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बोतल युग

Published: Dec 21, 2015 10:24:00 pm

लोगों में भगवान के दर्शन के लिए भी इतनी व्यग्रता नहीं दिखती जितनी ठेके के शटर गिरने से पहले नज़र आती है

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लीजिए साहब। देखते देखते भाटा युग, ताम्बा युग, लोहा युग, रजत युग, स्वर्ण युग इत्यादि इत्यादि प्रकार के युग समाप्त हो गए और हम बोतल युग में प्रवेश कर गए। आजकल तो प्लास्टिक की थैलियों में आता है परन्तु जब डेयरियों की शुरुआत हुई थी तब दूध बोतल में आता था। आज के युग को बोतल युग क्यों कहा जा रहा है? हमारा बस चले तो इस अबूझ प्रश्न का उत्तर सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अनिवार्य कर दें। बल्कि यह तय करा दें कि फॉर्म के साथ ही ‘बोतल युग’ पर निबन्ध लिख कर भेजना पड़ेगा और जिनके निबंध ठीकठाक पाए जाएंगे वे ही परीक्षा में बैठ सकेंगे। दरअसल आज आप किसी भी चीज के बगैर जिन्दगी जी सकते हैं लेकिनबोतल के बगैर नहीं। अगर आप बोतल को इतना महत्वहीन समझ रहे हैंं तो कृपया दो-एक दिन आप हमारे साथ बिताएं हम आपको समझा देंगे कि बोतल क्यों जरूरी है?

आज जीवन के लिए अति आवश्यक दो चीजें बोतल में ही बिकती हैं- प्रथम पानी और द्वितीय दारू। घर से बाहर निकलते ही बोतल का पानी आपके लिए जरूरी हो जाएगा। क्योंकि परम्परागत पानी के स्रोत जैसे प्याऊ इत्यादि तो बीते युग की बातें हैं। पानी से भी महत्वपूर्ण दारू है जिसे सोमरस, चषक, शराब, मय इत्यादि नामों से पुकार सकते हैं। चाहे दक्षिण पंथी हो या वामपंथी शराब बेचना उनका परम धंधा बन चुका है।

इसके बगैर राज्यों की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। कुछ अति उत्साही राज्यों ने शराब पर औपचारिक प्रतिबंध लगा रखा है पर वहां भी बड़े मजे से यह पेय सुलभ है। भले इसके लिए अतिरिक्त जेब ढीली करनी पड़े। शाम को शहर में दारू की किसी भी दूकान के सामने खड़े होकर आप अद्भुत नज़ारे मुफ्त में देख सकते हैं। कसम से लोगों में भगवान के दर्शन के समय भी इतनी व्यग्रता नहीं दिखलाई देती जितनी कि दारू की दूकान के शटर गिरने से पहले नज़र आती है। अब तो सुना है साफ हवा भी बोतलों में भर के बेची जाने लगी हैं।

और जिस तरह भारत भूमि का तीव्र गति से विकास हो रहा है और वायु प्रदूषण बढ़ रहा है आपको अपने साथ स्वच्छ हवा से भरी बोतल भी अवश्य रखनी ही पड़ेगी। वरना बीच रास्ते में आपकी प्राण वायु समाप्त हो सकती है और आप बगैर टिकट सीधे दूसरी दुनिया में प्रस्थान कर जाएंगे। स्वर्ग में इसलिए नहीं जा पाएंगे कि वहां तो आलरेडी हमारे नेताओं और अफसरों ने सीटें बुक करा रखी हैं। बेहतर आप बगैर नाक भौं सिकोड़ तहे दिल से बोतल युग का स्वागत करें। जय बोतल माता की।
राही
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