Patrika Opinion: आतंक के खिलाफ कूटनीतिक जीत
Published: Jan 18, 2023 10:58:35 pm
यह माना जा सकता है कि चीन भी खुद विश्व पटल पर आतंकियों का सहयोगी नहीं दिखना चाहता है। आतंक के मुद्दे पर वह अपनी छवि को सुधारना चाहता है, क्योंकि यह तय बात है कि आतंक पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन कर सामने आ रहा है।


Patrika Opinion: आतंक के खिलाफ कूटनीतिक जीत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1267 आइएसआइएस (दाएश) अल-कायदा प्रतिबंध कमेटी ने आखिरकार जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। इस दिशा में भारत और अमरीका के संयुक्त प्रयासों को सात महीने पहले ही कामयाबी मिल गई होती यदि चीन ने 16 जून 2022 को आपत्ति न लगाई होती। अब जबकि चीन ने अपनी आपत्ति वापस ले ली है, मक्की की संपत्तियां फ्रीज की जा सकेंगी और उसकी यात्राओं और हथियारों की खरीद पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा।