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चिकित्सा तंत्र कैसे मजबूत बन सकता है?

Published: Jan 18, 2022 05:40:02 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

चिकित्सा तंत्र कैसे मजबूत बन सकता है?

चिकित्सा तंत्र कैसे मजबूत बन सकता है?

चिकित्सा पर सरकारी खर्च बढ़ाया जाए
स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना होगा। इसके लिए प्रशासनिक विभाग को अपना काम ईमानदारी के साथ करना होगा। स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकारी खर्च बहुत कम है। इससे सरकारी अस्पताल बदहाल हैं। हर अस्पताल में सही संख्या में डॉक्टर और नर्स के उपलब्ध न होने की वजह से कई लोगों की जान चली जाती है या सही तरीके से इलाज नहीं हो पाता है। लोगों का जागरूक होना भी जरूरी है और चिकित्सा पर सरकारी खर्च बढ़ाने के लिए दबाव डालना चाहिए।
-प्रतीक्षा, रायपुर, छत्तीसगढ़
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संसाधनों की कमी
कोरोना काल ने हमें चिकित्सा तंत्र की बदहाली की तरफ ध्यान आकर्षित किया। अस्पतालों में स्टाफ की कमी, एंबुलेंस और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी, दवा की कमी को दूर करने की आवश्यकता है। साथ ही चिकित्सक और कर्मचारियों का मरीजों के प्रति लापरवाही भरा रवैया होता है, जिसे सुधारा जाना चाहिए। सरकारी अस्पतालों मे स्तरीय व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए, ताकि मरीजों को निजी अस्पतालों की लूटपाट से बचाया जा सके। अनुसंधान पर सरकार विशेष ध्यान देना होगा और दवा निर्माण के मामले में भी आत्मनिर्भर बनना होगा।
-मधुरा व्यास, उदयपुर
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जवाबदेही भी तय हो
स्वास्थ्य परम धन है। एक स्वस्थ व्यक्ति समाज और देश के विकास के लिए काम करता है। इसलिए राज्यों के साथ-साथ केंद्र को भी स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाकर नई सोच व नए तौर तरीकों को अपनाना होगा। चिकित्सकों व दवाओं की कमी को पूरा कर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारा जा सकता है। साथ ही चिकित्सा क्षेत्र में लोगों की जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए।
-राजेन्द्र कुमावत, जयपुर
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ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दें
ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी जनसंख्या निवास करती है फिर भी वहां समुचित स्वास्थ्य सेवाएं जैसे स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल, परीक्षणों के लिए प्रयोगशालाएं , एम्बुलेंस , ब्लड बैंक इत्यादि आज भी उपलब्ध नहीं है। डॉक्टरों की संख्या भी ग्रामीण जनसंख्या के अनुपात में बहुत कम है। अगर स्वास्थ्य का ढांचा सुधारना है, तो पहल ग्रामीण क्षेत्रों से करनी होगी। उपरोक्त सुविधाओं के साथ-साथ स्वच्छ जल व पोषण की व्यवस्था कर बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
-कृष्ण कुमार खीचड़, राजाला नाडा
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जरूरी है मेडिकल स्टाफ
चिकित्सा क्षेत्र तब मजबूत होगा, जब अस्पतालों में पूरे संसाधन होंगे।पूरा मेडिकल स्टाफ जरूरी है। ज्यादा से ज्यादा हॉस्पिटल खोल जाएं।
-प्रकाश बिश्नोई, मोदरन, जालौर
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आधुनिक तकनीक जरूरी
चिकित्सा क्षेत्र तब और मजबूत होगा, जब प्रखंड, जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तरों तक जनता को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण सेवा मिल सकेगी। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा ऐसी योजना लागू करनी चाहिए, जिससे नागरिकों को आसानी से इलाज मिल सके। इसके अलावा प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलना चाहिए तथा चिकित्सा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करना चाहिए।
-प्रकाश पूनिया, जालोर
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कुप्रबंधन का नतीजा
देश में सरकारी अस्पताल हो या फिर निजी अस्पताल, हर जगह कुप्रबंधन और अव्यवस्था। कुप्रबंधन की वजह से ही मरीजों तथा चिकित्सकों में मारपीट हो जाती है। गांवों के अस्पतालों की हालत तो और भी बद से बदतर है। अस्पतालों में चिकित्सकों की अनुपस्थिति, सफाई एवं व्यवस्था की कमी के कारण मरीजों की मौत तक हो जाती है। महामारी के दौरान हमें यह पता चला कि हमारी चिकित्सा व्यवस्था कितनी कमजोर है और इनमें सुधार की कितनी आवश्यकता है। हमें अपनी इन कमियों के सुधार के लिए उचित कदम उठाने होंगे।
-सरिता प्रसाद, पटना
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सेवाभावी चिकित्सकों की जरूरत
लोग चिकित्सकों को भगवान मानते हैं। मुश्किल यह है कि आजकल ज्यादातर चिकित्सकों के लिए पैसा ही भगवान है। चिकित्सकों को मरीजों की नहीं केवल पैसे की परवाह है। पैसों के पुजारी चिकित्सकों के रहते हुए , चिकित्सा तंत्र कैसे मजबूत बन सकता है? चिकित्सकों में मानव सेवा का भाव भरकर ही चिकित्सा तंत्र मजबूत बनाया जा सकता है।
– रणजीत सिंह भाटी, मंदसौर, मप्र
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सरकार को उठाने होंगे बड़े कदम
चिकित्सा तंत्र में सुधार के लिए भारत सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य की फंडिंग बढ़ानी होगी और भारत की एक बड़ी आबादी तक स्वास्थ्य बीमा का लाभ पहुंचाना होगा। इसके साथ ही सरकार को अधिक संख्या में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराना होगा और उनमें सीटों की संख्या भी बढ़ानी पड़ेगी।
-रियाज अंसारी, बलरामपुर, छत्तीसगढ़
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जनहित को दें प्राथमिकता
चिकित्सा विज्ञान ने कई बीमारियों का इलाज ढूंढ निकाला है। भगवान समझे जाने वाले डॉक्टर भी अब इसमें अपना फायदा पहले देखते हैं। इसलिए गरीब तबके का इलाज तक नहीं हो पाता। चिकित्सा तंत्र को मजबूत करने के लिए चिकित्सा की जड़ें मजबूत करनी होगी। सरकारी योजनाओं को हकीकत में लागू करना होगा। चिकित्सा की हर छोटी से लेकर बड़ी इकाई को जनहित के बारे में पहले सोचना होगा।
-मोनिका चोपड़ा, भादरा, हनुमानगढ़

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