scriptसामयिक : डेल्टा वेरिएंट का फैलाव, लेकिन वैक्सीन प्रभावी | Delta variant spread, but vaccine effective | Patrika News

सामयिक : डेल्टा वेरिएंट का फैलाव, लेकिन वैक्सीन प्रभावी

locationनई दिल्लीPublished: Jul 10, 2021 09:06:37 am

डेल्टा वेरिएंट, जिसकी पहचान पहली बार भारत में इसी वर्ष हुई, अब अमरीका में इसके तेजी से फैलने का खतरा है।

सामयिक : डेल्टा वेरिएंट का फैलाव, लेकिन वैक्सीन प्रभावी

सामयिक : डेल्टा वेरिएंट का फैलाव, लेकिन वैक्सीन प्रभावी

मोनिका गांधी, (संक्रामक रोग विशेषज्ञ, कैलिफोर्निया विवि) (द वॉशिंगटन पोस्ट)

अमरीका में सामान्य जीवन करीब-करीब शुरू हो चुका है, पर कई अमरीकी यह जानने को उत्सुक हैं कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बारे में उन्हें कितना चिंतित होना चाहिए? ब्रिटेन और इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस का यह म्यूटेशन पहले की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक है और अमरीका में यह पहले से ही उछाल पर है। इस बीच कुछ अच्छी खबरें भी हैं। जैसे कि वैक्सीन नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है। यह पूरी दुनिया में महामारी से जूझने का सबसे अच्छा और सर्वाधिक ताकतवर उपकरण है। पहली बात, यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि वायरस का नया स्ट्रेन कैसे उत्पन्न हुआ? वायरस तभी म्यूटेट हो सकता है जब यह फैलता है, खासकर जब फैलने की गति तेज हो। अल्फा वेरिएंट से शुरू हुए सभी वेरिएंट को लेकर चिंता है। डेल्टा वेरिएंट, जिसकी पहचान पहली बार भारत में इसी वर्ष हुई, अब अमरीका में इसके तेजी से फैलने का खतरा है।

डेल्टा अन्य वेरिएंट के मुकाबले अधिक आसानी से फैलता है। सवाल यह है कि डेल्टा पर वैक्सीन कारगर है या नहीं? जर्नल नेचर में गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराकें लीं, उन्होंने डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा बरकरार रखी। सैन फ्रांसिस्को में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी के अध्ययन से पता चलता है कि सभी वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन असरकारक है। रियल-वल्र्ड के आंकड़े भी दर्शाते हैं कि डेल्टा वेरिएंट के कारण उत्पन्न सभी गंभीर बीमारियों को दूर करने में टीके बेहद प्रभावी हैं। इंग्लैंड में तो 90 फीसदी से अधिक को अस्पताल में भर्ती होने से बचाया गया। टीका लगवा चुके लोगों में यदि कोविड-19 के लक्षण दिखते हैं, तो संक्रमण हल्का ही होता है।

फिर भी, वेरिएंट से स्वाभाविक चिन्ता उत्पन्न हुई है। इजरायल, ब्रिटेन, अमरीका और कनाडा समेत टीकाकरण वाले उच्च देशों के जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली, उन इलाकों में डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़े हैं। ऐसे भी उदाहरण हैं जिनमें वैक्सीन लगवा चुके लोगों में भी संक्रमण पाया गया। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसी महीने कहा था कि डेल्टा वेरिएंट के असर को रोकने में फाइजर सिर्फ 64 फीसदी तक प्रभावी है। उधर सिंगापुर, कनाडा और ब्रिटेन के आंकड़ों के मुताबिक टीके संक्रमण के खिलाफ 80 से 90 फीसदी प्रभावी हैं, गंभीर बीमारी को रोकने में और भी अधिक प्रभावी हैं। महामारी की शुरुआत में, अस्पतालों में भर्ती होने वाले रोगियों और संक्रमण से मौतों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। अब उच्च टीकाकरण वाले देशों में इस तरह के हालात नहीं हैं। हालांकि, जहां टीकाकरण का प्रतिशत कम है, वहां अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बढ़ी है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना कि हर देश की पहुंच टीकों तक है, हमारे समय की सबसे नैतिक और नीतिपरक जिम्मेदारी है।

हां, वेरिएंट का अलग-अलग स्थानों पर फैलाव होगा और लोगों को मास्क लगाने को कहा जाएगा। भरपूर वैक्सीन का मतलब है- कोविड -19 से होने वाली हर मौत, डेल्टा से भी होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। अब समय आ गया है कि सभी पात्र लोगों को टीका लगाने के काम में तेजी लाई जाए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो