नई दिल्लीPublished: Aug 04, 2021 11:41:20 am
विकास गुप्ता
Financial management : रीकोर्स व नॉन-रीकोर्स फैक्टरिंग non-banking financial companies के विकल्पों से व्यापारियों को मिल सकती है राहत
असीम त्रिवेदी
(लेखक सीए, ऑडिटिंग एंड अकाउंटिंग स्टैंडर्ड और कंपनी मामलों के जानकार हैं)
Financial management : पिछले हफ्ते ऑफिस में खंडेलवाल जी, जो एक लघु उद्योग चलाते हैं, का आना हुआ। कोरोनाकाल के बाद सामान्य वित्तीय प्रबंधन की समस्याओं से जूझ रहे थे। उनका कहना था कोरोना की पहली लहर के बाद माल जम कर बिका, पर सारा उधारी पर और उधारी आने का समय आया तो दूसरी लहर आ गई, सारी कार्यशील पूंजी ग्राहकों के पास फंसी है, बैंक ने पहले से ही यथासंभव सुविधाएं दे दी हैं लेकिन अब भी कार्यशील पूंजी की तंगी है। ग्राहक पैसे देंगे जरूर लेकिन रुला- रुला कर देंगे। मालूम नहीं भविष्य में व्यवसाय कैसे करेंगे?