर समय ध्यान रखे। व्यापारी वर्ग ‘नो मास्क, नो एंट्रीÓ का हरसम्भव पालन करे। प्रशासन भी लोगों को त्योहारी सीजन में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें, तभी त्योहारी सीजन में कोरोना का खतरा कम हो सकता है।
-कुशल सिंह राठौड़, जोधपुर
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त्योहार पर कोरोना का खतरा कम करने पर ध्यान देना ही होगा। अलग-अलग समय दुकानों को खोला जाए। मास्क के बिना किसी भी दुकान में प्रवेश नहीं हो। बाजार में होमगार्ड लगाए जाएं, जो आने वाले ग्राहकों को कोरोना के बचाव के लिए जागरूक करें। पटाखे कम चलाए जाएं।
-महेश परिहार, मालवीय नगर, जयपुर
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कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग बेपरवाह होकर बिना मास्क के कहीं भी घूम फिर रहे हंै। कोई भी सरकार की गाइड लाइन का पालन नहीं कर रहा है। कोरोना से बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और सरकार की गाइड लाइन की पालना करनी चाहिए। रिश्तेदारो और दोस्तों से आवश्यक हो तभी मिलें और सबको समझाएं की जिंदगी रही तो जिंदगी भर मिलते रहेंगे। दुकानदारों को भी ‘नो मास्क, नो एंट्रीÓ के नियम की पालना करनी चाहिए। प्रशासन को भी बाजारों पर नजर रखनी चाहिए।
-भारत नागर, बामला, बारां
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भारत में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। आने वाला त्योहार अभी दशहरा और दिवाली का है। कोरोना का खतरा अभी तक सभी के सिर पर मंडरा रहा है। त्योहारों पर हमें अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है, क्योंकि त्योहारों पर परिचितों से मेलजोल बढ़ता है और खरीददारी होती है। इसलिए हमें मास्क, सामाजिक दूरी के नियमों का पूर्णतया पालन करना चाहिए एवं पटाखों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पटाखों के धुएं का दुष्प्रभाव सांस संबंधी समस्याओं को बढ़ाता है।
-उर्मिला सिसोदिया, बेंगलुरु
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कोरोना काल में आमजन के साथ-साथ व्यापारियों और प्रशासन को भी जागरूक रहना होगा। व्यापारी अपने संस्थान पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करते हुए सैनिटाजेशन का पूरा ध्यान रखे। मास्क नहीं लगाने एवं सोशियल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन सख्ती करे। स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक चौकन्ना रहने के साथ ही पटाखों के उपयोग को नियंत्रित किया जाना जरूरी है। नेताओं को स्वयं कोरोनाकाल के नियमों का पालन कर जनता के समक्ष उदाहरण पेश करते हुए जन जागरूकता का कार्य करना चाहिएा। इन सबसे महत्त्वपूर्ण है स्वयं जनता का जागरूक होना। यदि सभी लोग अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तो निश्चित रूप से त्योहार के दौरान हम सभी सुरक्षित रहेंगे।
-अरविंद शर्मा, जयपुर।
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त्योहार जहां है वहीं रहकर मनाएं। रिश्तों की मिठास दूरी से और बढ़ जाती है। मिठाइयां घर पर ही बनाएं। जरूरी नहीं की पूजा करने मंदिर ही जाएं, घर पर रहकर पूजा करें।
-डॉ. रश्मि सोनकर, मनेंद्रगढ़, छत्तीसगढ़