जमा पूंजी: इस वर्ष बिना यात्रा छूट लेना न भूलें
- एलटीए पर कर से छूट का लाभ जीएसटी की 12 प्रतिशत दर वाली जरूरी वस्तु खरीद उठा सकते हैं।

असीम त्रिवेदी
साढ़ू भाई संतोष का फोन आया, मेरी कार खराब हो गई है, नई लेने की सोच रहा हूं, आपके पास कब टाइम है, लेने चलना है, सोचा था बजट के बाद शायद भाव कम होंगे, पर नहीं हुए, अब खरीद ही लेता हूं। मैंने कहा - नेक काम में देरी मत करो भाई - मेरे हिसाब से आप के लिए इस साल तो करीब तीस हजार की छूट पहले ही दे दी वित्त मंत्री जी ने। संतोषजी ने आश्चर्यमिश्रित प्रतिक्रिया देते हुए कहा - मैंने पूरा बजट पढ़ा, कहां है ऐसी छूट? मैंने कहा - वो सब छोड़ो, ये बताओ कि यात्रा अवकाश भत्ता (एलटीए) कितना बनता है 2020-21 में। जवाब आया तीस हजार प्रति व्यक्ति के करीब नब्बे हजार रुपए होता है। मैंने कहा - आपने एक प्रावधान नहीं पढ़ा शायद। चूंकि कोविड के कारण यात्राएं तो हो नहीं पाईं, इसलिए वेतनभोगी कर्मचारियों पर इस भत्ते के न खर्च कर पाने के कारण आय में जुडऩे से, अतिरिक्त कर भार न हो जाए, इसलिए आपके यात्रा भत्ते की कुल राशि का अगर कम से कम तीन गुना के बराबर का व्यय आप ऐसी वस्तुएं खरीदने में करते हैं जिन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है तो पूरे अवकाश भत्ते पर कर से छूट मिलेगी।
संतोष जी बोले - मतलब मेरे 90 हजार के भत्ते पर कर की लगभग 30 प्रतिशत यानी 27 हजार की बचत होगी, ये तो कमाल हो गया। वे उत्साह में आकर बोले - अगर मै 4-5 लाख की कार खरीदूं तो मुझे 30 हजार का फायदा अप्रत्यक्ष रूप से हो जाएगा। मैंने सहमति दे दी। अब वह मुहूर्त निकाल रहे हैं। आप चाहे शासकीय कर्मचारी है या अशासकीय कर्मचारी यात्रा भत्ते के तीन गुना खर्च पर आपको छूट मिल सकती है, बनाइए एक सूची अपनी अनिवार्यताओं की और देखिए उन वस्तुओं को जिन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या उससे अधिक हो, और उठाइए लाभ। परंतु ध्यान रहे द्ग छूट की अधिकतम सीमा 36 हजार प्रति सदस्य की कुल राशि के तीन गुने के बराबर खर्च करने पर मिलेगी, कम से कम तीन गुना खर्च हो, वो भी बैंकिंग सिस्टम से, ये खर्च 31 मार्च 2021 के पहले हो जाना चाहिए, कर्मचारी को अपने नियोक्ता को खर्च का जीएसटी वाला बिल देना होगा, और अगर खर्च तीन गुना से कम है तो आनुपातिक छूट मिलेगी। कोई भी निर्णय लेने से पहले नियोक्ता और सलाहकार से बात जरूर करें और बजट प्रावधान का लाभ उठाएं।
(लेखक सीए, ऑडिटिंग एंड अकाउंटिंग स्टैंडर्ड, कानूनी मामलों के जानकार हैं)
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