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सीएसआर: क्या नियम बदलने से बदलेगा रुख?

– कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व: ‘मल्टी-ईयर’ प्रावधान से बेहतर परियोजनाओं की उम्मीद

नई दिल्लीFeb 24, 2021 / 08:50 am

विकास गुप्ता

सीएसआर: क्या नियम बदलने से बदलेगा रुख?

सीएसआर: क्या नियम बदलने से बदलेगा रुख?

निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व या कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) खर्च संबंधी नियमों में कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के संशोधनों में सबसे अहम बदलाव यह रहा कि कंपनियों को अब सीएसआर के तहत एक वर्ष से अधिक समय की परियोजनाओं को हाथ में लेने की अनुमति होगी। साथ ही सीएसआर को लागू करने वाली तमाम एजेंसियों का 1 अप्रेल तक पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इस बदलाव के तहत कंपनियां किसी सेक्शन 8 कंपनी या पंजीकृत पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट को अपने सीएसआर प्रोजेक्ट के लिए अधिकृत नहीं कर पाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि नए बदलाव बड़ी संख्या में उन भारतीय कंपनियों के सीएसआर कार्यक्रमों को प्रभावित करेंगे जो इन्हें निजी ट्रस्ट के जरिए लागू करती हैं। 2021-20 के दौरान सीएसआर खर्च में 2018-19 की तुलना में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई थी।

‘मल्टी-ईयर’ सीएसआर –
नियमों में सबसे अहम संशोधन ‘मल्टी-ईयर’ सीएसआर को माना जा रहा है। इसके तहत एक वर्ष में यदि खर्च अधिक हो जाता है तो तीन साल की अवधि तक इसे समायोजित किया जा सकता है। जो फंड खर्च नहीं होगा, उसे सीएसआर अकाउंट या विशेष कोष में स्थानांतरित करना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ‘मल्टी-ईयर’ सीएसआर के प्रावधान से न केवल कंपनियों को परियोजनाएं लागू करने में आसानी होगा, बल्कि वे बेहतर परियोजनाओं पर काम कर सकेंगी।

राज्यवार सीएसआर खर्च-
(वित्त वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक)
महाराष्ट्र – 12,700, 16%
कर्नाटक – 4,919, 4.9%
गुजरात – 3,925, 4.9%
तमिलनाडु – 3,415, 4.3%
राजस्थान- 2,053, 2.6%
प.बंगाल – 1,666, 2.1%
मध्य प्रदेश – 1,047, 1.3%
छत्तीसगढ़ – 685, 0.9%
(सीएसआर खर्च (करोड़ रुपए में)

कार्य, जिन पर जोर दिया गया
शिक्षा – 39% – 30,710
स्वास्थ्य – 26% – 20,945
ग्रामीण विकास – 11% – 8,750
पर्यावरण – 08% – 6,566

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