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आपकी बात, क्या कथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए कानून की जरूरत है?

Published: Nov 24, 2020 04:59:49 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, क्या कथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए कानून की जरूरत है?

आपकी बात, क्या कथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए कानून की जरूरत है?

जरूरी है कानून
अगर कोई व्यक्ति अपना नाम, पता और धर्म छिपा कर विवाह करता है, तो यह सरासर गलत है, धोखा है और पूरी तरह से अमान्य है। इस धोखे के बाद उस लडक़ी पर मजबूरन किसी दूसरे धर्म को थोपना, उससे भी बड़ा अपराध है। ऐसे कुकृत्य करने वाले जिहादी तत्वों पर नकेल कसने के लिए कानून बनना ही चाहिए।
-स्वरूप गोस्वामी, इंद्रा नगर, बाड़मेर
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राजस्थान में भी बने कानून
देश के कुछ राज्यों में लव जिहाद को रोकने के लिए कानून बन रहा है। राजस्थान में ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे हमारी बहन-बेटियों के साथ छल न हो पाए।
-अमित पाराशर, सरदारपुरा जोधपुर
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बच्चों को संस्कारित किया जाए
लव जिहाद को रोकने के लिए कानून से ज्यादा पारिवारिक वातावरण को सुधारने की आवश्यकता है। घर में माता-पिता का आचरण ऐसा हो कि बच्चों में अच्छी आदतों का विकास हो। बच्चों को संस्कारित किया जाए। यदि ये सब होता है तो कानून की कोई आवश्यकता नही है। इस तरह की समस्याओं का समाधान कानून से संभव नहीं।
-पवन कुमार जैन, जयपुर
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सामाजिक बहिष्कार जरूरी
प्रेम व्यक्तिगत विषय है, परंतु धोखा देकर, नाम बदलकर,धर्म छिपाकर विवाह करना दण्डनीय अपराध होना चहिए। लव जिहाद करने वाले महिला की स्वतंत्रता को छीनने के साथ गंगा-जमुनी संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं। इस प्रकार के कुकृत्य करने वाले दुष्टों का सामाजिक बहिष्कार भी होना चाहिए।
-कमल शर्मा, गुलाबपुरा
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दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी
देश में लव जिहाद के कई मामले सामने आए हैं। लव जिहाद कुछ लोगों की विकृत मानसिकता का ही परिणाम है, जिसका अंजाम कई महिलाएं भुगत चुकी हैं। इस तरह की मानसिक विकृति को रोकने के लिए कानून बनना चाहिए, ताकि दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जा सके
-शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
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छल से फंसाया जाता है युवतियों को
हिन्दू युवतियों को प्रेम के नाम पर धोखे से फंसाया जाता है। इसकी परिणिति धर्म परिवर्तन, शोषण और निर्मम हत्या के रूप में होती है। महिला अधिकारों की रक्षा एवं शोषण से मुक्ति के लिए इस प्रवृत्ति को रोकना आवश्यक है। इसके लिए कानून बन जाए, तो बेहतर है।
-प्रभुराम प्रजापत झाड़ोली, सिरोही
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नेताओं की चाल
सबसे पहले तो लव जिहाद जैसे शब्द को सही तरीके से परिभाषित करने की जरूरत है। हिंदुस्तान जैसे खूबसूरत देश में जब अलग-अलग धर्म के लोग एक-दूसरे के सुख और दुख में काम आते हैं, तो वहां अगर अपनी मर्जी से वैवाहिक रिश्ते हों तो इसमें क्या बुराई है? लव जिहाद के नाम पर इस तरह के रिश्ते को बदनाम करना नेताओं और धर्मांध लोगों की चाल भर है, ताकि उनकी दुकान चलती रहे। कानून ही बनाना है, तो देश में बहुत सी गंभीर समस्याएं हैं, जिन्हे दूर करने के लिए कानून बनाने के बारे में सरकार सोचे तो बेहतर होगा। और भी गम है जमाने में मुहब्बत के सिवा।
-शकील खिलजी, मुंबई, महाराष्ट्र
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मानव अधिकारों का हनन
लव जिहाद को रोका जाना चाहिए। युवतियों को अपने जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करना मानव अधिकारों का हनन भी है। कुछ राज्य लव जिहाद को रोकने के लिए कानून बना रहे हैं, जो सराहनीय है। सभी राज्यों में ऐसे कानून की जरूरत है।
-सोनिका कमलेश हेड़ाऊ, बैतूल, मध्यप्रदेश
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युवतियों के साथ छल
लव जिहाद एक छिपा हुआ एजेण्डा है। इसके तहत हिन्दू युवतियों को बहला-फुसला कर शादी के लिए राजी किया जाता है। गलत नाम और गलत आईडी का इस्तेमाल किया जाता है। युवती को फर्जी सम्बन्धियों से मिलाया जाता है। विवाह करने के बाद वास्तविकता का पता लगने पर इन युवतियों को आतंकित और प्रताडि़त किया जाता है। इसे रोकने के लिए एक अत्यंत कठोर कानून की आवश्यकता है।
-अनन्त शर्मा, मानसरोवर, जयपुर
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कठोर कानून की जरूरत
प्रेम का ढोंग करके भोली-भाली लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर बाद में धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है। जो महिलाएं धर्म परिवर्तन के लिए राजी नहीं होतीं, उनकी हत्या तक कर दी जाती है। ऐसे कार्य करने व उनका सहयोग करने वालों के विरुद्ध कठोर से कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि प्रताडि़त महिलाओं को न्याय मिल सके।
-रणछोडऱाम, सिरोही
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जन जागरूकता जरूरी
कथित लव जिहाद के खिलाफ नए कानून की बजाय जन जागरूकता की अधिक आवश्यकता है। लड़कियों को सुरक्षित रखने के लिए उनको ठीक तरह से समझाया जाना चाहिए, ताकि वे झूठे प्रेम जाल से बच सकें। प्रेम जाल बिछाने वाले युवकों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन सच्चे प्रेमी-प्रेमिका के हितों की भी रक्षा हो!
-कुमेर मावई नयावास, गुढाचन्द्रजी
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शारीरिक और आर्थिक शोषण
हिंदू नाम रख कर हिंदुओं की बहन-बेटियों को झूठे प्रेम-जाल में फांस कर उनका शारीरिक व आर्थिक शोषण किया जाता है। फिर सोचा समझा एजेन्डा चलाकर उन्हें धर्म बदलने को मजबूर किया जाता है। प्रेम विवाह व लव जिहाद दोनों अलग मुद्दे हैं। अत: लव जिहाद को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने की जरूरत है।
-पुरुषोत्तम शाकद्वीपी, उदयपुर
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