ओपिनियन

खेत की बाढ़

निरपराध को सजा न हो, यह देखना
न्याय का काम है पर एक को बचाने में माफिया मौज मारे, यह कहां का न्याय है?

May 18, 2015 / 10:25 pm

शंकर शर्मा

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