scriptआत्म-दर्शन : कष्ट सहन करो | Don't be afraid of sufferings have to face them | Patrika News

आत्म-दर्शन : कष्ट सहन करो

locationनई दिल्लीPublished: Jul 26, 2021 12:31:08 pm

जीव जब तक कष्ट सहन नहीं करेगा, तब तक उसको स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी। कष्टों से न डरकर उनका सामना करना है। मोक्षमार्ग यानी सत्य के पथ पर अनेक कठिनाइयां तो आती ही हैं

विद्यासागर महाराज

विद्यासागर महाराज

विद्यासागर महाराज

हम अपनी स्वार्थ सिद्धि के चक्कर में परमार्थ को भूल जाते हैं, भले ही इसमें अपनी हानि भी हो। महावीर का चिंतन दूसरी तरह का था, वे चाहते थे कि सारी प्रजा सुखी रहे। बारह साल के बाद उनको स्व और पर का कल्याण करने वाला फल मिला। उन्होंने यही बताया कि जीव जब तक कष्ट सहन नहीं करेगा, तब तक उसको स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी। कष्टों से न डरकर उनका सामना करना है। मोक्षमार्ग यानी सत्य के पथ पर अनेक कठिनाइयां तो आती ही हंै। इससे कोई बच नहीं सकता कहा भी गया है-

उस पथिक की क्या परीक्षा,
जिस के पथ में शूल न हो ॥
उस नाविक की क्या परीक्षा,
जब नदी का प्रवाह प्रतिकूल न हो ॥

कठिनाइयों में, प्रतिकूल अवस्था में हम सत् को देख सकते हैं। आज के विद्यार्थी प्रतिकूलता से डरते हैं, वे अनुकूलता चाहते हैं। वे चाहते हैं कि जैसा हम चाहें, वैसा ही हो। अगर विद्यार्थी खूब कष्ट सहन करने के लिए तैयार हो जाएं, तो वे हर प्रतिकूल परिस्थिति पर विजय पा सकते हैै। इस बात का जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए कि शिक्षा का लक्ष्य मात्र भौतिक सुख-समृद्धि ही नहीं है। किसान खेती करता है, धान के लिए, न कि मात्र घास के लिए। धान के साथ घास तो मिलेगा ही। भोजन करवाने वाला व्यक्ति भोजन तो करवाएगा पर साथ में पानी भी पिलाएगा। आप घास के पीछे पड़कर धान को भूल जाते हैं।

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