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आपकी बात, बजट से क्या आम आदमी को राहत मिली है?

Published: Feb 03, 2021 03:07:57 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, बजट से क्या आम आदमी को राहत मिली है?

आपकी बात, बजट से क्या आम आदमी को राहत मिली है?

मध्यमवर्गीय परिवार को कोई राहत नहीं
बजट मध्यमवर्गीय परिवार को कोई राहत देने वाला नहीं था। इस बजट में न तो पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने और न ही होम लोन में राहत की कोई बात की गई। निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया उससे गरीब व मध्यवर्गीय को कोई राहत मिली हो, ऐसा लगता नहीं।
– सुरेंद्र बिंदल, जयपुर
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स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर
यह बजट आम आदमी के हित का बजट है, जिसमें कोरोना से निपटने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाएं शुरू करने की बात हुई है। लेकिन आयकर की स्लैब में कोई छूट नहीं दी गई । देखा जाए तो आम आदमी को राहत नहीं तिली।
सुभाष हिंमतानिया, नोहर, हनुमानगढ़
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आम आदमी की समझ से बाहर
बजट आने वाला है, बजट आने वाला है सुनते सालों हो गऐ हैं, पर आम आदमी के लिए बजट कोई मायने नही रखता है। बजट पेश होने का दिन भी आ जाता है और उसके पेश होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस छिड़ सी जाती है। आम आदमी दर्शक बना इन सबके नाटक को देखता रहता है। उसे मालूम है कि मंहगाई जैसी पिछले बरसों मे थी वैसी ही बजट के बाद भी रहनी है। दैनिक उपयोग की चीजों की कीमतों मे कोई ज्यादा अंतर आने वाला नही है सो आम आदमी अपनी रोज़ी रोटी के फेर में ही फंसा रहता है।
नरेश कानूनगो, बेंगलुरू, कर्नाटक
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सकारात्मक असर डालेगा बजट
पहली नजर में ऐसा लग सकता है कि आम लोगों को बजट 2021 का कोई सीधा लाभ नहीं है, लेकिन सरकार ने इस बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर बजट आवंटन बढ़ा दिया। इससे लोगों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी और निश्चित रूप से यह उनके जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाएगा।
दिया जैन, जयपुर
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आत्मनिर्भरता बढ़ाने वाला बजट
आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत अभियान के लिए बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान होने से रोजगार एवं सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगे। कृषि के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उत्पादन लागत से डेढ़ गुना एमएसपी की घोषणा की गई है, यह आम आदमी के साथ किसानों के लिए भी राहत की बात है।यह बजट आत्म निर्भरता की ओर बढ़ता हुआ ऐतिहासिक बजट है ।
सतीश उपाध्याय, मनेन्द्रगढ कोरिया
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निराशा के सिवाय कुछ नहीं
आम आदमी को बजट को लेकर निराशा ही हाथ लगी है। जिस तरह आज मध्यम वर्ग आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, उसे आयकर सीमा में छूट न देकर निराश किया गया है। इस बजट में लघु एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसमें न ही युवाओं के लिए और न ही महिलाओं के लिए कोई योजना शामिल की गई है। यह बजट कॉरपोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने वाला ही साबित होगा।
– कमलेश कुमार कुमावत, चौमूं, जयपुर
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आर्थिक मार झेल रही जनता को राहत नहीं
आम बजट से पहले हर आम आदमी इस आशा से उम्मीद करता है कि उसके लिए कुछ तो होगा लेकिन इस बजट ने भी मध्यमवर्गीय परिवार को कुछ नहीं दिया। कोराना महामारी में सबसे ज्यादा आर्थिक मार इन्हें ही हुई है। नौकरी पेशा या तो बेरोजगार हुआ या फिर आय में कमी से घर का सारा बजट बिगड़ गया। बाजार चाहे गुलजार हो, लेकिन कोरोना इलाज में जो लुट हुई है, सरकार जानकर भी अनजान रही।
हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाएं
बजट में सिर्फ और सिर्फ लीपापोती हुई है। ऐसी कई घोषणाएं 2020 में भी की गई थी, जिसको सरकार अमलीजामा नहीं पहना सकी। वहीं दूसरी ओर दिन-रात पेट्रोल डीजल गैस पर दाम बढ़ते जा रहे हैं। सरकार के नियंत्रण में होते हुए भी आज आम जनता परेशान है । मिडिल क्लास को पिछले दो-तीन वर्षों से बच्चों को अच्छी शिक्षा और चिकित्सा देने में बहुत कठिनाई हो रही है । सरकार को चाहिए कि वह डीजल -पेट्रोल को जीएसटी में लागू करें
साजिद खान जोधाणा, जोधपुर
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महंगाई बढ़ाने वाला बजट
कोरोना कारण आर्थिक तंगी के दौर में यह अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार इस बार के आम बजट में अपने आर्थिक नुकसान की भरपाई नए टैक्स लगा कर कर सकती है, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे आम लोगों को कुछ राहत मिली। परंतु वित्त मंत्री ने पेट्रोल, डीजल पर कृषि सेस लगाकर आमजन के जख्मों पर नमक लगाने का काम भी किया। डीजल की कीमत बढऩे से महंगाई और बढ़ेगी।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
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आर्थिक सुरक्षा का अभाव
बजट 2021 में की गई औद्योगिक और व्यावसायिक घोषणाएं देश को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए राहत भरा पैकेज है। परंतु आम आदमी के लिए आयकर में छूट जैसे मुख्य विषय में कोई बदलाव नहीं होने के कारण नौकरी पेशा तथा मध्यम वर्गीय परिवार के आर्थिक तंत्र को मजबूत करने में बजट असफल रहा है। साथ ही आमजन के निवेश के मुख्य आधार बचत योजनाओं में भी आशाजनक बदलाव नहीं होने के कारण यह बजट आम आदमी के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच के रूप में नहीं है। निष्ठा टहिलयानी, जयपुर
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