हम बड़ी आसानी से समझ सकते हैं की कब हम या हमारे परिजन नशे की लत के शिकार हो चुके हैं। शोध आधारित लक्षण इस प्रकार हैं। जब अपने शरीर में हो रहे नुकसानों की जानकारी के बाद भी नशे का उपयोग हमारे नियंत्रण से बाहर रहे, नशा छोडऩे पर हमारे शरीर और व्यवहार में गंभीर परिवर्तन(विथद्रावल लक्षण- हाथ-पैर में कम्पन, रक्तचाप में उतार चढ़ाव, अनिद्रा, गुस्सा , चिड़चिड़ापन, हृदयगति में परिवर्तन, मिर्गी के झटके इत्यादि) दिखाई देने लगें। बार बार तलब उठना, अपना कार्य प्रभावित होने लगना, रिश्तों में खराबी आने लगना, महत्त्वपूर्ण अंगों जैसे लीवर, किडनी, हृदय, मस्तिष्क पर प्रभाव दिखने लगना, उन्माद के लिए नशे की मात्रा का बढऩा इत्यादि लक्षण गंभीर हैं।
ऐसी हालत में आपको मनोचिकित्सक से जरूर मिलना चाहिए। मनोचिकित्सक आपकी शारीरिक एवं मानसिक अवस्था का पूर्ण परीक्षण करता है। लगभग प्रत्येक केस में कई अन्य मानसिक बीमारियां भी पाई जाती हैं-जैसे की डिप्रेशन, एंग्जायटी डिसऑर्डर, बाइपोलर डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसऑर्डर। सम्पूर्ण आकलन के पश्चात शुरुआती दौर में दवाओं के माध्यम से डीटॉक्सीफिकेशन किया जाता है, ताकि विथद्रावल लक्षण कम से कम रहें।