एडवाइजरी जारी होनी चाहिए
कोरोना की चौथी लहर घोषित रूप से भले ही नहीं आई हो लेकिन आशंका चारों ओर है। पहली लहर के बाद दूसरी लहर जिस तरह से लापरवाही बरती गई वह बहुत घातक सिद्ध हुई। लेकिन तीसरी लहर शांति से गुजर गई । सरकार को पुन: मास्क के प्रति लोगों को सचेत करना चाहिए और भीड़भाड़ वाले इलाकों पर आवागमन रोकने के लिए एडवाइजरी जारी होनी चाहिए। हमारी थोड़ी सी लापरवाही कहीं हम पर भारी ना पड़ जाए। ऐसे में बदलते हुई मौसम को देखते हुए सतर्क व सावधान रहना आवश्यक है। सिद्धार्थ, गरियाबंद
हम भूल चुके थे कि कोरोना नाम का वायरस भी कोई आया था जिसने इतना उत्पात मचाया जिसका खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं। कोरोना अभी पूरी तरह से गया नहीं हैव् वह यही कहीं मौका मिलने के तलाश में बैठा है।हम सुनते हैं परंतु इस बात पर विशेष ध्यान नहीं देते कि कोरोना अभी गया नहीं है। दरअसल हमारी आदत सी हो गई है जब तक समस्या पूरी तरह गहराता नहीं हमारा ध्यान उस ओर नहीं जाता हम सुनते तो हैं परंतु गम्भीरता से नहीं लेते। महामारी को तो ऐसे ही मौकों की तलाश होती है।
सरिता प्रसाद, पटना बिहार
अब तो सतर्क रहें
एक बार फिर कोरोना पैर पसारने लगा है। मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कहीं न कहीं लगता है हम कोरोना को भूलते जा रहे हैं और आवश्यक सावधानी नहीं बरत रहे हैं। जरूरत है गाइड लाइन का पालन करें, सतर्क रहें।
साजिद अली, चंदन नगर इंदौर
मौत का मंजर भूल चुके लोग
कोरोना की दूसरी लहर के मौत वाले मंजर को लोग भूल चुके हैं । बेवजह सड़कों पर बिना मास्क लगाए लोग घूम रहे हैं। जरा सी लापरवाही हुई तो फिर जानलेवा हालात हो सकते हैं। अभी जो लोग कोरोना को पूरी तरह से भूल चूके हेना उनको कुछ पुरानी तस्वीरें देखनी चाहिए तब पता चलेगा कि क्या हुआ था। अनजान लोग बाहर से आते हैं समारोह में। उनसे आप दूरी बनाकर ही रखें क्योंकि ये महामारी है बीमारी नहीं।
प्रियव्रत चारण, जोधपुर
संक्रमण का खतरा बरकरार
कोरोना के प्रति लापरवाही के चलते चेहरे से मास्क गायब होते जा रहे हैं और निर्धारित दूरी को तो लोग भूल ही गए। जरूरत है क बचाव के मानकों का कड़ाई से पालन हो। दी गई छूट का फायदा उठाने की बजाय ईमानदारी पूर्वक बचाव के मानकों का पालन ही उपचार है। हाल ही में सरकार ने भी चेतावनी दी है कि मास्क, हाथ धोने व सामाजिक दूरी के तीन मंत्र पालन आमजन करें अन्यथा संक्रमण का खतरा बना ही रहेगा।
खुशवन्त कुमार हिण्डोनिया, चित्तौडग़ढ
हिदायतों का ध्यान रखना होगा
हर जगह लोग इस महामारी के प्रति लापरवाह से हो गये हैं । लापरवाहियों के चलते ही केरल और महाराष्ट्र में निरंतर मरीजों की संख्या मे बढोतरी हुए जा रही है। 0हम हिंदुस्तानियों को एक दूसरे की परवाह करने वाला माना जाता है । फिर ऐसा क्या हो गया है कि हम अपनों की सेहत की परवाह करना भूलते से जा रहे हैं? बाहर निकलने की, काम पर जाने की, छूट क्या मिली मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, हाथ सेनेटाइज करना जैसे एहतियाती काम करने भूल से गए हैं। कोरोना तो चला गया, अब तो सब चलता है, अब कुछ नही होना वाली सोच लोगों के दिलों मे बन गयी है। कहां जाना है, कहां नही जाना है, जैसी हिदायतों का ध्यान ना रखा गया तो हो सकता है ये बीमारी फिर सिर पर चढ़कर बोलने लगे।"
नरेश कानूनगो, देवास, मध्यप्रदेश
हर जगह लोग इस महामारी के प्रति लापरवाह से हो गये हैं । लापरवाहियों के चलते ही केरल और महाराष्ट्र में निरंतर मरीजों की संख्या मे बढोतरी हुए जा रही है। 0हम हिंदुस्तानियों को एक दूसरे की परवाह करने वाला माना जाता है । फिर ऐसा क्या हो गया है कि हम अपनों की सेहत की परवाह करना भूलते से जा रहे हैं? बाहर निकलने की, काम पर जाने की, छूट क्या मिली मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, हाथ सेनेटाइज करना जैसे एहतियाती काम करने भूल से गए हैं। कोरोना तो चला गया, अब तो सब चलता है, अब कुछ नही होना वाली सोच लोगों के दिलों मे बन गयी है। कहां जाना है, कहां नही जाना है, जैसी हिदायतों का ध्यान ना रखा गया तो हो सकता है ये बीमारी फिर सिर पर चढ़कर बोलने लगे।"
नरेश कानूनगो, देवास, मध्यप्रदेश
लॉकडाउन के हालात याद रखें
कोरोना की तीसरी लहर का असर कम होना, लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं बनना, और कम समय में सबकुछ पहले की तरह हो जाने से लोगों के अंदर कोरोना का डर कम हो गया है। मौजूदा समय में अधिकांश लोग बिना मास्क के ही घर से बाहर निकलते हैं , और कार्य करने कि जगहों या पब्लिक प्लेस पर भी अब मास्क किसी के मुँह पर नजर नहीं आता। साथ ही सुरक्षा के अन्य तौर तरीके भी नहीं अपनाए जा रहे हैं, जिससे ये साफ हो जाता है की ज्यादातर लोग कोरोना से बचाव में लापरवाही बरत रहें हैं।
सारिका सिंह, रायपुर, छत्तीसगढ़
कोरोना की तीसरी लहर का असर कम होना, लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं बनना, और कम समय में सबकुछ पहले की तरह हो जाने से लोगों के अंदर कोरोना का डर कम हो गया है। मौजूदा समय में अधिकांश लोग बिना मास्क के ही घर से बाहर निकलते हैं , और कार्य करने कि जगहों या पब्लिक प्लेस पर भी अब मास्क किसी के मुँह पर नजर नहीं आता। साथ ही सुरक्षा के अन्य तौर तरीके भी नहीं अपनाए जा रहे हैं, जिससे ये साफ हो जाता है की ज्यादातर लोग कोरोना से बचाव में लापरवाही बरत रहें हैं।
सारिका सिंह, रायपुर, छत्तीसगढ़
' लापरवाही जानलेवा न बन जाए '
जब से सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर से कोरोना प्रोटोकॉल के प्रतिबंध को हटाया है, तभी से लोगों ने मान लिया है कि हमने कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त कर ली है। देश कोरोनामुक्त हो गया है और यह सोचकर निश्चिंत हो गये हैं कि वैक्सीन ले लेने के बाद अब वे कभी संक्रमित नहीं होंगे। लोगों ने दो गज की दूरी बनाने के साथ- साथ मास्क पहनने को भी गुड बाय कर दिया है। नियमित रूप से मास्क अवश्य पहनें ,हाथ स्वच्छ रखें और भीड़ से बचने का प्रयास करेे वरना लापरवाही फिर से जानलेवा न बन सकती है।
विभा गुप्ता बैंगलुरु