scriptकेवल महिलाएं सिखा सकती हैं यह बातें | Only Women can teach you this | Patrika News

केवल महिलाएं सिखा सकती हैं यह बातें

Published: Mar 08, 2015 11:53:00 am

महिलाएं दिखावट और बाहरी चीजों से परे आपसी समझ में प्यार देखती हैं

केवल भारत में ही नहीं विदेशों में भी इस बात पर काफि बहस होती है कि क्युं महिलाएं पुरूषों से कम कमाती हैं। कुछ छोटी सोच वाले लोग यह कहते हैं कि क्युंकि वे बच्चों को बड़ा करने में और घर के बाकी के कामों को करने में ध्यान देती हैं। यदि एक मनोवैज्ञानिक की मानें तो महिलाएं हर काम पुरूषों से बहेतर कर सकती हैं लेकिन जहां तक प्रोफेश्नल करियर का सवाल है वे एक पोस्ट के बाद नहीं संभाल सकतीं। बड़े पोस्ट और जिम्मेदारी के लिए पुरूष ही सही है और यह इसलिए है क्योंकि महिलाओं पर घर की और बाहर की बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं। यहां हमारा मकसद दो लोगों में भेदभाव करना बिल्कुल भी नहीं है बल्कि इस गलतफहमी को दूर करना है कि महिलाएं हर जिम्मेदारी को निभाते हुए भी अपने प्रोफेश्नल रोल से भी अच्छी तरह से न्याय कर सकती हैं। यदि देखा जाए तो जो गुण महिलाओं मे होते हैं उनकी पुरूषों में कमी पाइ जाती है बल्कि ऎसी कई बाते हैं जो केवल महिलाएं ही सबको सिखा सकती हैं।

मल्टी टास्कींग
कबी-कभी आप जरूर सोचते होंगे की आपकी पत्नी या मां बहुत सारे काम एक साथ कैसे कर लेती हैं। बिना किसी खास महेनत के वह अपने परिवार और ऑफिस को सबसे अच्छी तरह से मेनेज करती है। और आप यह सोचते हैं कि ऑपिस में इ-मेल चेक करना और अपने इयर फोन पर गाने सुनना मल्टी टास्कींग है।

भावनात्मक मजबुती
हो सकता है पुरूष शारिरिक तौर पर ज्यादा मजबूत हों लेकिन जब बारी आती है इमोश्नल कामों की तो पुरूष एक कौना पकड़ कर बैठ जाते हैं। ज्यादातर पुरूष इमोश्नल बातों में नहीं फंसते क्युंकि वे जानते हैं कि वे इस बात में कमजोर हैं, जबकि महिला इमोश्नली बहुत मजबुत होती है।

हर बात का सोल्युशन
चाहे महेमानों के आने के पहले सब्जी जल गई हो या ऑफिस की कोई प्रजेंटेशन का काम हो, यह तो आपको मानना ही पड़ेगा की महिलाओं के पास हर परेशानी का समाधान है। उन्हें सब पता है कि कैसे चिजों को जल्दी से ठीक करना है।

बजट संभालना
आप एक लाख रूपए घर ले आइए और सुबह तर आपके पास कुछ भी नहीं होगा। इन पैसों को अपनी पत्नी या मां को दे दो वह इसे कम से कम 2 लाख में बदल देगी। जहां आप अपनी सेलेरी एक दीन में खत्म करते हैं वहीं महीला को पैसे अच्छी तरह मेनेज करना आता है।

धैर्य
खराब और बिगड़ी हुइ सिचुएशन को एक महीला अच्छी तरह से संभाल सकती है। आप उनके साथ यदि किसी ऎसी परेशानी में फंसे हैं तो आपने यह सबक तो उनसे लिया ही होगा।

सौंदर्यता
कभी सोचा है कि महिलाओं के बारे में सबकुछ इतना प्रभावशाली क्यूं लगता है, चाहे वह फैशन हो, इन्टीरियर हो या फिर अपना कोइ ड्रेसिंग सेंस महिला किसी भी पुरूष को अपना कायल बना सकती है।

दया भाव
किसी लड़की को बाहर डेट पर ले जाना, महंगे गिफ्ट्स दिलाना, उसकी तारीफ करना, पुरूषों के लिए किसी रिश्ते का मतलब यही होता है। जबकी महिलाओं के लिए रिश्ते का मतलब हर छोटी से छोटी बात को समझना होता है। महिलाएं दिखावट और बाहरी चिजों से परे आपसी समझ में प्यार देखती हैं।

बार्गेनींग
आप कब तक किसी दुकान पर किसी सामान की किमत को लेकर भाव-ताव कर सकते है। शायद ज्यादातर पुरूष तो सोचते भी नहीं होंगे। लेकिन महिलाओं ने तो इसमें पहले ही अपनी पहचान बना रखी है। उनका यह टेलेंट केवल घर क ेसामान खरिदने में ही नहीं बल्की हर छोटी-बड़ी चिजों को खरिदते समय दिखता है।

हार्ड वर्कीग
आज भी हम भारतीय सोसायटी को पुरूष प्रधान मानते हैं। ऎसे में महिलाओं ने आत्मनिर्भर होकर अपनी पहचान बनाइ है। हर काम में आगे रहते हुए जीत हमेशा महीला की होती है, किसी भी काम को करने के लिए काम करने की हर हद तक जाना महीला का स्वभाव होता है।

संगठनात्मक कौशल
इस बात पर तो आप सभी सहमत होंगे की चिजों से लेकर आपको व्यवस्थित रखना महीला का ही काम है। इस काम के लिए उन्हें कोइ मात नहीं दे सकता और इसीलिए घर की महिलाओं से हम प्यार भी करते हैं।

स्वाभीमानी लेकिन घमंडी नहीं
एक बहुत ही पतली लाइन है स्वाभीमानी और अहम के होने में। लेकिन महिलाएं इस लाइन को सही तरह से अलग करती हैं। उनका घमंड ा अहम कभी उनके आड़े नहीं आता।

विचारक
महिलाएं गहराइ में सोचती हैं। हो सकता है ज्यादातर लोग यह समझते हों कि महिलाएं बेवजह बोलती हैं लेकिन वह केवल इसलिए क्योंकि उनके दिमाग में उस वक्त बी बहुत सारी बातें चल रही होती हैं। महिलाएं हर उस छोटी चीज से बारे में सोचती हैं जो पुरूष अनदेखी कर देते हैं।

बच्चों के साथ अच्छी बोन्डींग
कोई फर्क नहीं पड़ता की लड़की अपनी उम्र के 20 साल के पड़ाव में कैसी थी लेकिन समय के साथ वह बढ़ती जाती है और मां बनने के साथ ही उसकी समझदारी उसके ओहदे की तरह ही बढ़ जाती है। जितना एक मां की अपने बच्चे के साथ बोन्डींग होती है उतनी पिता की भी नहीं होती।

त्याग
पुरूषों का स्वभाव अलग हैष उनके लिए जो चिज उनकी है वह उसे बांट नहीं सकते लेकिन महीला इन सब बातों से उपर होती है। उसके लिए बाहरी चिजों के कम मायने होते हैं वे उन्हें किसी को भी दे सकती हैं। वे अपने रिश्तों को ही अपना मानती हैं और उन्हें बांटना उनके लिए संभव नहीं होता।

कायल बनाने का कौशल
किसी के दिमाग को कंट्रोल करना बहुत बड़ी कुशलता है, और महिलाएं इस फन में उस्ताद होती हैं। हो सकता है आप सोचें की महिलाएं अपनी बात को मनवाती हैं लेकिन यह जिवन की बहुत बड़ी-बड़ी चिजों को हांसिल करने में मदद करती है।
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