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सेहत : कोविड टीकाकरण से दूर होंगी मातृत्व सुख से जुड़ी चिंताएं

locationनई दिल्लीPublished: Jul 06, 2021 10:31:06 am

विगत छह माह में विश्वभर में कोविड-19 वैक्सीन के 200 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें गर्भवती महिलाएं व स्तनपान करवाने वाली माताएं भी शामिल हैं।

सेहत : कोविड टीकाकरण से दूर होंगी मातृत्व सुख से जुड़ी चिंताएं

सेहत : कोविड टीकाकरण से दूर होंगी मातृत्व सुख से जुड़ी चिंताएं

डॉ. चंद्रकांत लहारिया, (जन स्वास्थ्य, वैक्सीन और स्वास्थ्य तंत्र विशेषज्ञ)

जब देश में 18 से 44 आयुवर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ तो इन दोनों ही श्रेणी में आने वाली महिलाओं को इसमें शामिल नहीं किया गया था। कारण यह रहा कि गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करवाने वाली माताएं वैक्सीन के ट्रायल में शामिल नहीं की गई थीं। इन पर वैक्सीन के सुरक्षित होने संबंधी कोई डेटा उपलब्ध नहीं था। लेकिन मई के मध्य में स्तनपान करवाने वाली माताओं और फिर जुलाई की शुरुआत में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की अनुमति दे दी गई।

विगत छह माह में विश्वभर में कोविड-19 वैक्सीन के 200 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। उपलब्ध आंकड़ों से स्वास्थ्य और टीकाकरण विषेशज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि कोविड-19 वैक्सीन हर वर्ग के लिए सुरक्षित है। इनमें गर्भवती महिलाएं व स्तनपान करवाने वाली माताएं भी शामिल हैं। वैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुसार, स्तनपान करवाने वाली माताओं के टीकाकरण से नवजात शिशु को भी कुछ सुरक्षा मिलती है। टीकाकरण के बाद बनने वाली एक प्रकार की एंटीबॉडी ‘इम्मुनोग्लोबुलिन ए’ मां के दूध के जरिये शिशु तक पहुंचती है। इसलिए टीकाकरण के पहले और बाद में माताओं को चाहिए कि वे शिशु को दूध पिलाना जारी रखें।

जहां तक गर्भवती महिलाओं की बात है, ऐसे साक्ष्य हैं कि कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक रहती है। भ्रूण को भी अतिरिक्त खतरा रहता है और समय से पूर्व जन्म व नवजात शिशु की मृत्यु का जोखिम रहता है। जो गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य संबंधी समस्या (को-मोर्बिडिटी) या अधिक वजन (मोटापे) का शिकार हों या जिनकी उम्र तीस साल से अधिक हो, उनको गंभीर बीमारी का जोखिम अधिक होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को इस अतिरिक्त जोखिम से बचाता है।

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कभी भी टीका लगवा सकती हैं। जो महिलाएं गर्भधारण के बारे में विचार कर रही हैं, उचित होगा वे पहले ही टीकाकरण करवा लें। यदि कोई महिला वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज के बाद गर्भवती होती है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। मौजूदा वैज्ञानिक प्रमाणों के मुताबिक, किसी भी स्वीकृत वैक्सीन का भ्रूण पर कोई गलत प्रभाव नहीं देखा गया है। गर्भ ठहरने के 13वें सप्ताह के बाद गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का सबसे आदर्श समय माना जा सकता है। इस समय गर्भवती महिला को टिटनेस टॉक्सॉइड (टीटी) टीका भी लगवाना होता है। उपयुक्त रहेगा कि या तो टीटी के साथ ही कोविड-19 वैक्सीन लगवा ली जाए या फिर चार सप्ताह का अंतर हो। कोविड-19 वैक्सीन के बाद गर्भवती महिलाओं में भी वैसे ही मामूली ‘एडवर्स इवेंट्स’ या लक्षण आ सकते हैं जो अन्य आयु वर्ग के लोगों में दिखाई देते हैं। गर्भवती महिला को निर्धारित अंतराल के बाद दूसरी डोज लगवानी चाहिए। वैक्सीन स्वीकृत में से कोई भी लगवाई जा सकती है।

चूंकि अब गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं का टीकाकरण शुरू हो चुका है, इसलिए राज्य व जिला स्वास्थ्य तंत्र को वे सब जरूरी कदम उठाने चाहिए, जिनसे बिना किसी परेशानी के, प्राथमिकता के आधार पर उन्हें टीका लगवाया जा सके। परिवार को इनके टीकाकरण को सुनिश्चित करवाना चाहिए और टीकाकरण के लिए योग्य प्रत्येक सदस्य को वैक्सीन लगवानी चाहिए। टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 उपयुक्त आचरण नहीं भूलना है। यही तरीका है कि हम सब मिलकर इस महामारी से जीतेंगे।

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