9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Patrika opinion भुखमरी से लड़ाई जीतने के लिए रोकें भोजन की बर्बादी

दुनिया भर में भोजन की बर्बादी और नुकसान को आधा कर दिया जाए तो 15.3 करोड़ लोगों का पेट भरा जा सकता है। असल बात तो यही है कि दुनिया का जितना ध्यान खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने की तरफ है, उसका चौथाई भी इनकी बर्बादी रोकने पर नहीं है। हालत यह है कि हर साल उत्पादित होने वाले सभी खाद्य पदार्थों का लगभग पांचवां हिस्सा बर्बाद हो जाता है।

2 min read
Google source verification

भुखमरी और कुपोषण की समस्या पर चहुंओर चर्चा होती है लेकिन इस तथ्य की अनदेखी की जाती रही है कि यह समस्या प्राकृतिक से ज्यादा मानव जनित है। गरीबी के कारण खाद्य पदार्थ नहीं खरीद पाने और युद्ध के हालात में भुखमरी की नौबत आना स्वाभाविक है लेकिन खाद्य पदार्थों की बर्बादी भी बड़ी वजह है जिसके कारण भूख के खिलाफ लड़ाई कमजोर होती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की ओर से जारी संयुक्त रिपोर्ट में इसी तथ्य का खुलासा किया गया है।
इस रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि दुनिया भर में भोजन की बर्बादी और नुकसान को आधा कर दिया जाए तो 15.3 करोड़ लोगों का पेट भरा जा सकता है। असल बात तो यही है कि दुनिया का जितना ध्यान खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने की तरफ है, उसका चौथाई भी इनकी बर्बादी रोकने पर नहीं है। हालत यह है कि हर साल उत्पादित होने वाले सभी खाद्य पदार्थों का लगभग पांचवां हिस्सा बर्बाद हो जाता है।
ज्यादातर अमीर देशों में खाने की बर्बादी रसोई में होती है। यानी खाद्य पदार्थ तैयार तो कर लिए जाते हैं लेकिन पूरे खाए नहीं जाते। फ्रिज और रसोई की अलमारियों में ही यह भोजन खराब हो जाता है और बाद में फेंक दिया जाता है। भोजन की यह बर्बादी कई तरह की पर्यावरणीय समस्याओं का कारण भी बनती है। विकासशील देशों में तो फसल कटाई के समय और उसके बाद खाद्यान्न की ज्यादा बर्बादी होती है। ज्यादातर किसानों के पास भंडारण की आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं, जिससे बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थ बर्बाद हो जाते हैं। हमारे देश में तो भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में ही बड़ी मात्रा में खाद्यान्न खराब हो जाता है। और तो और, रसोई में बने खाद्य पदार्थों की बर्बादी भी खूब होती है। फल सब्जियों का खराब होना भी सामान्य बात है, जिसे सभी अनुभव कर सकते हैं। निजी और सार्वजनिक समारोहों में खाद्य पदार्थों की बर्बादी किसी से छिपी हुई नहीं है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि भुखमरी के शिकार लोग इस तरह फेंकी गई खाद्य सामग्री को कचरे से निकालकर भूख मिटाने को मजबूर नजर आते हैं।
खाद्य पदार्थों की बर्बादी से न केवल मांग और आपूर्ति का संतुलन गड़बड़ाता है, बल्कि इससे कई तरह के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं। इस बर्बादी को रोकना हर सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए। खाद्य पदार्थों की बर्बादी हर स्तर पर रुकनी चाहिए। सरकार ही नहीं हर व्यक्ति को सतर्क रह कर खाद्य पदार्थों की बर्बादी रोकनी होगी।