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ब्रह्म-विवर्त : क्या और क्यों

प्रस्तुत ग्रन्थ का शीर्षक ब्रह्म-विवर्त है। इसका अर्थ है कि एक ब्रह्म ही उस प्रकार संसार में परिणत हो जाता है जिस प्रकार एक ही समुद्र में अनेक लहरें उठती हैं।

Mar 15, 2015 / 04:27 am

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