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आत्म-दर्शन : विचार और कर्म
एक बात ध्यान जरूर रखना, जब हमें कोई दूसरा कार्य करने से रोकता है, तो तो मन उसके पीछे भागता है। लेकिन, जब हम खुद किसी कार्य के लिए खुद को निषिद्ध कर लेते हैं, तो मन उधर ताकता भी नहीं है। निषेध खुद तय करो, खुद सीमा रेखा खींचो कि यह कार्य नहीं करना। संकटों से बचने के लिए, सुखपूर्वक जीवन बिताने के लिए संयम बहुत जरूरी है। जो संयमी होता हैं, वह निषेध पहले करता हैं। जहां निषेध है, सीमा रेखा है, वहां संयम है और जहां निषेध नहीं है, वहां असंयम है। यह भी पढ़ें