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चुनौतियों के बीच जी-20

locationजयपुरPublished: Jun 30, 2019 04:13:01 pm

Submitted by:

dilip chaturvedi

सम्मेलन कुछ बेहतरीन सुझावों को आगे रखकर काम करेगा। इसके साथ ही विकसित और विकासशील देशों के लिए एक नीति तय होगी…

G20 Summit 2019

G20 Summit 2019

पूरी दुनिया की नजर जी-20 सम्मेलन पर है। हर कोई जानना और देखना चाह रहा है कि आखिर मंदी के दौर के बीच बाजार को किस तरह से यह सम्मेलन एक नई दिशा देता है और किस तरह से ईरान के मुद्दे का हल निकालता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात को अमरीका और भारत में सकारात्मक नजर से देखा जा रहा है। दोनों नेताओं के ऊपर दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापारिक समझौतों को नई दिशा देने का जिम्मा है। हालांकि अभी बातचीत में रक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई है। अंतरराष्ट्रीय करों की दरों पर वार्ता होना बाकी है। भारत ने ये दरें हाल ही में बढ़़ाई थीं, जिस पर अमरीका ने ऐतराज जताया था। खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने मुलाकात से पहले ट्वीट कर साफ भी किया कि वे पीएम मोदी से इन दरों पर बात करेंगे। जो दरें बढ़ाई हैं, उन्हें वापस लिया जाए।

दरअसल, जी-20 दुनिया के सबसे ताकतवर देशों का समूह है। मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया के भीतर होने वाले वित्तीय संकट पर नजर रखना और उसका हल खोजना है। 2008 से पहले तक इसमें सदस्य देशों के वित्त मंत्री और राष्ट्र्रीय बैंकों के गवर्नर शामिल होते रहे हैं। लेकिन 2008 में आई मंदी के दौरान सभी शासनाध्यक्ष साथ बैठे और उसके बाद से वे ही शामिल होने लगे। जी-20 का इस साल का मुद्दा है ग्लोबल सस्टेनेबल डवलपमेंट। इसके पीछे मकसद है कि पूरी दुनिया एक ऐसी अर्थव्यवस्था पर चले, जो भविष्य के वित्तीय संकटों का समाधान खोजती हुई नजर आए। सम्मेलन में विश्व व्यापार का नजरिया भी इसी पर केंद्रित किया गया है। इस बैठक में ईरान-अमरीका के बीच मतभेद भीबड़ा मुद्दा है।

ईरान दुनिया के तेल उत्पादक देशों में सबसे आगे है। अमरीका के साथ तल्ख रिश्तों के कारण ईरान का तेल उत्पादन प्रभावित हो रहा है। अगर यह इसी तरह से चलता रहा तो तय है कि पूरी दुनिया पर इसका प्रभाव नजर आएगा। ऐसे में वैश्विक स्तर पर मंदी को रोकने के लिए की जा रही कोशिशें नाकाम हो जाएंगी। यही वजह है कि जी-20 समिट में सबकी निगाहें ईरान के मुद्दे पर भी हैं। इसके अलावा सम्मेलन में रोजगार, स्वास्थ्य, विकास, महिलाओं की आत्मनिर्भरता, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, पर्यावरण जैसे मुद्दों को भी शामिल किया गया है। पूरी दुनिया के लिए ये विषय महत्त्वपूर्ण हैं।

इनको सुलझाए बगैर ग्लोबल सस्टेने बल डवलपमेंट संभव नहीं है। यही वजह है कि सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष इन मसलों पर गंभीर रवैया अपना रहे हैं। उम्मीद भी की जानी चाहिए कि जी-20 समिट कुछ बेहतरीन सुझावों को आगे रखकर काम करेगा। इसके साथ ही विकसित देश और विकासशील देशों के लिए एक नीति होगी, जिसके सहारे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को स्थायित्व देने की कोशिशों को मजबूत किया जा सकेगा।

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