आर्थिक रूप से बुलेट ट्रेन तभी लाभ का सौदा होगी, जब बड़ी संख्या में यात्री पूरे दिन सफर करें। दूसरे, जब इन दो शहरों के बीच हवाई यात्रा का किराया लगभग 2000 रुपए है तो कितनी संख्या में लोग बुलेट ट्रेन से यात्रा करना चाहेंगे? प्राय: विकसित देशों और कुछ विकासशील देशों में बुलेट ट्रेन तभी सफल हुई है, जब यात्री भार इतना हो कि लगभग हर दस मिनट में एक टे्रन अवश्य चले और किराया भी कम हो।
जापान की बुलेट ट्रेन सेवा तोक्यो और ओसाका के बीच घनी आबादी वाले क्षेत्र में बनाई गई थी, जहां साढ़े चार करोड़ से अधिक आबादी है। तोक्यो और ओसाका की दूरी 515 किलोमीटर है, जिसे बुलेट टे्रन तीन घंटे से भी कम में पूरी करती है और बीच में केवल दो जगह रुकती है। ट्रेन की गति 320 किमी. प्रति घंटा है, हर ट्रेन में 16 बोगी होती हैं और 13 ट्रेनें हर घंटे चलती हैं।
यूरोप में भी उच्च घनत्व आबादी क्षेत्रों में हवाई किराए की तुलना में प्रतिस्पर्धी किराये के कारण यात्रियों की बड़ी संख्या बुलेट ट्रेन पसंद करती है। दक्षिण कोरिया में सियोल और बुसान के बीच बुलेट ट्रेन में 70 प्रतिशत यात्री सफर करते हैं। फ्रांसीसी हाई-स्पीड रेल पेरिस-लियों लाइन पर शुरू हुई थी। यह मार्ग 450 किमी. लंबा है और मुख्यत: परमाणु ऊर्जा पर निर्भर होने के कारण बुलेट ट्रेन अपेक्षाकृत सस्ती है। फुकुशिमा आपदा से पहले जापान में भी बुलेट ट्रेन परमाणु ऊर्जा पर निर्भर थी।
अमरीका में भी लॉस एंजिल्स व सैन फ्रांसिस्को के बीच बुलेट ट्रेन की योजना बनी, पर 58 बिलियन अमरीकी डॉलर के अनुमानित सार्वजनिक व्यय करने की अनुमति सेनेट ने नहीं दी। अर्जेंटीना और स्पेन में भी बढ़ती बेरोजगारी और लोगों की कम आमदनी ने इन परियोजनाओं को रोक रखा है।
क्या भारत में ये समस्याएं हल कर ली गई हैं? जहां मानव या पशु रेल-लाइनों में घुस आते हैं और कई रेल-दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोग मारे जाते हैं, वहां कुलीन-उन्मुख बुलेट ट्रेन के लिए भारी निवेश करना और बड़ी मात्रा में किसानों से भूमि अधिग्रहण करना क्या फायदे का सौदा है?