- डेमिरा बृज, जोधपुर, राजस्थान ...................... इलेक्ट्रिक वाहनों की सीमाएं इलेक्ट्रिक वाहन एक नियत दूरी तक सीमित होती है। इनमें बैटरी खराब होने का भी डर होता है। अभी तक रास्ते में चार्जिंग स्टेशन की भी सुविधा नहीं है। इसमें एक लिमिट तक ही भार ढोया जा सकता है।
मोहित सोलंकी, जोधपुर, राजस्थान ......................... वाहनों की कीमत अधिक पेट्रोल वाहन में लंबी दूरी की यात्रा की संभव है, वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की अपनी सीमा है। इनका अधिक महंगा होना भी मुख्य वजह है। लोगों में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रूचि कम है। भारत में कुछ जगहों पर ही इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्ज करने के साधन उपलब्ध हैं, जिसके कारण लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में हिचकते हैं।
शिवपाल सिंह, मेड़ता सिटी, राजस्थान ...................
लोगों में हिचकिचाहट सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या देश इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है? बेसिक प्लेटफॉर्म और अवसंरचना, चार्जिंग स्टेशनों की कमी, ज्यादा चलने वाली बैटरी, टॉप स्पीड में कमी, अधिक कीमत इत्यादि चुनौतियों के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों में अब भी हिचक है।
लोगों में हिचकिचाहट सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या देश इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है? बेसिक प्लेटफॉर्म और अवसंरचना, चार्जिंग स्टेशनों की कमी, ज्यादा चलने वाली बैटरी, टॉप स्पीड में कमी, अधिक कीमत इत्यादि चुनौतियों के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों में अब भी हिचक है।
पारसमल बोस, गुढ़ामालानी (बाड़मेर), राजस्थान ........................... कुछ व्यावहारिक समस्याएं भारत समेत पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है लेकिन कई बुनियादी और व्यावहारिक समस्याएं हैं, जिनकी वजह से इन वाहनों को लेकर लोगों में हिचक बरकरार है। एक सर्वे में उत्तरदाताओं ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बार बार चार्ज करने की जरूरत को लेकर आशंकाएं जाहिर की। इसके अलावा उनकी रीसेल वैल्यू और पिकअप पावर को लेकर सवाल उठाए। लंबी दूरी तय करने के मामले में मूलभूत ढांचे की कमी और उसके गैर भरोसेमंद होने की बातें भी सामने आईं। बहरहाल, सर्वे में इलेक्ट्रिक वाहन के मालिकों ने अपने चार्जिंग अनुभव पर गहरा संतोष व्यक्त किया, जो इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को लेकर उभरने वाले सामान्य भ्रम को तोडऩे के लिए एक अच्छा प्रमाण है।
सुभाष सिद्ध बाना, श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर), राजस्थान ................... इलेक्ट्रिक में विकल्प सीमित भारतीय ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहनों को इसलिए तरजीह नहीं दे रहे हैं क्योंकि इन वाहनों की कीमतें अभी सबकी पहुंच में नहीं आई हैं। साथ ही, इनके विकल्प काफी सीमित हैं। ग्राहकों की चिंता इससे जुड़े बुनियादी ढांचे की कमी को लेकर भी है।
-प्रदीप सिंह सोलंकी, कोटा, राजस्थान .................. रखरखाव पर संशय इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों की अपेक्षा महंगे होते हैं। चार्जिंग स्टेशनों की कमी के चलते इनके लंबी दूरी तय करने में भी संशय बना रहता है। चार्जिंग करने में लगने वाला समय, बैटरी की उम्र व कीमत भी एक अहम वजह है। वाहनों की संख्या कम होने से इसकी उम्र व रखरखाव पर संदेह तो है, साथ ही ये शत-प्रतिशत प्रदूषण मुक्त नहीं हैं।
- प्रहलाद यादव, महू, मध्यप्रदेश ............................ चार्जिंग स्टेशनों की कमी इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के प्रति लोगों में हिचक की मुख्य वजह चार्जिंग स्टेशनों का अभाव मानी जा सकती है। वहीं, वाहनों की स्पीड कम होने, किफायती बैटरी न होने की बातें कोढ़ में खाज बनी हैं। अगर इलेक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय करना है तो पांच किलोमीटर के भीतर एक चार्जिंग पॉइंट, कम खर्च में ज्यादा चलने वाली बैटरियों का निर्माण तथा वाहनों की स्पीड बढ़ाने की तकनीक अपनानी होगी।
शिवजीलाल मीना, जयपुर, राजस्थान ........................ बड़े बदलाव की जरूरत जो लोग पुराने पेट्रोल-डीजल वाहन का उपयोग कर रहे हैं और उनके निपटान के लिए कोई उचित व्यवस्था मौजूद नहीं है। इसके अलावा महंगे इलेक्ट्रिक वाहन और सीमित चार्जिंग स्टेशन लोगों को हतोत्साहित करते हैं। सरकार को नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति और राजनीतिक मंशा के साथ आना चाहिए, जो आम जनता को हरित ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
शशांक गहलोत, ब्यावर, राजस्थान ........................... मध्यम वर्ग की पहुंच से दूर वर्तमान समय में पेट्रोल और डीजल चालित वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में बहुत ज्यादा अंतर होने से एक मध्यवर्गीय आम भारतीय व्यक्ति उस कीमत को अदा कर पाने में असमर्थ है, इसलिए वह इलेक्ट्रिक वाहनों को मजबूरी में नहीं ले पाता और पेट्रोल या डीजल चालित वाहनों को ले लेता है ।
-निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उप्र ............... सुरक्षा पर सवाल इलेक्ट्रिक वाहन प्रदूषण रहित एक अच्छा विकल्प है लेकिन देश में अभी चार्जिंग पॉइंट भी पर्याप्त नहीं है। उनके लिए प्रशिक्षित मैकेनिक का अभाव है। सरकार को इन सभी चुनौतियों को दूर करना होगा ताकि हम पेट्रोल, डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करें और प्रदूषण रहित वातावरण बनाने में सहयोग प्रदान करें।
- एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़ ................................