मानसिकता प्रभावित
कोरोना शरीर के साथ समाज की मानसिकता को प्रभावित कर रहा है। अलग-थलग कर दिए जाने के डर के कारण लक्षण दिखने पर भी लोग जांच के लिए अस्पताल जाने से कतराते हैं। अनलॉक के चलते जीवन सामान्य तो हो रहा है, किंतु भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग को सुनिश्चित करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। लापरवाही के चलते कोरोना संक्रमण और खतरनाक बनता जा रहा है।
-दीप्ति जैन, उदयपुर
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कोरोना शरीर के साथ समाज की मानसिकता को प्रभावित कर रहा है। अलग-थलग कर दिए जाने के डर के कारण लक्षण दिखने पर भी लोग जांच के लिए अस्पताल जाने से कतराते हैं। अनलॉक के चलते जीवन सामान्य तो हो रहा है, किंतु भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग को सुनिश्चित करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। लापरवाही के चलते कोरोना संक्रमण और खतरनाक बनता जा रहा है।
-दीप्ति जैन, उदयपुर
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सरकारी अस्पतालों की खामियां उजागर
कोरोना को हलका लेकर लोग बचाव के साधन नहीं अपना रहे हंै। इसके कारण खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौतें हो रही हैं। इससे सरकारी अस्पतालों की खामियां भी उजागर हो रही हैं। हालत यह है कि महामारी के बावजूद भी सरकारी डिस्पेंसरियों में रविवार को टेस्टिंग नही होती।
-गोपाल अरोड़ा, जोधपुर
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कोरोना को हलका लेकर लोग बचाव के साधन नहीं अपना रहे हंै। इसके कारण खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौतें हो रही हैं। इससे सरकारी अस्पतालों की खामियां भी उजागर हो रही हैं। हालत यह है कि महामारी के बावजूद भी सरकारी डिस्पेंसरियों में रविवार को टेस्टिंग नही होती।
-गोपाल अरोड़ा, जोधपुर
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संक्रमित भी बाहर घूम रहे हैं
कोरोना भी वही है और खतरा भी वही है, जो आज से 6 महीने पहले था। मुश्किल यह है कि जनता इस बात को नहीं समझ रही। सरकार ने लॉकडाउन हटा लिया। इसका मतलब यह नहीं है की कोरोना खत्म हो गया है। बहुत से लोग बिना किसी खास कारण के बाहर निकल रहे हैं, जिससे पब्लिक प्लेस पर भीड़ जमा हो रही है। कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही नहीं हो रहा। कई लोग संक्रमित होने के बाद भी बाहर घूम रहे हैं। जनता की लापरवाही से ही कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है।
-जया कुशवाह, इंदौर
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कोरोना भी वही है और खतरा भी वही है, जो आज से 6 महीने पहले था। मुश्किल यह है कि जनता इस बात को नहीं समझ रही। सरकार ने लॉकडाउन हटा लिया। इसका मतलब यह नहीं है की कोरोना खत्म हो गया है। बहुत से लोग बिना किसी खास कारण के बाहर निकल रहे हैं, जिससे पब्लिक प्लेस पर भीड़ जमा हो रही है। कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही नहीं हो रहा। कई लोग संक्रमित होने के बाद भी बाहर घूम रहे हैं। जनता की लापरवाही से ही कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है।
-जया कुशवाह, इंदौर
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लगातार बढ़ रहा है खतरा
बिना मास्क के इधर-उधर जाने, दोस्तों, रिश्तेदारों, सहयोगी कर्मचारियों आदि से बिना मास्क लगाए बात करना, दूरी बनाने की बजाय एक साथ इकठ्ठे होने, नियमित रूप से हाथों को नहीं धोने, हाथ मिलाने, अस्पतालों में जांच की समुचित व्यवस्था नहीं होने जैसे अनेक कारण हैं। इससे कोरोना का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
-रामेश्वर आमेटा, कारोलिया,राजसमन्द
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बिना मास्क के इधर-उधर जाने, दोस्तों, रिश्तेदारों, सहयोगी कर्मचारियों आदि से बिना मास्क लगाए बात करना, दूरी बनाने की बजाय एक साथ इकठ्ठे होने, नियमित रूप से हाथों को नहीं धोने, हाथ मिलाने, अस्पतालों में जांच की समुचित व्यवस्था नहीं होने जैसे अनेक कारण हैं। इससे कोरोना का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
-रामेश्वर आमेटा, कारोलिया,राजसमन्द
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बचाव के उपायों पर ध्यान देना जरूरी
कोरोना का खतरा लगातार बढता जा रहा है। इसके प्रमुख कारणों में से एक लोगों का गंभीर नहीं होना है। हमें यह मानकर चलना चाहिए कि फिलहाल कोरोना के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए बचाव के उपायों जैसे मास्क, दूरी और काढ़े के इस्तेमाल को दैनिक जीवन में अपनाना होगा। कार्यस्थल, बाजार और भीड़भाड़ वाली जगहों पर अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता है।
हुक्मा सांई भलासरिया, जोधपुर
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कोरोना का खतरा लगातार बढता जा रहा है। इसके प्रमुख कारणों में से एक लोगों का गंभीर नहीं होना है। हमें यह मानकर चलना चाहिए कि फिलहाल कोरोना के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए बचाव के उपायों जैसे मास्क, दूरी और काढ़े के इस्तेमाल को दैनिक जीवन में अपनाना होगा। कार्यस्थल, बाजार और भीड़भाड़ वाली जगहों पर अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता है।
हुक्मा सांई भलासरिया, जोधपुर
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मजबूरी में निकलना पड़ता है बाहर
कोरोना काल में प्रत्येक भारतीय को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। परिणाम स्वरूप उसे दो समय का भोजन जुटाने के लिए कोरोना को भूलकर रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। अपने घरों में रहकर किसी भी व्यक्ति का पेट नहीं भर सकता। अत: नहीं चाहते हुए भी व्यक्ति को मजबूरी में घर से बाहर जाना पड़ता है। यही वजह है कि कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा हैं।
-गिरधर गौड, बारां
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कोरोना काल में प्रत्येक भारतीय को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। परिणाम स्वरूप उसे दो समय का भोजन जुटाने के लिए कोरोना को भूलकर रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। अपने घरों में रहकर किसी भी व्यक्ति का पेट नहीं भर सकता। अत: नहीं चाहते हुए भी व्यक्ति को मजबूरी में घर से बाहर जाना पड़ता है। यही वजह है कि कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा हैं।
-गिरधर गौड, बारां
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आपसी सहयोग जरूरी
दिन-प्रति-दिन कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। लॉकडाउन की समाप्ति के बाद लोग ज्यादा लापरवाह हो गए हैं। कोरोना जांच में पॉजिटिव आने पर भी लोग निश्चिंत होकर बाजारो में घूम रहे हैं। सरकार के बार-बार निर्देशों के पश्चात भी लोगो का एक स्थान से दूसरे स्थान पर अनावश्यक आवागमन अब भी जारी है। एक दूसरे का ध्यान रखना होगा। बचाव के लिए सभी उपाय करने होंगे। कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए सभी को आपस में सहयोग करना होगा।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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दिन-प्रति-दिन कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। लॉकडाउन की समाप्ति के बाद लोग ज्यादा लापरवाह हो गए हैं। कोरोना जांच में पॉजिटिव आने पर भी लोग निश्चिंत होकर बाजारो में घूम रहे हैं। सरकार के बार-बार निर्देशों के पश्चात भी लोगो का एक स्थान से दूसरे स्थान पर अनावश्यक आवागमन अब भी जारी है। एक दूसरे का ध्यान रखना होगा। बचाव के लिए सभी उपाय करने होंगे। कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए सभी को आपस में सहयोग करना होगा।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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अनलॉक के बाद बढ़ी लापरवाही
वैश्विक महामारी कॉविड-19 का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। संक्रमितों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जांच के संसाधनो की कमी, स्वास्थ्य महकमे में डॉक्टर व स्टाफ की कमी भी प्रतीत हो रही है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया था। फिर अनलॉक किया। बेहतर तो यह है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। घरों में रहें, सुरक्षित रहें। हैंड वाश, मास्क की अनिवार्यता, समय-समय पर सैनिटाइज करना, अनावश्यक बाहर न निकलना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, सामूहिक कार्यक्रमों पर नियंत्रण आदि बचाव के उपाय हैं। मुश्किल यह है कि अनलॉक के बाद लोगों ने बिना मास्क घूमना शुरू कर दिया, दुकान खुलनी शुरू हुई। लापरहवाही के चलते कोराना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।
-विद्याशंकर पाठक, सरोदा, डूंगरपुर
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लोग लापरवाह हो रहे हैं
कोरोना को लोग अब हल्के में ले रहे हैं। सरकारी एडवाइजरी का पालन नहीं किया जा रहा है। भीड़ हो रही है और बिना मास्क के लोग घूम रहे हैं। लोग अब लापरवाह हो रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़, सीकर
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वैश्विक महामारी कॉविड-19 का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। संक्रमितों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जांच के संसाधनो की कमी, स्वास्थ्य महकमे में डॉक्टर व स्टाफ की कमी भी प्रतीत हो रही है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया था। फिर अनलॉक किया। बेहतर तो यह है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। घरों में रहें, सुरक्षित रहें। हैंड वाश, मास्क की अनिवार्यता, समय-समय पर सैनिटाइज करना, अनावश्यक बाहर न निकलना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, सामूहिक कार्यक्रमों पर नियंत्रण आदि बचाव के उपाय हैं। मुश्किल यह है कि अनलॉक के बाद लोगों ने बिना मास्क घूमना शुरू कर दिया, दुकान खुलनी शुरू हुई। लापरहवाही के चलते कोराना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।
-विद्याशंकर पाठक, सरोदा, डूंगरपुर
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लोग लापरवाह हो रहे हैं
कोरोना को लोग अब हल्के में ले रहे हैं। सरकारी एडवाइजरी का पालन नहीं किया जा रहा है। भीड़ हो रही है और बिना मास्क के लोग घूम रहे हैं। लोग अब लापरवाह हो रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़, सीकर
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नहीं लगाते लोग मास्क
कोरोना वायरस का खतरा बढता ही जा रहा है। इसका प्रमुख कारण नागरिको की लापरवाही है। आमतौर पर देखा जाए, तो सार्वजनिक स्थानों पर भी लोग सावधानी नहीं बरतते। वे न तो मास्क का प्रयोग करते हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हैं।
-वर्षा भूरिया, झुन्झुनू
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कोरोना वायरस का खतरा बढता ही जा रहा है। इसका प्रमुख कारण नागरिको की लापरवाही है। आमतौर पर देखा जाए, तो सार्वजनिक स्थानों पर भी लोग सावधानी नहीं बरतते। वे न तो मास्क का प्रयोग करते हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हैं।
-वर्षा भूरिया, झुन्झुनू
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हर स्तर पर लापरवाही
कोरोना की वैक्सीन ना आने तक इसको रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। कोरोनावायरस की चेन तोड़कर ही इसे रोका जा सकता है। हमें हर वह कदम उठाने चाहिए, जो कोरोनावायरस की चेन तोड़ सके। इसके लिए हमें सरकार पर निर्भर नहीं रहना है। हर स्तर की लापरवाही की वजह से ही आज है इतना फैल गया है की इसे रोकना मुश्किल हो गया है।
-रितु शेखावत, जयपुर
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कोरोना की वैक्सीन ना आने तक इसको रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। कोरोनावायरस की चेन तोड़कर ही इसे रोका जा सकता है। हमें हर वह कदम उठाने चाहिए, जो कोरोनावायरस की चेन तोड़ सके। इसके लिए हमें सरकार पर निर्भर नहीं रहना है। हर स्तर की लापरवाही की वजह से ही आज है इतना फैल गया है की इसे रोकना मुश्किल हो गया है।
-रितु शेखावत, जयपुर
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जनता में जागरूकता जरूरी
अगर आप सब्जी मंडी या राशन की दुकान पर जाएंगे, तो देखेंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग नियम की पालना नहीं हो रही है। वहां भीड़ को काबू करना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन अपनी तरफ से पूरा सहयोग कर रहा है, परंतु जनता की लापरवाही से महामारी में इजाफा हो रहा है। जनता को जागरूक रहने की आवश्यकता है!
-महावीर सिंह भाटी, बिनावास, जोधपुर
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अगर आप सब्जी मंडी या राशन की दुकान पर जाएंगे, तो देखेंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग नियम की पालना नहीं हो रही है। वहां भीड़ को काबू करना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन अपनी तरफ से पूरा सहयोग कर रहा है, परंतु जनता की लापरवाही से महामारी में इजाफा हो रहा है। जनता को जागरूक रहने की आवश्यकता है!
-महावीर सिंह भाटी, बिनावास, जोधपुर
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नहीं हो रही गाइडलाइन की पालना
महामारी के बढऩे का मुख्य कारण लापरवाही है। सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा। सरकार ने सभी प्रकार से जनता को जागरुक करने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन जनता की लापरवाही के परिणाम स्वरूप बीमारी बढ़ती जा रही है। इसके केस रोज बढ़ते जा रहे हंै। एक मुख्य कारण यह भी है कि जिस गति से मरीज बढ़ रहे हैं, उसके मुकाबले सरकार जांच और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पा रही हैै।
-सुशील मेहता, ब्यावर
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महामारी के बढऩे का मुख्य कारण लापरवाही है। सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा। सरकार ने सभी प्रकार से जनता को जागरुक करने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन जनता की लापरवाही के परिणाम स्वरूप बीमारी बढ़ती जा रही है। इसके केस रोज बढ़ते जा रहे हंै। एक मुख्य कारण यह भी है कि जिस गति से मरीज बढ़ रहे हैं, उसके मुकाबले सरकार जांच और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पा रही हैै।
-सुशील मेहता, ब्यावर
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बढ़ता जा रहा है खतरा
कोरोना एक वैश्विक महामारी है। इसका संक्रमण पूरे विश्व में तेजी से फैल रहा है। कोरोना का खतरा इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि इसका अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं है। साथ ही लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण यह बेकाबू होता जा रहा है ।
-ऋचा राजगुरु, इंदौर
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कोरोना एक वैश्विक महामारी है। इसका संक्रमण पूरे विश्व में तेजी से फैल रहा है। कोरोना का खतरा इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि इसका अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं है। साथ ही लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण यह बेकाबू होता जा रहा है ।
-ऋचा राजगुरु, इंदौर
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खतरे की अनदेखी
कोरोना का खतरा इसलिए भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि लोग अपने दैनिक जीवन के कार्यों को उसी तरह करते आ रहे हैं, जैसे पहले करते थे। उन्हें इस बीमारी के खतरों का अहसास तब होता है, जब यह बीमारी उनको या उनके किसी परिचित को जकड़ लेती है। यही कारण है कि कोरोना का खतरा अत्यधिक बढ़ता ही जा रहा है।
-बलवंत कुमार खंडेलवाल, फतेहपुर, बानसूर, अलवर
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कोरोना का खतरा इसलिए भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि लोग अपने दैनिक जीवन के कार्यों को उसी तरह करते आ रहे हैं, जैसे पहले करते थे। उन्हें इस बीमारी के खतरों का अहसास तब होता है, जब यह बीमारी उनको या उनके किसी परिचित को जकड़ लेती है। यही कारण है कि कोरोना का खतरा अत्यधिक बढ़ता ही जा रहा है।
-बलवंत कुमार खंडेलवाल, फतेहपुर, बानसूर, अलवर
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हर जगह हालात गंभीर
भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में तीव्रता चिंताजनक है। कोरोना का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। ऐसा लगता है कि इसका मुख्य कारण है कम्युनिटी ट्रांसमिशन। वस्तुत: इस स्टेज में मुख्य सोर्स का मालूम नही चलता। इसलिए यह सुनने में आ रहा है कि एक ही परिवार के 30 सदस्य पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। भारत के लगभग हर राज्य में हालात गंभीर हंै। राजस्थान की बात करें, तो लगभग सभी जिलों में संक्रमण के मामले आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण सामाजिक दूरी एवं मास्क की अनुपालना एवं स्वच्छता का ध्यान नही रखना बताया जा रहा है। आज जरूरत है कि हर आमजन को स्वयं की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। यह नियमबद्ध जीवन शैली एवं कोरोना गाइड लाइन की अनुपालना से ही सम्भव है।
-डॉ. नयन प्रकाश गाँधी, कोटा
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भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में तीव्रता चिंताजनक है। कोरोना का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। ऐसा लगता है कि इसका मुख्य कारण है कम्युनिटी ट्रांसमिशन। वस्तुत: इस स्टेज में मुख्य सोर्स का मालूम नही चलता। इसलिए यह सुनने में आ रहा है कि एक ही परिवार के 30 सदस्य पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। भारत के लगभग हर राज्य में हालात गंभीर हंै। राजस्थान की बात करें, तो लगभग सभी जिलों में संक्रमण के मामले आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण सामाजिक दूरी एवं मास्क की अनुपालना एवं स्वच्छता का ध्यान नही रखना बताया जा रहा है। आज जरूरत है कि हर आमजन को स्वयं की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। यह नियमबद्ध जीवन शैली एवं कोरोना गाइड लाइन की अनुपालना से ही सम्भव है।
-डॉ. नयन प्रकाश गाँधी, कोटा
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जांच पर भी सवाल
कोरोना का खतरा वापस बढ़ता ही जा रहा है। अब ये सामुदायिक स्तर पर फैलने लगा है। जांच की सुविधा व्यापक नहीं है। जनता ने सब चीजों को सामान्य लेना शुरू कर दिया है। सैनिटाइज करने में रुचि कम है। जांच की गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिह्न लगा है। सरकार गाइडलाइन की पालना में सख्ती नहीं करना चाहती है। आवागमन बढऩे से संक्रमण बहुत हो रहा है। सरकार भले ही छूट दे, लेकिन अत्यावश्यक होने पर ही सैनिटाइज होकर आवागमन करे, तो ही कुछ सीमा तक बचा जा सकता है। गर्म पानी, देशी उपायों का भी लगातार उपयोग करना चाहिए।,
-सुमन कागरेचा, राजसमंद
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कोरोना का खतरा वापस बढ़ता ही जा रहा है। अब ये सामुदायिक स्तर पर फैलने लगा है। जांच की सुविधा व्यापक नहीं है। जनता ने सब चीजों को सामान्य लेना शुरू कर दिया है। सैनिटाइज करने में रुचि कम है। जांच की गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिह्न लगा है। सरकार गाइडलाइन की पालना में सख्ती नहीं करना चाहती है। आवागमन बढऩे से संक्रमण बहुत हो रहा है। सरकार भले ही छूट दे, लेकिन अत्यावश्यक होने पर ही सैनिटाइज होकर आवागमन करे, तो ही कुछ सीमा तक बचा जा सकता है। गर्म पानी, देशी उपायों का भी लगातार उपयोग करना चाहिए।,
-सुमन कागरेचा, राजसमंद
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बचाव ही उपचार
लोगों में जागरूकता की कमी है। लोगों का मास्क न लगाना, भीड़-भाड़ वाली जगह पर जमा होना, बिना मतलब के घूमना चिंता की बात है। देश में फिर से लॉकडाउन लगाना मुश्किल है। सारी आर्थिक गतिविधयां रुक जाएंगी। हां, सरकार को धारा 144 लगानी चाहिए। जब तक इसकी दवाई ना आए, अपने आप को बचाना ही एकमात्र इलाज है।
-संजय जाजू भीलवाड़ा
लोगों में जागरूकता की कमी है। लोगों का मास्क न लगाना, भीड़-भाड़ वाली जगह पर जमा होना, बिना मतलब के घूमना चिंता की बात है। देश में फिर से लॉकडाउन लगाना मुश्किल है। सारी आर्थिक गतिविधयां रुक जाएंगी। हां, सरकार को धारा 144 लगानी चाहिए। जब तक इसकी दवाई ना आए, अपने आप को बचाना ही एकमात्र इलाज है।
-संजय जाजू भीलवाड़ा
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दृष्टिकोण बदलने की जरूरत
कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आज मानव भ्रम, भय, भ्रांति और भटकाव में जी रहा है। वह समझता है कि मुझे क्या होने वाला है? इसी बहकावे के चलते वह कोरोना सुरक्षा के लिए निर्धारित अपनाए जाने वाली गाइडलाइन जैसे मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस अपनाना, अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचना, बार-बार हाथ धोना जैसी सावधानी पर ध्यान नहीं दे रहा। हम अपना दृष्टिकोण बदलें और कोरोना से लडऩे के लिए इन छोटे-छोटे नियमों की पालना दृढ़ता से सुनिश्चित करें।
-प्रहलाद पारीक, वलसाड, गुजरात।
दृष्टिकोण बदलने की जरूरत
कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आज मानव भ्रम, भय, भ्रांति और भटकाव में जी रहा है। वह समझता है कि मुझे क्या होने वाला है? इसी बहकावे के चलते वह कोरोना सुरक्षा के लिए निर्धारित अपनाए जाने वाली गाइडलाइन जैसे मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस अपनाना, अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचना, बार-बार हाथ धोना जैसी सावधानी पर ध्यान नहीं दे रहा। हम अपना दृष्टिकोण बदलें और कोरोना से लडऩे के लिए इन छोटे-छोटे नियमों की पालना दृढ़ता से सुनिश्चित करें।
-प्रहलाद पारीक, वलसाड, गुजरात।