हमारा समाज सभ्य होता गया, पर नारी को प्रताडित करने की पुरुषो की मानसिकता नहीं बदल सका कन्या भ्रुण हत्या, यहाँ वहा पाये जाने वाले नवजात बालिकाओ के शव, खुली आखो से सपने देखती नवयुवतियां, परिवार को सवारती महिलाये किलकारी मारती मासूम बेटिया के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हमें प्रतिपल उद्वेलित करती है ! मन मस्तिष्क को झकझोर के रख देती है , पर समाज मोन है!
जनवरी 2012 में दिल्ली कोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश कामिनी लाऊ महिलाओ की इस पीड़ा को समझा व दुष्कर्म के आरोपियों को बन्ध्यीकरण(नपुसंक ) करने की भी कानून से अपील की ! केंद्र सरकार ने नाबालिक से दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा का पृवधान किया ! फैसले हुए सजा दी गई पर अभी तक एक भी सजा पर क्रियान्वन नहीं हुआ, अगर सजा पर अमल होता तो जनता में अच्छा सन्देश जाता समाज में भय पैदा होता ! महिलाये कही भी सुरक्षित नहीं है पर वे निजी तोर पर हर वक्त सावधान रहे ! अगर आपके आस पास कोई जुडो कराटे का प्रशिक्षण केंद्र है तो ये प्रशिक्षण जरूर ले , ये हर स्थिति में सहायक होगा ! अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आये तो पुलिस को सूचित करे अगर किसी से सामना हो जाये तो हिम्मत व हौसला बनाये रखे , अपना आत्मविश्वाश न खोये अपने विवेक पर आपका नियत्रण बना रहे !
अक्सर महिलाये परिचित व्यक्ति से दुष्कर्म का शिकार होती है तो रिश्तो में दूरी बनाए! तमाम सावधानी व सतर्कता के बावजूद ये हादसा आपके साथ में हो तो घबराये नहीं, पुलिस के पास जाए डरने व शर्मिंदा होने के बजाये कानून की सहयता ले, किसी भी तरह इन वहशी दरिंदो को सलाखों के पीछे पहुचाये ताकि ये किसी और का जीवन बर्बाद न कर सके! दुष्कर्म मात्र हादसा नहीं ये एक ऐसी त्रासदी है जो औरत आजीवन इस पीड़ा को भूल नहीं पाती है !
लता अग्रवाल