सवालः अचानक से अग्निपथ योजना लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
जवाबः यह अचानक से नहीं हुआ। सेना ने 1977 में ही सैनिकों की बढ़ती औसत आयु को गंभीर समस्या मानते हुए बड़े सुधार की जरूरत बताई थी। कहा गया था कि सैनिकों की औसतन उम्र 32 से 35 की तरफ बढ़ती जा रही है। सेना के पास इसका सॉल्यूशन था, लेकिन किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। शायद लोग समझते थे कि सेना सिर्फ 26 जनवरी की परेड के लिए बनी है। अब जाकर सेना की वर्षों पुरानी यह मांग पूरी हुई है। भारतीय सेना पहले से कहीं युवा और मारक होगी।
जवाबः यह अचानक से नहीं हुआ। सेना ने 1977 में ही सैनिकों की बढ़ती औसत आयु को गंभीर समस्या मानते हुए बड़े सुधार की जरूरत बताई थी। कहा गया था कि सैनिकों की औसतन उम्र 32 से 35 की तरफ बढ़ती जा रही है। सेना के पास इसका सॉल्यूशन था, लेकिन किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। शायद लोग समझते थे कि सेना सिर्फ 26 जनवरी की परेड के लिए बनी है। अब जाकर सेना की वर्षों पुरानी यह मांग पूरी हुई है। भारतीय सेना पहले से कहीं युवा और मारक होगी।
सवालः कहा जा रहा है कि अग्निपथ योजना से सेना में रेगुलर भर्तियों के दरवाजे धीरे-धीरे बंद हो जाएंगे।
जवाबः नहीं, ऐसा नहीं है। रेगुलर भर्ती तो अब भी होगी, लेकिन तरीका अलग हो गया है। अब औसतन चार अग्निवीर में से एक को सेना में रेगुलर रखा जाएगा और उसे आगे 15 साल का सेवा विस्तार मिलेगा। पहले एक परीक्षा पास कर परमानेंट सैनिक बन जाते थे, अब समझिए कि दो परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। एक बार अग्निवीर बनना होगा। फिर सेना अग्निवीरों में सर्वश्रेष्ठ सैनिक चुनकर उन्हें रेगुलर करेगी। हर वर्ष 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में रखा जाएगा। नई प्रक्रिया में 4 साल अग्निवीर रहने वाले युवा को जब 15 साल का सेवा विस्तार मिलेगा, तो उसकी कुल 19 साल की सर्विस हो जाएगी। वर्तमान में एक सैनिक की सर्विस 17 साल ही है। इस प्रकार नई व्यवस्था से युवाओं को ज्यादा लाभ है। अग्निपथ योजना लागू होने पर पहले से तीन गुना भर्तियां भी होंगी यानी कि ज्यादा युवाओं को मौका मिलेगा।
जवाबः नहीं, ऐसा नहीं है। रेगुलर भर्ती तो अब भी होगी, लेकिन तरीका अलग हो गया है। अब औसतन चार अग्निवीर में से एक को सेना में रेगुलर रखा जाएगा और उसे आगे 15 साल का सेवा विस्तार मिलेगा। पहले एक परीक्षा पास कर परमानेंट सैनिक बन जाते थे, अब समझिए कि दो परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। एक बार अग्निवीर बनना होगा। फिर सेना अग्निवीरों में सर्वश्रेष्ठ सैनिक चुनकर उन्हें रेगुलर करेगी। हर वर्ष 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में रखा जाएगा। नई प्रक्रिया में 4 साल अग्निवीर रहने वाले युवा को जब 15 साल का सेवा विस्तार मिलेगा, तो उसकी कुल 19 साल की सर्विस हो जाएगी। वर्तमान में एक सैनिक की सर्विस 17 साल ही है। इस प्रकार नई व्यवस्था से युवाओं को ज्यादा लाभ है। अग्निपथ योजना लागू होने पर पहले से तीन गुना भर्तियां भी होंगी यानी कि ज्यादा युवाओं को मौका मिलेगा।
सवालः अग्निवीरों के सेवानिवृत्ति के बाद भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
जवाबः 75 प्रतिशत अग्निवीर 4 साल का सेवाकाल पूरा कर समाज में वापस आएंगे। सेना में रहते युवाओं को बढिय़ा एक्सपोजर मिलेगा। 4 साल बाद उनका सबसे शानदार करियर शुरू होगा। जिस समय लोग कॉलेज में होते हैं, लोन ले रहे होते हैं, तब 17 साल की आयु में सेना में जाकर एक युवा ट्रेनिंग के साथ डिग्री भी लेगा और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली अच्छी धनराशि से कोई व्यवसाय भी कर सकेगा या फिर रक्षा, गृह मंत्रालय में 10 प्रतिशत कोटे की आरक्षित नौकरियों में भी जा सकेगा।
जवाबः 75 प्रतिशत अग्निवीर 4 साल का सेवाकाल पूरा कर समाज में वापस आएंगे। सेना में रहते युवाओं को बढिय़ा एक्सपोजर मिलेगा। 4 साल बाद उनका सबसे शानदार करियर शुरू होगा। जिस समय लोग कॉलेज में होते हैं, लोन ले रहे होते हैं, तब 17 साल की आयु में सेना में जाकर एक युवा ट्रेनिंग के साथ डिग्री भी लेगा और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली अच्छी धनराशि से कोई व्यवसाय भी कर सकेगा या फिर रक्षा, गृह मंत्रालय में 10 प्रतिशत कोटे की आरक्षित नौकरियों में भी जा सकेगा।
सवालः अग्निपथ के खिलाफ राजस्थान में गहलोत सरकार ने प्रस्ताव पास कर केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की है...
जवाबः यह राजनीति के गिरते हुए स्तर का उदाहरण है। राष्ट्रनीति को दरकिनार करते हुए खुद की राजनीति चमकाई जा रही है।
सवालः अग्निपथ योजना से आक्रोशित युवाओं से क्या अपील करना चाहेंगे?
जवाबः 90 दिन के अंदर तीनों सेनाओं में भर्तियां शुरू हो रही हैं। सभी नौजवान तैयारी पर ध्यान दें। नेताओं के बहकावे में न आएं और उन्हें नाटक करने दें। सेना भर्ती से पहले पुलिस वेरिफिकेशन होता है। इस नाते कोई ऐसा काम न करें कि पुलिस केस में नाम आए। इससे करियर बर्बाद हो सकता है। जो अग्निवीर बन जाएंगे, उनकी लाइफ बन जाएगी।
कहा जा रहा है कि रिटायरमेंट के बाद अग्निवीर बेरोजगारी का सामना करेंगे, तो समाज के लिए चुनौती बन सकते हैं?
यह बेबुनियाद आशंका है। अग्निपथ योजना के तहत सेना की ट्रेनिंग से युवाओं में देशभक्ति और अच्छे नागरिक के गुण विकसित होंगे। जब 4 साल का कार्यकाल पूरा कर 75 प्रतिशत अग्निवीर समाज में वापस जाएंगे, तो उसका लाभ हर जगह दिखेगा।
सवालः कई बार पूर्व सैनिकों को भी दूसरे सेक्टर में नौकरियां मिलने में दिक्कत होती है। ऐसे में सिर्फ 4 साल की ट्रेनिंग वाले अग्निवीरों को नौकरी की क्या गारंटी है?
जवाबः जब 35 वर्ष की उम्र में कोई व्यक्ति सेना छोड़कर दूसरे सेक्टर में नौकरी तलाशने जाता है तो उम्र के कारण उसे चुनौती का सामना करना पड़ता है। 22-24 साल की उम्र में एडैप्टबिलिटी ज्यादा होती है। कम उम्र के युवाओं का हर सेक्टर स्वागत करेगा।
जवाबः यह राजनीति के गिरते हुए स्तर का उदाहरण है। राष्ट्रनीति को दरकिनार करते हुए खुद की राजनीति चमकाई जा रही है।
सवालः अग्निपथ योजना से आक्रोशित युवाओं से क्या अपील करना चाहेंगे?
जवाबः 90 दिन के अंदर तीनों सेनाओं में भर्तियां शुरू हो रही हैं। सभी नौजवान तैयारी पर ध्यान दें। नेताओं के बहकावे में न आएं और उन्हें नाटक करने दें। सेना भर्ती से पहले पुलिस वेरिफिकेशन होता है। इस नाते कोई ऐसा काम न करें कि पुलिस केस में नाम आए। इससे करियर बर्बाद हो सकता है। जो अग्निवीर बन जाएंगे, उनकी लाइफ बन जाएगी।
कहा जा रहा है कि रिटायरमेंट के बाद अग्निवीर बेरोजगारी का सामना करेंगे, तो समाज के लिए चुनौती बन सकते हैं?
यह बेबुनियाद आशंका है। अग्निपथ योजना के तहत सेना की ट्रेनिंग से युवाओं में देशभक्ति और अच्छे नागरिक के गुण विकसित होंगे। जब 4 साल का कार्यकाल पूरा कर 75 प्रतिशत अग्निवीर समाज में वापस जाएंगे, तो उसका लाभ हर जगह दिखेगा।
सवालः कई बार पूर्व सैनिकों को भी दूसरे सेक्टर में नौकरियां मिलने में दिक्कत होती है। ऐसे में सिर्फ 4 साल की ट्रेनिंग वाले अग्निवीरों को नौकरी की क्या गारंटी है?
जवाबः जब 35 वर्ष की उम्र में कोई व्यक्ति सेना छोड़कर दूसरे सेक्टर में नौकरी तलाशने जाता है तो उम्र के कारण उसे चुनौती का सामना करना पड़ता है। 22-24 साल की उम्र में एडैप्टबिलिटी ज्यादा होती है। कम उम्र के युवाओं का हर सेक्टर स्वागत करेगा।