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आपकी बातः खुले बाजार में वैक्सीन की बिक्री को सशर्त मंजूरी के क्या परिणाम होंगे?

Published: Jan 28, 2022 07:06:32 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

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पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

कोविड-19 वैक्सीन की खुले बाजार में बिक्री को सशर्त मंजूरी। मेडिकल स्टोर पर नहीं होगी उपलब्ध।

कोविड-19 वैक्सीन की खुले बाजार में बिक्री को सशर्त मंजूरी। मेडिकल स्टोर पर नहीं होगी उपलब्ध।

निगरानी और सतर्कता जरूरी

बाजार में वैक्सीन बेचना तो एक सही निर्णय है परन्तु वैक्सीन लेने वाले व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि वैक्सीन अभी भी ट्रायल पीरियड में है। कई तरह के लोग होंगे, ऐसे भी जिनमें कम इम्यूनिटी होगी। वैक्सीन का उन पर क्या असर होगा, इसकी मॉनिटरिंग की भी जरूरत होगी। वैक्सीन के डोज की सही जानकारी, दो खुराकों के बीच का समय निश्चित करना भी तय होना चाहिए, तभी सब कुछ सही हो सकता है। बाजार में वैक्सीन उपलब्ध होना अर्थात आम जनता तक पहुंचाना। हर परिस्थिति में सतर्कता जरूरी है। बाजार में वैक्सीन आने से उन देशों को ज्यादा लाभ मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। वे इसे कम दामों पर आसानी से खरीद सकेंगे और इसका सदुपयोग कर सकेंगे।
– सरिता प्रसाद, पटना
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वैक्सीन की कालाबाजारी शुरू होने की आशंका
बाजार में वैक्सीन बेचने पर केवल आर्थिक रूप से मजबूत लोग ही वैक्सीन ले पाएंगे। लोग वैक्सीन खरीद कर आगे की जरूरतों के लिए जमा करेंगे जिससे कालाबाजारी बढ़ने की आशंका है। जरूरत के वक्त पर लोग इसी जमा की हुई वैक्सीन को दो गुने-तीन गुने दामों पर बेचेंगे।
– रजनीगंधा, आगरा, उत्तर प्रदेश
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लोगों को मुफ्त वैक्सीन की आदत हो गई है। इसके बाद भी मुफ्त वैक्सीन की ओर लोगों ने ध्यान नहीं दिया। उन्हें वैक्सीन लगाने के लिए कोरोना वालंटियरों ने कड़ी मशक्कत की। अब खुले बाजार में वैक्सीन बिक्री के लिए उपलब्ध कराने से तो लोगों का रुझान वैक्सीन के प्रति और भी कम हो सकता है, जिससे महामारी फैलने का खतरा बना रहेगा।
– सुदेश भलावी, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश
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नकली वैक्सीन के कारोबार की आशंका

कुछ समय पूर्व ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने इसी क्रम में चेतावनी जारी की थी। अधिकारियों का कहना था कि महामारी के शुरुआती दिनों में अपराधियों ने नकली पीपीई किट बेचने की कोशिश की थी। बाजार में जैसे ही वैक्सीन बेची जाएगी, नकली वैक्सीन बनाने और बेचने वाले गैंग सक्रिय हो जाएंगे। बाजार में कोरोना टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे फर्जी कोरोना टेस्ट के मामले भी आए दिन सुनने में आते हैं। सरकार को कड़े नियम-कानूनों के साथ ही वैक्सीन की खुले बाजार में बिक्री को अनुमति देनी चाहिए।
– हरि मुख मीना, कठहैडा, अलवर (राज.)
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व्यवस्था का दुरुपयोग न हो

वे सभी लोग जो मुफ्त की दवा लेना पसंद नहीं करते, उन्हें एक विकल्प मिल जाएगा। सरकार पर भी आर्थिक भार कम होगा। सरकार एवं निजी क्षेत्र, दोनों विकल्प होने के कारण निजी क्षेत्र उत्कृष्ट सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। फिर भी सरकार को निजी क्षेत्र पर निगरानी रखनी चाहिए कि कहीं इस व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं हो।
– मदनलाल मीणा, पलसाना, सीकर (राजस्थान)
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घातक सिद्ध हो सकता है वैक्सीन निजीकरण

कोविड वैक्सीन का निजीकरण होगा राष्ट्र के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। निजीकरण होने से एक तरफ तो वैक्सीन सर्वसुलभ होगी, लेकिन दूसरी तरफ इसके दुष्परिणाम भी आवश्यक रूप से देखने को मिलेंगे। क्योंकि सफेदपोश इस अवसर का लाभ उठाकर भ्रष्टाचार बढ़ाएंगे। रोगियों को स्वास्थ्य लाभ की बजाय अन्य घातक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
– अनिल कुमार धानका, अलवर, राजस्थान
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टीकाकरण बढ़ाने वाला कदम साबित होगा यह फैसला
खुले बाजार में वैक्सीन उपलब्ध होने से वैक्सीनेशन बढ़ेगा। जो लोग समय अभाव के कारण या सुरक्षा कारणों के चलते डिस्पेंसरी, सरकारी अस्पताल आदि में नहीं जा सकते, वे बाजार में आसानी से उपलब्ध होने पर कहीं भी अपनी सुविधा अनुसार वैक्सीन लगवा सकेंगे। बाजार में वैक्सीन बेचने का कोई विशेष नुकसान नहीं होगा।
– देवेंद्र राही, कोटा
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कुछ ही लोग ले पाएंगे लाभ

बाजार में वैक्सीन बेचने के परिणाम लाभदायक नहीं होंगे और न ही इसका व्यापक उपयोग किया जाएगा। राजनीतिक, स्वास्थ्य विभाग व सामूहिक जागरूकता अभियानों के बावजूद मुफ्त में भी जब सभी लोग टीका नहीं लगवा पा रहे हैं, तो वे खरीदकर लगवाएंगे, इसमें संदेह है। इसका लाभ केवल कुछ ही लोग ले पाएंगे।
– संजय माकोड़े, बैतूल
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कालाबाजारी की आशंका
वैक्सीन की बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने इसकी अनुमति दे दी है। लेकिन इस महामारी में लोगों की मजबूरियों का लाभ उठाकर मुनाफा कमाने वालों की कमी नहीं है। इससे कथित तौर पर बाजार में खरीद-फरोख्त बढ़ेगी। हाल ही में इसके परिणाम हम देख चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर और ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी हुई, लोगों को ऊंची कीमत चुकानी पड़ी, और कई निर्दोष लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। बेहतर यही होगा कि सरकार पूरी तरह से इस पर नियंत्रण बनाए रखे।
– सुदेश बिश्नोई, श्रीगंगानगर
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