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दिल्ली म्यूजियम में आग: अब कहां से लाओगे वो बेशकीमती धरोहर

Published: Apr 26, 2016 11:58:00 pm

प्राकृतिक इतिहास बताने वाला राष्ट्रीय संग्रहालय पूरे ब्रह्मांड की
जानकारियां उपलब्ध कराता रहा। यहां बेहद अहम दस्तावेज और अमूल्य मानव श्रम
से तैयार मॉडल के जरिए पृथ्वी

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बी.पी. साहू इतिहास विभाग,दिल्ली विश्वविद्यालय
प्राकृतिक इतिहास बताने वाला राष्ट्रीय संग्रहालय पूरे ब्रह्मांड की जानकारियां उपलब्ध कराता रहा। यहां बेहद अहम दस्तावेज और अमूल्य मानव श्रम से तैयार मॉडल के जरिए पृथ्वी, आकाश, जल, वायु के बारे में यहां बहुत ही सरल और मनोरंजन तरीके से सहज जिज्ञासाओं का समाधान किया जाता था।

यहां जीव-जंतुओं, मानव जीवन, पेड़-पौधों की उत्पत्ति उनके विकास की जानकारी के साथ उनकी खाद्य श्रृंखला के बारे में विस्तार से दी जाने वाली जानकारियां व्यक्ति को सीधे पर्यावरण से जोड़ती रही हैं। आमतौर पर अन्य संग्रहालयों में फोटो खींचने की अनुमति नहीं होती लेकिन यहां रखी गई सामग्री के साथ लोग फोटो खींच सकते थे। भले ही बहुत सी सामग्री कृत्रिम रूप से तैयार की गई हों लेकिन वह सामग्री थी बहुत ही महत्वपूर्ण।

व्यक्ति यहां रखी सामग्री से सीधा जुड़ता था। यही वजह थी कि इस संग्रहालय से लोग सीख कर जाते थे। इस संग्रहालय का यही उद्देश्य भी था और इसीलिए यहां हर रोज बड़ी संख्या में बच्चे आते थे। जानकारी के मुताबिक अब यह बेशकीमती धरोहर नहीं है, उसे फिर से हासिल कर पाना बेहद कठिन होगा।

अन्य संग्रहालयों से अलग
ऐतिहासिक दस्तावेजों और मॉडलों के नष्ट हो जाने से उनके मूल्य का अनुमान लगाना बेहद कठिन है। लेकिन, सबसे बड़ा नुकसान है, उस उद्देश्य का, जिसके लिए यह तैयार किया गया था। आमजन को पर्यावरण के साथ जोडऩे के लिए ऐसा संग्रहालय तैयार करना इतना आसान नहीं है। वर्षों के शोध पर आधारित मॉडल नष्ट हुए हैं और उन्हें फिर से फिर से तैयार कर भी लिया जाए लेकिन, वैसे ही मॉडल और उतनी ही दक्षता के साथ तैयार करना बड़ी चुनौती है।

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