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बेदखल हुए ‘शरीफ’

Published: Jul 29, 2017 12:18:00 am

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आखिर
पद छोडऩा ही पड़ा। पाक सुप्रीम कोर्ट ने पनामागेट मामले में शरीफ को दोषी
करार देते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया तो उनके पास दूसरा
विकल्प रहा भी नहीं था

Nawaz Sharif

Nawaz Sharif


भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आखिर पद छोडऩा ही पड़ा। पाक सुप्रीम कोर्ट ने पनामागेट मामले में शरीफ को दोषी करार देते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया तो उनके पास दूसरा विकल्प रहा भी नहीं था। शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे लेकिन एक बार भी वे कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। इसे पाक की बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि गत सात दशकों में कोई भी प्रधानमंत्री कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया।

शरीफ के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की राय एक-सी रही। सबका मानना था कि शरीफ पाकिस्तानी संसद और अदालतों के प्रति ईमानदार नहीं रहे हैं लिहाजा उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाता। जजों ने शरीफ को पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) का अध्यक्ष पद छोडऩे के निर्देश भी दिए।

शरीफ के जाने के बाद पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति खास तौर से भारत के लिए क्या करवट लेगी, यह देखना है। वहां अगले साल संसदीय चुनाव होने हैं। शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़े रहे विपक्ष को एक नया हथियार मिल गया है। पिछले चुनाव में शरीफ ,आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीके इंसाफ को शिकस्त दे सत्ता पर काबिज हुए थे। बीते सवा चार साल शरीफ को हर मोर्चे पर विरोधियों से संघर्ष करना पड़ा।

जहां तक सवाल भारत का है, शरीफ के जाने का असर हम पर भी पड़े बिना नहीं रहेगा। पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन का मतलब होता है हर तरफ बदलाव। सत्ता बदलते ही वहां रक्षा से लेकर विदेश नीति तक बदलते देर नहीं लगती। लिहाजा हमें फूंक-फूंककर कदम रखना होगा।

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