नेताओं का स्वार्थ
केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती और कांग्रेसियों को राज्यसभा में भेजना आसान होता तो कोई भी नेता उसे नहीं छोड़ता। भाजपा सत्ता में है तो अपना स्वार्थ साधने के लिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी की बुराई करके भाजपा आलाकमान को ज्यादा खुश किया जा सकता है। महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ती हिंसा से इन नेताओं को कोई लेना देना नहीं। गांधी परिवार में सत्ता का लालच नहीं।
– पंजाबराव बनसोड, बैतूल, म.प्र.
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केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती और कांग्रेसियों को राज्यसभा में भेजना आसान होता तो कोई भी नेता उसे नहीं छोड़ता। भाजपा सत्ता में है तो अपना स्वार्थ साधने के लिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी की बुराई करके भाजपा आलाकमान को ज्यादा खुश किया जा सकता है। महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ती हिंसा से इन नेताओं को कोई लेना देना नहीं। गांधी परिवार में सत्ता का लालच नहीं।
– पंजाबराव बनसोड, बैतूल, म.प्र.
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अच्छे नेतृत्व की जरूरत
किसी भी संगठन या पार्टी की सफलता नेतृत्व पर ही निर्भर करती है। ऐसा नेतृत्व जो सभी को एक कड़ी में बांध सके,क्योंकि संगठन में शक्ति होती है। कांग्रेस को परिवारवाद का त्याग कर एक अच्छे नेतृत्व की आवश्यकता है।
-अनिल धानका, अलवर
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किसी भी संगठन या पार्टी की सफलता नेतृत्व पर ही निर्भर करती है। ऐसा नेतृत्व जो सभी को एक कड़ी में बांध सके,क्योंकि संगठन में शक्ति होती है। कांग्रेस को परिवारवाद का त्याग कर एक अच्छे नेतृत्व की आवश्यकता है।
-अनिल धानका, अलवर
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परिवारवाद का प्रभाव
वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसका एक कारण कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद के प्रभाव को माना जा रहा है। अत: सबसे पहले कांग्रेस पार्टी को परिवारवादी विचारधारा से बाहर निकलना होगा।
रामकरण मीणा, जयपुर
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संगठन मे बदलाव जरूरी है
कांग्रेस की अंदरूनी कमजोरी को ध्यान मे रखते हुए जितना जल्दी हो सके संगठनात्मक चुनाव कराने चाहिए ताकि दिखाया जा सके कि ये कांग्रेस वही कांग्रेस है जिसने आजादी के लिए कितने बलिदान दिये। कांग्रेस मे अनुभव और युवाओं के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। पार्टी को नया नेतृत्व मिलना चाहिए।
अशोक कुमार शर्मा, झोटवाड़ा, जयपुर
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वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसका एक कारण कांग्रेस पार्टी में परिवारवाद के प्रभाव को माना जा रहा है। अत: सबसे पहले कांग्रेस पार्टी को परिवारवादी विचारधारा से बाहर निकलना होगा।
रामकरण मीणा, जयपुर
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संगठन मे बदलाव जरूरी है
कांग्रेस की अंदरूनी कमजोरी को ध्यान मे रखते हुए जितना जल्दी हो सके संगठनात्मक चुनाव कराने चाहिए ताकि दिखाया जा सके कि ये कांग्रेस वही कांग्रेस है जिसने आजादी के लिए कितने बलिदान दिये। कांग्रेस मे अनुभव और युवाओं के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। पार्टी को नया नेतृत्व मिलना चाहिए।
अशोक कुमार शर्मा, झोटवाड़ा, जयपुर
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कांग्रेस नेतृत्व पर उठाए जा रहे सवाल
कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए खींचतान चल रही है। कोई योग्य व्यक्ति इस पद के लिए नही मिल रहा। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दिया है। यह घटनाक्रम पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी को बयां करता है। जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो कांग्रेस पार्टी का सभी राज्यों से सफाया निश्चित है। पार्टी को सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर संगठन को मजबूत बनाने की पहल करनी चाहिए।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए खींचतान चल रही है। कोई योग्य व्यक्ति इस पद के लिए नही मिल रहा। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दिया है। यह घटनाक्रम पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी को बयां करता है। जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो कांग्रेस पार्टी का सभी राज्यों से सफाया निश्चित है। पार्टी को सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर संगठन को मजबूत बनाने की पहल करनी चाहिए।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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थोपे जाते हैं नेता
कई साल बीतने के बाद भी जो पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय नहीं कर पाती, उसके संगठन पर तो सवालिया निशान खड़े होंगे ही। कांग्रेस पार्टी में संगठन के पदों पर नेता थोपे जाते हैं। लोगों को अचानक बर्खास्त भी कर दिया जाता है। बिना सुनवाई के अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है इसलिए बार-बार संगठन पर सवालिया निशान उठते रहते हैं।
-डॉक्टर माधव सिंह, श्रीमाधोपुर, सीकर
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कई साल बीतने के बाद भी जो पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय नहीं कर पाती, उसके संगठन पर तो सवालिया निशान खड़े होंगे ही। कांग्रेस पार्टी में संगठन के पदों पर नेता थोपे जाते हैं। लोगों को अचानक बर्खास्त भी कर दिया जाता है। बिना सुनवाई के अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है इसलिए बार-बार संगठन पर सवालिया निशान उठते रहते हैं।
-डॉक्टर माधव सिंह, श्रीमाधोपुर, सीकर
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