पेड़ लगाकर सेल्फी खींचना जागरूकता नहीं लाएगा, लेकिन सच में अगर आप उसके प्रति थोड़े भी जागरूक और संवेदनशील हैं, तो आपके छोटे-छोटे कदम दूसरों को भी प्रेरित करेंगे। शुरुआत हम स्वयं से करें, तो बेहतर होगा। जैसे बुराइयां फैलती हैं, वैसे ही अच्छाइयां भी फैलती हंै। बच्चे वही करेंगे, जो हमसे सीखेंगे। कभी-कभी प्रकृति के पास जाएं। बच्चों को एहसास कराएं कि पेड़ कितनी सुखद अनुभूति देते हैं। लाइट और इनवर्टर बंद कर। उन्हें वास्तविक गर्मी का एहसास कराएं। कुछ दूर उनके साथ धूप में स्वयं भी चलें। फिर उन्हें प्रकृति के हरे-भरे जंगलों कीसैर कराएं। दोनों में अंतर महसूस होने पर वे भी प्रकृति प्रेमी और जागरूक बनेंगे।
-एकता शर्मा, जयपुर
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जन्मदिन हो या कोई भी विशेष दिन हो, प्रण कर ले की उस दिन एक पौधा निश्चित लगाना है। उस पौधे का लगातार ध्यान भी रखना है। उसे समय पर खाद-पानी देना होगा।
-अरविन्द विजयवर्गीय, बूंदी
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बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना होगा और यह भी बताना होगा कि पेड़-पौधे हमारे जीने के लिए बहुत जरूरी हंै। इसलिए पौधे जरूर लगाएं। यह भी सुनिश्चित करें कि पौधे की देखभाल हो। वर्षा के दिनों में पौधे लगाने के साथ किसी खास दिन जैसे जन्म दिन पर पौधे जरूर लगाएंं।
-एस. एन. सिदार, बस्तर, छत्तीसगढ़
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जनजीवन की व्यस्तता के बीच पौधे लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। मानव जीवन में पेड़-पौधों की अहमियत समझाई जाए।
-वन्दना दीक्षित, कोटा
………. संस्कृति से जोड़ें
पौधे लगाने के कार्य को लोगों की दैनिक दिनचर्या और संस्कृति से जोडऩा जरूरी है। साथ ही पर्यावरण संतुलन में पौधों की भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए।
-मोहन कुमावत, जयपुर
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बिगड़ते पर्यावरण को सुधारने के लिए और लोगों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण की भावना जगाने के लिए सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों के दौरान सामूहिक रूप से पौधरोपण होना चाहिए। आयोजकों को ऐसे कार्यक्रम के दौरान मुफ्त में पौधे बांटने चाहिए।
-संजय डागा, हातोद
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सरकारी सुविधाओं के साथ यह अनिवार्य किया जाए कि प्रत्येक परिवार दो या तीन पौधे लगाए। जब भी कोई शुभ कार्य हो, उस दौरान पौधरोपण भी किया जाए।
-कुन्तेश्वर पंचोली, कपासन, चित्तौडग़ढ़