सिर्फ तल्ख टिप्पणियों और सख्त कानूनों से बच्चों के साथ होने वाली बलात्कार की घटनाएं रुकनी होती तो कब की रुक जाती। मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार के बाद उनकी हत्या समाज में आज आम बात हो चली है लेकिन उसे रोकने की दिशा में सार्थक प्रयास नजर नहीं आ रहे।
•Oct 28, 2015 / 04:55 am•
afjal