ऊर्जा संकट के हल में खर्च हो
कोरोना महामारी का यह समय वास्तव में जश्न मनाने का नहीं है। देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, मजदूर परेशान हो रहे हैं और हमारी देश की सीमाएं भी चिंता में डाल रही हैं। भाजपा को चाहिए कि वह अपने 6 वर्ष की उपलब्धि का गुणगान करने की बजाय वर्तमान संकट को निपटने में ऊर्जा खत्म करें। कोठारी ने इस आलेख के जरिए भाजपा जैसे संगठन को सही दिशा बताने का काम किया है। इससे भाजपा का ही नहीं देश की राजनीति को भी नई दिशा मिलेगी।
जावेद डिप्टी, अभिभाषक, उज्जैन
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जश्न का वक्त नहीं
यह वक्त जश्न मनाने का नहीं है। खासतौर पर जिस तरह की तैयारी है, उस तरह के जश्न का तो बिल्कुल नहीं। भाजपा को इस पर गंभीरता से इस बारे में सोचना चाहिए।
एनपी मिश्रा, ज्योतिषाचार्य, सिंगरौली
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जश्न पीडि़तों के लिए खुशियां लाने वाला हो
भाजपा ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा किया है। यह खुशी की बात है, लेकिन खुशी का जश्न इस तरह होना चाहिए जो कोरोना और लॉकडाउन के पीडि़तों के लिए खुशियां लाए।
विजय देवसेना, अध्यक्ष, अभिभावक संघ, सतना
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देश को संभालने का समय
ये समय जश्न मनाने का नहीं, देश को संभालने का है। केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल बनाकर कोरोना संकट से देश की जनता को निजात दिलाने के लिए काम करने की जरूरत है। लॉकडाउन से पैदा हुए आर्थिक संकट से देश को उबारने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का समय आ गया है। यही वो अवसर है, जब सामने खड़ी विपरीत परिस्थितयों का रुख मोड़कर उन्हें सकरात्मक बनाया जाए।
कमल अग्रवाल, सदस्य, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संघ, छतरपुर
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कड़वी लेकिन सच बात
कोठारी ने कड़वी बात भी अत्यंत सकारात्मक ढंग से कही है। मानव जीवन में संकट किस गहराई तक बैठा है, इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। हर तरफ बर्बादी ही नजर आ रही है। नए भारत के लिए बड़े संकल्प की जरूरत है। ऐसा पहली बार है जब हर वर्ग मुश्किल में है। सरकारों को ये मुश्किलें दूर करने का सूत्र वाक्य अपनाना चाहिए। समाज का भी दायित्व बढ़ा है।
अनूप सिंह, सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर, रीवा
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प्रधानमंत्री सादगी की पहल करें
यह सुझाव स्वागत योग्य है कि मौजूदा हालात में रैली सभाओं में केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति और आयोजनों पर जो खर्च होगा, उससे कोरोना प्रभावित लोगों की मदद की जा सकती है। खुद प्रधानमंत्री को सादगी से कार्यक्रम की पहल करना चाहिए। सभी सार्वजनिक कार्यक्रम न करने के निर्देश भी देने चाहिए।
सुभाषचंद्र पचौरी, सामाजिक कार्यकर्ता, छिंदवाड़ा
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कोरोना महामारी का यह समय वास्तव में जश्न मनाने का नहीं है। देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, मजदूर परेशान हो रहे हैं और हमारी देश की सीमाएं भी चिंता में डाल रही हैं। भाजपा को चाहिए कि वह अपने 6 वर्ष की उपलब्धि का गुणगान करने की बजाय वर्तमान संकट को निपटने में ऊर्जा खत्म करें। कोठारी ने इस आलेख के जरिए भाजपा जैसे संगठन को सही दिशा बताने का काम किया है। इससे भाजपा का ही नहीं देश की राजनीति को भी नई दिशा मिलेगी।
जावेद डिप्टी, अभिभाषक, उज्जैन
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जश्न का वक्त नहीं
यह वक्त जश्न मनाने का नहीं है। खासतौर पर जिस तरह की तैयारी है, उस तरह के जश्न का तो बिल्कुल नहीं। भाजपा को इस पर गंभीरता से इस बारे में सोचना चाहिए।
एनपी मिश्रा, ज्योतिषाचार्य, सिंगरौली
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जश्न पीडि़तों के लिए खुशियां लाने वाला हो
भाजपा ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा किया है। यह खुशी की बात है, लेकिन खुशी का जश्न इस तरह होना चाहिए जो कोरोना और लॉकडाउन के पीडि़तों के लिए खुशियां लाए।
विजय देवसेना, अध्यक्ष, अभिभावक संघ, सतना
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देश को संभालने का समय
ये समय जश्न मनाने का नहीं, देश को संभालने का है। केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल बनाकर कोरोना संकट से देश की जनता को निजात दिलाने के लिए काम करने की जरूरत है। लॉकडाउन से पैदा हुए आर्थिक संकट से देश को उबारने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का समय आ गया है। यही वो अवसर है, जब सामने खड़ी विपरीत परिस्थितयों का रुख मोड़कर उन्हें सकरात्मक बनाया जाए।
कमल अग्रवाल, सदस्य, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संघ, छतरपुर
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कड़वी लेकिन सच बात
कोठारी ने कड़वी बात भी अत्यंत सकारात्मक ढंग से कही है। मानव जीवन में संकट किस गहराई तक बैठा है, इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। हर तरफ बर्बादी ही नजर आ रही है। नए भारत के लिए बड़े संकल्प की जरूरत है। ऐसा पहली बार है जब हर वर्ग मुश्किल में है। सरकारों को ये मुश्किलें दूर करने का सूत्र वाक्य अपनाना चाहिए। समाज का भी दायित्व बढ़ा है।
अनूप सिंह, सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर, रीवा
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प्रधानमंत्री सादगी की पहल करें
यह सुझाव स्वागत योग्य है कि मौजूदा हालात में रैली सभाओं में केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति और आयोजनों पर जो खर्च होगा, उससे कोरोना प्रभावित लोगों की मदद की जा सकती है। खुद प्रधानमंत्री को सादगी से कार्यक्रम की पहल करना चाहिए। सभी सार्वजनिक कार्यक्रम न करने के निर्देश भी देने चाहिए।
सुभाषचंद्र पचौरी, सामाजिक कार्यकर्ता, छिंदवाड़ा
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जश्न के बारे में सोचना गलत होगा
भारतीय जनता पार्टी की अच्छे दिन की परिकल्पना कोरोना वायरस की महामारी ने पूरी तरह से दूर कर दी है। इस समय यदि जश्न के बारे में सोचा जाएगा तो ये अपने आप में ही पूरी तरह से गलत होगा। इस समय जिन राज्यों में कोरोना की वजह से परेशानियां हुई हैं, उनमें क्या निदान किए जा सकते हैं, इसके बारे में सरकार को विचार करना चाहिए।
विष्णुकांत शर्मा, राष्ट्रीय संयोजक, अन्ना समर्थक गांधीवादी संघ, ग्वालियर
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भारतीय जनता पार्टी की अच्छे दिन की परिकल्पना कोरोना वायरस की महामारी ने पूरी तरह से दूर कर दी है। इस समय यदि जश्न के बारे में सोचा जाएगा तो ये अपने आप में ही पूरी तरह से गलत होगा। इस समय जिन राज्यों में कोरोना की वजह से परेशानियां हुई हैं, उनमें क्या निदान किए जा सकते हैं, इसके बारे में सरकार को विचार करना चाहिए।
विष्णुकांत शर्मा, राष्ट्रीय संयोजक, अन्ना समर्थक गांधीवादी संघ, ग्वालियर
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हालात जश्न की नैतिक इजाजत देने वाले नहीं
कोरोना से देश के जो हालात बना दिए हैं, उसमें किसी भी तरह के जश्न की नैतिक इजाजत किसी को नहीं है। देश में असुरक्षा और भय का माहौल है। मौत का मातम है, तो पलायन का दुखद नजारा भी है। ऐसे समय में पार्टी को समारोह में खर्च होने वाली राशि को प्रधानमंत्री केयर फंड में जमा कराने का सुझाव पूरी तरह उपर्युक्त है। संकट के इस दौर में इस राशि से कोरोना पीडि़तों की मदद होगी।
राजकुमार गुप्ता, समाजसेवी, ग्वालियर
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सादगी और सेवा से वर्षगांठ मना रहे
कोठारी ने सादगी और सेवा से केंद्र सरकार की वर्षगांठ मनाने की बात अपने लेख में कही है। भाजपा भी यही कर रही है। रैलियां और प्रेस कांफ्रेंस सभी वर्चुअल और ऑनलाइन ही होने हैं। इसका उद्देश्य भी यही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने क्या काम किया, उसकी जानकारी आमजन तक पहुंचे। भाजपा संगठन का सेवाकार्य सतत जारी है। फीड फॉर नीडी अभियान के तहत 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को तो सिर्फ मध्यप्रदेश में ही भोजन कराया गया। प्रवासी श्रमिकों की मदद में कार्यकर्ता उतरे हुए हैं। सेवा का यह संकल्प आगे भी जारी रहेगा।
डॉ दीपक विजयवर्गीय, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा, भोपाल
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सरकार विपदा का फायदा न उठाए
विपदा के इस दौर में फायदा उठाने की कोशिश सरकार और संगठन के लोगों को नहीं करना चाहिए। अभी तो प्राथमिकता केवल कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने और पीडि़तों की सेवा के लिए हर संभव प्रयास की होनी चाहिए। सरकार यदि जश्न मनाती है तो यह जनता के साथ छल होगा, क्योंकि अभी तो श्रमिक, उद्योग जगत बाजार और आमजन सभी मुसीबत में हैं।
दीपक शर्मा, जिलाध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी, मुरैना
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कोरोना से देश के जो हालात बना दिए हैं, उसमें किसी भी तरह के जश्न की नैतिक इजाजत किसी को नहीं है। देश में असुरक्षा और भय का माहौल है। मौत का मातम है, तो पलायन का दुखद नजारा भी है। ऐसे समय में पार्टी को समारोह में खर्च होने वाली राशि को प्रधानमंत्री केयर फंड में जमा कराने का सुझाव पूरी तरह उपर्युक्त है। संकट के इस दौर में इस राशि से कोरोना पीडि़तों की मदद होगी।
राजकुमार गुप्ता, समाजसेवी, ग्वालियर
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सादगी और सेवा से वर्षगांठ मना रहे
कोठारी ने सादगी और सेवा से केंद्र सरकार की वर्षगांठ मनाने की बात अपने लेख में कही है। भाजपा भी यही कर रही है। रैलियां और प्रेस कांफ्रेंस सभी वर्चुअल और ऑनलाइन ही होने हैं। इसका उद्देश्य भी यही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने क्या काम किया, उसकी जानकारी आमजन तक पहुंचे। भाजपा संगठन का सेवाकार्य सतत जारी है। फीड फॉर नीडी अभियान के तहत 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को तो सिर्फ मध्यप्रदेश में ही भोजन कराया गया। प्रवासी श्रमिकों की मदद में कार्यकर्ता उतरे हुए हैं। सेवा का यह संकल्प आगे भी जारी रहेगा।
डॉ दीपक विजयवर्गीय, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा, भोपाल
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सरकार विपदा का फायदा न उठाए
विपदा के इस दौर में फायदा उठाने की कोशिश सरकार और संगठन के लोगों को नहीं करना चाहिए। अभी तो प्राथमिकता केवल कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने और पीडि़तों की सेवा के लिए हर संभव प्रयास की होनी चाहिए। सरकार यदि जश्न मनाती है तो यह जनता के साथ छल होगा, क्योंकि अभी तो श्रमिक, उद्योग जगत बाजार और आमजन सभी मुसीबत में हैं।
दीपक शर्मा, जिलाध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी, मुरैना
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बखान की आवश्यकता नहीं
भाजपा सरकार ने जो काम किया वह लोगों के सामने है ही, इसे दिखाने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र की भाजपा सरकार के पास समय है कि वह एक उदाहरण पेश करे, जिससे एक नई पहल हो, रोजगार के नए अवसर शुरू हो सकंे।
डॉ. चंद्रकिशोर मानकर, बैतूल
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समझ से परे जश्न की तैयारी
भाजपा सरकार ने जो काम किया वह लोगों के सामने है ही, इसे दिखाने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र की भाजपा सरकार के पास समय है कि वह एक उदाहरण पेश करे, जिससे एक नई पहल हो, रोजगार के नए अवसर शुरू हो सकंे।
डॉ. चंद्रकिशोर मानकर, बैतूल
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समझ से परे जश्न की तैयारी
पूरे देश में कोरोना संक्रमण बढ़ा है। लॉकडाउन चल रहा है, इसके बाद भी भाजपा जश्न की तैयारी कर रही है। सामान्य परिस्थिति होती, सरकार कोरोना पर नियंत्रण पा लेती तो जश्न समझ में आता लेकिन आश्चर्य है कि सरकार का एक साल पूरा होने पर जश्न मनाने की तैयारी हो रही है। सरकार का कार्यकाल तो पांच साल का होता है, पांच साल में जनता स्वयं बता देती है कि आपका कार्यकाल जश्न मनाने लायक था या फिर आपने वादा खिलाफी की। कोठारी की टिप्पणी सटीक है।
दुर्गेश शर्मा, प्रवक्ता मध्यप्रदेश कांग्रेस, भोपाल
दुर्गेश शर्मा, प्रवक्ता मध्यप्रदेश कांग्रेस, भोपाल
रोजगार की करें चिंता
गुलाब कोठारी का आलेख ‘सकारात्मक हो जश्न ‘ पढ़ा। केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष एक ऐसे समय हो रहा है जबकि पूरा देश कोरोना में बुरी तरह उलझा हुआ है, लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था खराब हो रही है. सरकार को चाहिए वो आने वाले समय में सोच समझकर निर्णय ले. रोजगार और बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए तेजी से काम करे. जनता के विश्वास पर खरी उतरे.खुशी और जश्न के लिए अभी काफी समय है.
साजिद अली इंदौर.
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प्रेरक व दिशा देने वाला
आलेख प्रेरक व सरकार को दिशा देने वाला है । मोदी सरकार का वार्षिक उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखना स्वाभाविक है किंतु कोरोना के चलते, देश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार को आडंबर रहित उत्सव मनाना चाहिए। साथ ही सकारात्मक सोच रखते हुए समाज के हर तबके का दर्द महसूस करते हुए देश की आर्थिक स्थिति को किस तरह बेहतर बनाया जा सकता है, इसकी वार्षिक योजना देश की जनता के समक्ष रखनी चाहिए ।
गुलाब कोठारी का आलेख ‘सकारात्मक हो जश्न ‘ पढ़ा। केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष एक ऐसे समय हो रहा है जबकि पूरा देश कोरोना में बुरी तरह उलझा हुआ है, लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था खराब हो रही है. सरकार को चाहिए वो आने वाले समय में सोच समझकर निर्णय ले. रोजगार और बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए तेजी से काम करे. जनता के विश्वास पर खरी उतरे.खुशी और जश्न के लिए अभी काफी समय है.
साजिद अली इंदौर.
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प्रेरक व दिशा देने वाला
आलेख प्रेरक व सरकार को दिशा देने वाला है । मोदी सरकार का वार्षिक उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखना स्वाभाविक है किंतु कोरोना के चलते, देश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार को आडंबर रहित उत्सव मनाना चाहिए। साथ ही सकारात्मक सोच रखते हुए समाज के हर तबके का दर्द महसूस करते हुए देश की आर्थिक स्थिति को किस तरह बेहतर बनाया जा सकता है, इसकी वार्षिक योजना देश की जनता के समक्ष रखनी चाहिए ।
पूरण सिंह राजावत,जयपुर
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आर्थिक सम्बल का लें संकल्प
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पर सकारात्मक हो जश्न की बात अच्छी लगी। कोरोना संकट ने देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। ऐसे में जश्न नहीं, बल्कि मोदी सरकार ग्रामीण विकास व रोजगार पैदा करने, गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे उद्योगों को आर्थिक संबल प्रदान करने का संकल्प ले।
शिवजी लाल मीना, जयपुर
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निरंकुश सत्ता को सन्देश
पत्रिका में गुलाब कोठारी के लेख को पढ़ कर लगा कि जब सत्ता निरंकुश हो चुकी है और सारे लोकतंत्र के स्तम्भ माने जाने वाले संवैधानिक संस्थान सरकार की प्रचंड शक्ति के आगे नतमस्तक हैं, ऐसे में इन लेखों से उम्मीद जागती है कि लोकतंत्र और उसके चाहने वाले अभी जीवित हैं. आम ज़न का अंतिम भरोसा अखबार ही हैं. ऐसे में अखबारों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सच्चाई को सामने लाने की.
दिनेश मिनोचा ,वाया ईमेल
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… तो फायदे में रहेगी भाजपा
पत्रिका में समय -समय पर अपनी बात बेबाकी से रखकर गुलाब कोठारी सरकारों को आगाह करते रहते हैं। आज भी सकारात्मक हो जश्न शीर्षक से आलेख के जरिये सही समय पर भाजपा नेतृत्व को महामारी कोरोना के समय आगाह किया है। भाजपा इन सुझावों पर अमल करेगी तो निकट भविष्य में फायदे में रहेगी।
-रोशन लाल टुकलिया रेलमगरा
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आर्थिक सम्बल का लें संकल्प
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पर सकारात्मक हो जश्न की बात अच्छी लगी। कोरोना संकट ने देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। ऐसे में जश्न नहीं, बल्कि मोदी सरकार ग्रामीण विकास व रोजगार पैदा करने, गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे उद्योगों को आर्थिक संबल प्रदान करने का संकल्प ले।
शिवजी लाल मीना, जयपुर
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निरंकुश सत्ता को सन्देश
पत्रिका में गुलाब कोठारी के लेख को पढ़ कर लगा कि जब सत्ता निरंकुश हो चुकी है और सारे लोकतंत्र के स्तम्भ माने जाने वाले संवैधानिक संस्थान सरकार की प्रचंड शक्ति के आगे नतमस्तक हैं, ऐसे में इन लेखों से उम्मीद जागती है कि लोकतंत्र और उसके चाहने वाले अभी जीवित हैं. आम ज़न का अंतिम भरोसा अखबार ही हैं. ऐसे में अखबारों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सच्चाई को सामने लाने की.
दिनेश मिनोचा ,वाया ईमेल
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… तो फायदे में रहेगी भाजपा
पत्रिका में समय -समय पर अपनी बात बेबाकी से रखकर गुलाब कोठारी सरकारों को आगाह करते रहते हैं। आज भी सकारात्मक हो जश्न शीर्षक से आलेख के जरिये सही समय पर भाजपा नेतृत्व को महामारी कोरोना के समय आगाह किया है। भाजपा इन सुझावों पर अमल करेगी तो निकट भविष्य में फायदे में रहेगी।
-रोशन लाल टुकलिया रेलमगरा
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