scriptजान लेवा बनी शहर की सड़कें | The city's roads Kills | Patrika News

जान लेवा बनी शहर की सड़कें

locationराजगढ़Published: Jun 15, 2015 12:28:00 am

शहर की सड़कें जानलेवा होती जा रही
हैं। आए दिन होने वाले हादसों के बाद भी न तो नेताओं और न ही पुलिस प्रशासन को इसकी
कोई फिक्र नहीं है।

Rajgarh news

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ब्यावरा। शहर की सड़कें जानलेवा होती जा रही हैं। आए दिन होने वाले हादसों के बाद भी न तो नेताओं और न ही पुलिस प्रशासन को इसकी कोई फिक्र नहीं है। आम लोग आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं लेकिन व्यवस्था में सुधार के लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी कोई चिंता नहीं है। कहने को ये जिले का सबसे बड़ा शहर है पर बेतरतीब ट्रैफिक में सड़क किनारे खड़े ट्रैक्टर और कमर्शियल वाहनों से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं।

यहां जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य प्रशासनिक अफसर विकास के बड़े-बड़े दावे करते हैं। बेहतर ट्रैफिक की बात आए दिन की जानी है, लेकिन आज तक शहर की ट्रैफिक व्यवस्था कोई नहीं सुधार नहीं आया। इसी घटिया ट्रैफिक व्यवस्था ने शनिवार रात फिर एक बेगुनाह की जान ले ली। शहर के ऑटो पाट्र्स व्यापारी प्रवीण पिता राजेंद्र कुमार जैन (42) निवासी गणेश मांगलिक भवन के पास, राजगढ़ रोड की मौत ट्रॉली में रखे चद्दर से हो गई। राजगढ़ रोड पर सब्जी मंडी के सामने खड़े एक ट्रैक्टर की ट्रॉली में चद्दर रखे थे। प्रवीण भंवरगंज की ओर से बाइक से आए और उन्हें अंधेरे में चद्दर नहीं दिखे। इससे वे चद्दर से टकरा गए। चद्दर ने उनकी छाती और गर्दन को लगभग काट दिया। अस्पताल ले जाने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

यह कोई पहली घटना नहीं: सीरये, चद्दर और इन्हीं ट्रॉलियों से पहले भी शहर में हादसे हो चुके हैं। करीब दो-तीन साल पहले अब्बास पिता असगर अली की मौत गले में सरिया घुस जाने से हो गई। इसके अलावा पप्पू नागर को भी सरिये से भरी ट्रॉली की चपेट में आने से मौत हो गई थी। शहर में चारों से एंटर होने वाले कमर्शियल वाहन (ट्रैक्टर, पिकअप, मैजिक व अन्य) से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह बदहाल हो चुकी है। बस स्टैंड, इंदौर नाका, राजगढ़ रोड, सुठालिया रोड और अस्पताल रोड की ओर से आने वाले भारी वाहनों पर कार्रवाई नहीं होती है। आस-पास से आने वाले ग्रामीण ट्रैक्टरों को कहीं से भी घुसा देते हैं।

नेताओं के आगे बेबस है पुलिस
इधर, पुलिस का कहना है एक छोटे से चालान के लिए भी नेताओं का फोन आ जाता है। नेताजी कहते हैं हमारा ही आदमी मिला कार्रवाई के लिए, उसकी रसीद बना दो पैसे हम दे देंगे। ऎसे में पुलिस पूरी तरह बेबस हो जाती है। पुलिस का कहना है राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते हमारा काम करना मुश्किल हो रहा है।

ऎसे बदलेगी व्यवस्था
भारी वाहन ट्रैक्टर-ट्रॉली, पिकअप व मैजिक को डायवर्ट कर दिया जाए।
शहर में घुसने वाले ट्रैक्टर, पिकअप व अन्य वाहनों पर जुर्माना हो।
जिला प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस यातायात का नया प्लान तैयार करे।

व्यापारी भी जिम्मेदार
शहर को घटिया ट्रैफिक देने में सबसे ज्यादा योगदान यहीं के व्यापारियों का भी है। बीच शहर में चद्दर, सरिये की दुकानें होने से ट्रैक्टर व अन्य वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। शहर से बाहर गोडाउन होने के बावजूद व्यापारी सहयोग नहीं देते। वे खुद पुलिस को कन्वेंस करने में लगे रहते हैं। उन्हें शहर की व्यवस्थाओं की कोई परवाह है ही नहीं। यदि शहर के बीच दुकानें ही नहीं होंगी तो कैसे ट्रैक्टर अंदर आएंगे।

विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अस्पताल रोड स्थित बीआरसी भवन में शाम चार बजे नेताओं, व्यापारियों की बैठक बुलवाई है। इसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित सभी को सख्त निर्देश दिए जाएंगे। शहर के लिए जरूरी हर कार्य पर मुहर लगाई जाएगी। साथ ही ट्रैफिक पुलिस के प्रपोजल पर भी हम विस्तार से बात करेंगे। -संजयसिंह, एडीशनल एसपी, राजगढ़
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