समाज में शिक्षा का स्तर तो बढ़ रहा है लेकिन नैतिकता का स्तर लगातार गिर रहा है इसी कारण समाज में अपराध बढ़ रहे हैं! आजकल शिक्षा सिर्फ डिग्रियों तक सीमित रह गई है जबकि शिक्षा का वास्तविक अर्थ समाज और व्यक्ति के जीवन में नैतिकता स्थापित करना है।
शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
तरीके में बदलाव जरूरी
शिक्षा का अर्थ बस किताबों में लिखे तथ्य और विचारों को याद करने तक सीमित नहीं है। इसे तो हम कुछ समय बाद भूल जाते हैं। लेकिन शिक्षा के पीछे छिपे सिद्धांतों को शिक्षा का अंग अवश्य कह सकते हैं। इसीलिए शिक्षा देने के तरीक़े में बदलाव की ज़रूरत हैं !
कृष्ण पटेल,सांचोर
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तकनीक का दुरुपयोग
तकनीक के हजारों फायदे होते हुए भी मोबाइल इसके दुरुपयोग का माध्यम बनता जा रहा है। शिक्षा का स्तर उन्नत होते हुए भी अपराध वृद्धि में मोबाइल फोन की भूमिका प्रमुख है । बढ़ता नशा, फूहड़ता से भरी फिल्में और खुले विचार के दुष्प्रभाव ही अपराध के जनक हैं ।
राजेश नेमा, सिंहपुर बड़ा
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पहले संयुक्त परिवार में लोग रहते थे। उन्हें अपने परिवार से ही अच्छी बातें सीखने को मिलती थी। अंकुश भी रहता था। अब एकल परिवार होने से नैतिक शिक्षा नहीं मिलती। इसलिए नैतिक शिक्षा पर ज्यादा जोर देना चाहिए। पाठ्यक्रम में किस प्रकार के अपराध में कौनसी सजा हो सकती है इसे भी शामिल किया जाए।
रामप्रसाद विजयवर्गीय उदयपुर
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शैक्षणिक पाठ्यक्रम में सामाजिक सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों की कमी अपराधों की जन्मदाता है। प्रथम पाठशाला परिवार है यही पर बच्चों को सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों, नैतिकता व संस्कार की शिक्षा मिलती है। लेकिन भौतिकतावादी व उपभोक्तावादी समाज में ऐसा नहीं होने के कारण न दे पाने से शिक्षा का स्तर बढऩे के बावजूद भी अपराध बढ़ रहे।
अन्नपूर्णा खाती, बीकानेर