देश में कोविड के भयावह हालात के बावजूद शासन और प्रशासन टीकाकरण केंद्रों की व्यवस्था के प्रति गंभीर नहीं है। टीकाकरण केंद्रों पर अव्यवस्था का जो आलम है, उसे देखकर तो यही लगता है कि सरकार जानबूझकर कर कोविड फैलाने का काम कर रही है। टीकाकरण के लिए लम्बी-लम्बी कतारें, आपसी दूरी का अभाव, धूप में घंटों कतार में खड़े रहना व मास्क न लगाना, टीकाकरण कर्मचारियों का असहयोग, सही जानकारी नहीं देना और टीकाकरण में लापरवाही से टीकाकरण केंद्रों पर कोविड का खतरा बढ़ गया है। आम जन को रजिस्ट्रेशन एवं दूसरी डोज के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
-मदन शर्मा, जयपुर
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सरकार को टीकाकरण केंद्रों की अव्यवस्था को सुधारना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए, पर किसी भी केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवाया जा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का डर बना रहता है। सरकार को सभी केंद्रों में एन सी सी कैडेट को तैनात करना चाहिए, जो सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करवाए। टीकाकरण केंद्रों में काउंटरों की संख्या बढ़ानी चाहिए। सभी ग्राम पंचायत व वार्ड स्तर पर शिविर आयोजित कर टीकाकरण की व्यवस्था की जानी चाहिए और जिला प्रशासन को टीकाकरण केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष टीम का गठन करना चाहिए, जो समय-समय पर केंद्रों का औचक निरीक्षण कर वहां की कमियों को दूर करवाए।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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वर्तमान परिस्थितियों में न्यायसंगत एवं व्यावहारिक राष्ट्रीय टीकाकरण नीति की महत्ती आवश्यकता है। टीकाकरण केंद्रों पर लगती कतारें अपने आप ही तमाम व्यवस्थाओं की पोल खोल रही हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढऩा लाजमी है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सम्पूर्ण विपक्ष को साथ में लेकर एक टीकाकरण महाअभियान का नेतृत्व करे। कोरोना का यह वर्तमान दौर किसी आपातकाल से कम नहीं है, जिससे सबको एकजुट होकर ही पार पाया जा सकता है।
-राकेश सोनगरा, सरदारशहर
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टीकाकरण केंद्रों की जो तस्वीरें सामने आ रही है, उससे तो लगता है कि बीमारी से छुटकारा पाने के स्थान पर उसका शिकार न हो जाएं। कहीं दवा खत्म, तो कहीं भगदड़। आए हुए लोगों में से कई को बैरंग वापस जाना पड़ रहा है। शारीरिक दूरी रखने और मास्क पहनने जैसे उपायों पर ध्यान ही नहीं है। सुझाव है कि ज्यादा टीकाकरण केंद्र बनाए जाएं। भीड़ को नियंत्रित किया जाए।
-विनोद यादव, हनुमानगढ़
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सख्त लॉकडाउन में एक तरफ सड़कों पर सन्नाटा है, तो दूसरी ओर टीकाकरण केंद्रों पर उमड़ती भीड़। इस भीड़ से कोरोना का खतरा बढ़ा है। टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोग मास्क तो लगा रहे हैं, लेकिन शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। दूसरी और गर्मी से बेहाल धूप कतारों में खड़े लोग, परेशानी का सामना कर रहे हैं। बेहतर तो यह है कि घर-घर टीकाकरण की व्यवस्था की जाए।
-कुमकुम सुथार ,रायसिंहनगर, श्रीगंगानगर
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टीकाकरण की व्यवस्था यदि डोर-टू-डोर होती तो अच्छा होता। टीकाकरण केंद्र की दूरी और वहां की अव्यवस्था से कोरोना का खतरा बढ़ गया है।
-सलीम मोहम्मद सुलियावास सीकर राजस्थान
………………. अव्यवस्था भी कारण है
टीकाकरण केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में टीके न उपलब्ध होने के कारण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टीकाकरण की नजदीक में व्यवस्था नहीं होने से लोगों को टीका लगवाने के लिए दूर जाना पड़ता है। फिर वहां पहुंचकर भीड़ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पूर्ण रूप से पालना नहीं होती, जिससे कोरोना वायरस का खतरा बढ गया है।
-विवेक जैन, मंगलमसिटी, जयपुर
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नहीं हो रहा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन
कोरोना टीकाकरण केंद्रों की अव्यवस्था से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इन केंद्रों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा। टीकाकरण केंद्र की अव्यवस्था से भी संक्रमण बढ़ रहा है।
-डॉ. अशोक, पटना, बिहार।
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कोरोना टीके के लिए जगह-जगह जबरदस्त भीड़ इकट्ठी हो रही है। कोरान गाइडलाइन की पालन नहीं हो पा रही है । इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि टीकाकरण की अवस्थाओं के कारण भी कोरोना फैल रहा है। अतः: सरकार को इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ही अमल में लाना चाहिए, जितने लोगों का रजिस्ट्रेशन हो उतने लोग ही वहां जाएं। इससे व्यवस्था ठीक रहेगी।
-शम्मी कपूर कोटा
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अठारह साल के ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने की अनुमति मिलने के बाद से टीकाकरण केंद्रों में भारी भीड़ लग रही है। इससे कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। सभी जगहों पर टीकाकरण केंद्रों में लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं, जिससे स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है। इससे बचने के लिए पंजीयन की प्रक्रिया को सुधार कर अपॉइंटमेंट के माध्यम से निश्चित समय पर सीमित लोगों को ही बुलाना चाहिए, जिससे व्यवस्था ना बिगड़े। कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीन के साथ सावधानी भी है जरूरी।
-शिवम अवस्थी, रायपुर, छत्तीसगढ़
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सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था घर पर कर दे तो ठीक रहेगा। कारण यह है कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। कोरोना को रोकने के लिए जनता को भी प्रतिबद्ध होना पड़ेगा।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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टीकाकरण केंद्रों की अव्यवस्था को कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है। इस महामारी के कारण जीवन और देश को बचाने के लिए सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र लगभग पिछले डेढ़ साल से इस कोरोना महामारी से लड़ते हुए मुस्तैदी दिखा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी और डॉक्टर लंबे समय से बिना किसी गिला शिकवा, अवकाश और एक्स्ट्रा सैलरी के लगातार काम कर रहे हंै।
-रमेश कुमार लखारा, बोरुंदा, जोधपुर
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टीकाकरण केंद्र की अव्यवस्था और लापरवाही से जनता की जान पर बन आई है। टीकाकरण केन्द्रों पर वैक्सीन की कमी और वहां लगने वाली कतारों में भी आपसी दूरी बनाए रखने के अभाव की वजह से भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना का खतरा तो शुरुआती दौर से ही बना हुआ था, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के चलते कोरोना के कारण कोहराम मचा हुआ है।
-आनन्द पिडियार, अमरावती, महाराष्ट्र
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टीकाकरण केंद्र कोरोना से निजात दिलाने के महत्त्वपूर्ण स्थान हैं, लेकिन उनकी व्यवस्था कमजोर दिखाई दे रही है। टीका लगवाने वालों की भारी भरकम भीड़ रहती है, लेकिन उसे नियंत्रित करने पर ध्यान नहीं है। टीकाकरण केंद्रों पर कोरोना गाइडलाइन की खुलकर अवमानना हो रही है। इस तरफ न सरकार का ध्यान है और न ही आम जनता का।
-अमित, जयपुर
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कोविड-19 के टीकाकरण प्रबंधन में निश्चित ही चूक हुई है। अगर सही प्रबंधन होता, तो ना तो हम लोगों को वैक्सीन के लिए इतना भटकना ना पड़ता और ना ही कालाबाजारी होती। अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि कई जगह तो रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी कई सेंटर को अभी तक टीके ही उपलब्ध नहीं हो पाए। वैक्सीनेशन बिना पूरी तैयारी के प्रारंभ कर दिया गया, जिससे सब तरफ अव्यवस्था फैल रही है और लोगों की जिंदगी दांव पर है।
-उमाकांत शर्मा, डग, झालावाड़
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अब जब कोरोना टीकाकरण को लेकर जागरूकता आई है, तब टीकाकरण स्थलों पर अत्यधिक जन भार बढ़ गया है। सरकारी स्टाफ की कमी साफ देखी जा रही है, जो भीड़ को संभालने में असमर्थ है। जनता कोरोना गाइडलाइन का पालन उचित प्रकार से नहीं कर रही है ,जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ