scriptमहाशक्तियों की पैंतरेबाजी में उलझे बांग्लादेश के चुनाव | Bangladesh elections entangled in the maneuvers of superpowers | Patrika News
ओपिनियन

महाशक्तियों की पैंतरेबाजी में उलझे बांग्लादेश के चुनाव

भारत के बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। शेख हसीना सरकार के दौर में ये संबंध ओर मजबूत हुए हैं। भारत हसीना सरकार के साथ है जबकि अमरीका स्वतंत्र चुनाव के नाम पर जमात-ए-इस्लामी का समर्थन कर रहा है। बीएनपी को भी अमरीका का समर्थन हासिल है। बीएनपी पाक समर्थित पार्टी है। ऐसे में अगर बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होता है तो भारत को मालदीव की तरह यहां भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

Dec 26, 2023 / 09:14 pm

Gyan Chand Patni

महाशक्तियों की पैंतरेबाजी में उलझे बांग्लादेश के चुनाव

महाशक्तियों की पैंतरेबाजी में उलझे बांग्लादेश के चुनाव

डॉ. एन.के. सोमानी

अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार

बांंग्लादेश का संसदीय चुनाव महाशक्तियों की कूटनीतिक पैंतरेबाजी के बीच फंसता दिखाई दे रहा है। अमरीका और रूस अपने-अपने मोर्चे पर सक्रिय हैं। चुनाव को लेकर दोनों देशों के बीच परस्पर बयानबाजी हो रही है। अमरीका निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के बहाने शेख हसीना सरकार पर दबाव बढ़ा रहा हैं। रूस ने अमरीका पर बांग्लादेश की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। उसने अमरीकी राजदूत पीटर हास पर विरोधी दल के नेताओं के साथ मिलकर ढाका में सरकार विरोधी रैली की योजना बनाने का आरोप लगाया है। रूस का आरोप है कि अमरीका अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के समर्थन के लिए बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहा है। एक मोर्चा भारत तथा चीन का है। दोनों देशों के यहां अपने-अपने हित हैैं। कुल मिलाकर कहें तो बांग्लादेश की जातीय संसद अर्थात नेशनल असेंबली का चुनावी रण बड़े देशों की आपसी प्रतिद्वंद्विता का मंच बन गया है। चुनाव 7 जनवरी को होंगे।
मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के चुनाव में भाग न लेने के निर्णय ने भी चुनाव को अंतरराष्ट्रीय दिलचस्पी का विषय बना दिया है। पार्टी का आरोप है कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते हैं। इसलिए सत्तारूढ़ अवामी लीग की अध्यक्ष और मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा दें। पार्टी की मांग है कि चुनाव स्वतंत्र व कामचलाऊ सरकार के अंतर्गत करवाए जाएं। दरअसल, जिस तरह से शेख हसीना के शासनकाल में रूस व चीन ने बांग्लादेश में अपना प्रभाव बढाय़ा है, उससे अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन की पेशानी पर बल पडऩे लगे हैं। सितंबर में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की ढाका यात्रा के बाद से बांग्लादेश के प्रति अमरीका और अधिक संजीदा हो गया है। 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद यह पहला अवसर था जब रूस के किसी विदेश मंत्री का ढाका दौरा हुआ है। इतना ही नहीं अमरीका-बांग्लादेश तनाव के बीच पिछले महीने रूसी नौसेना के प्रशांत बेड़े का एक युद्धपोत बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा। पिछले पांच दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस प्रकार के स्क्वाड्रन ने बांग्लादेश के किसी बंदरगाह पर लंगर डाला हो। इन सब घटनाओं से अमरीका की चिंता बढऩी ही थी। चीन के साथ भी बांग्लादेश के आर्थिक रिश्ते मजबूत हुए हैं। गौरतलब है कि बांग्लादेश चीन की महत्त्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का भी हिस्सा है। दूसरी ओर अमरीका मानवाधिकार रेकॉर्ड को लेकर हसीना सरकार की आलोचना कर रहा है। वह बांग्लादेश पर अपनी इंडोपैसिफिक नीति में शामिल होने के लिए दबाव बना रहा है। लेकिन विदेश नीति में संतुलन बनाकर चलने वाली शेख हसीना इसके लिए तैयार नहीं हुर्इं। ऐसे में अब अमरीका बांग्लादेश को चीन और रूस के सहयोगी के रूप में देख रहा है। वाशिंगटन की यह दिली इच्छा है कि बांग्लादेश मानवाधिकारों और लोकतंत्र पर अमरीकी सिद्धांतों के साथ खड़ा दिखाई दे।
भारत के बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। शेख हसीना सरकार के दौर में ये संबंध ओर मजबूत हुए हैं। भारत हसीना सरकार के साथ है जबकि अमरीका स्वतंत्र चुनाव के नाम पर जमात-ए-इस्लामी का समर्थन कर रहा है। बीएनपी को भी अमरीका का समर्थन हासिल है। बीएनपी पाक समर्थित पार्टी है। ऐसे में अगर बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होता है तो भारत को मालदीव की तरह यहां भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि अमरीकी दखल भारत की परेशानी का सबब बना हुआ है। स्पष्ट है कि चुनाव नतीजों के बाद अमरीका बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों की समीक्षा कर सकता है। अगर वाशिंगटन ढाका के साथ संबंधों को कम करता है या प्रतिबंध जैसी दंडात्मक कर्रावाई अमल में लाता है, तो जाहिर है बांग्लादेश की चीन और रूस से निकटता बढ़ेगी। यह भारत के लिए भी ठीक नहीं है।

Home / Prime / Opinion / महाशक्तियों की पैंतरेबाजी में उलझे बांग्लादेश के चुनाव

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो