भारत की जी-20 अध्यक्षताः उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहुत अहम पल
जयपुरPublished: Nov 09, 2022 10:34:12 am
- आर्थिक-राजनीतिक-सामाजिक रसूख से करेगा भारत ग्लोबल नैरेटिव का मार्गदर्शन
- उम्मीद है कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ या ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ की अपनी थीम और लोगो के साथ भारत जी-20 की अध्यक्षता से एक विलक्षण, शक्तिशाली संदेश देगा। वह यह कि - अब हम सभी के लिए वक्त आ चुका है कि हम कदम उठाएं और इस साझे ग्रह की जिम्मेदारी लें।


अमिताभ कांत, भारत के जी-20 शेरपा हैं और पूर्व में नीति आयोग के सीईओ रहे हैं
अमिताभ कांत
भारत के जी-20 शेरपा हैं और पूर्व में नीति आयोग के सीईओ रहे हैं
........................................................................................... भारत एक महीने से भी कम वक्त में, 1 दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता लेने जा रहा है। इस दौरान वह एक बहुत ही खास स्थिति में है जहां वह दुनिया भर के विकासशील देशों की चिंताओं और वरीयताओं के हक में आवाज उठा सकता है। इंडोनेशिया-भारत-ब्राजील की जो जी-20 वाली तिकड़ी है, भारत उसके केंद्र में है। इस प्रतिष्ठित अंतर-सरकारी मंच के 14 साल के इतिहास में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेतृत्व में अपनी तरह की ये पहली तिकड़ी है। लगभग 1.4 अरब की आबादी के साथ, दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी बढ़ती अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत के पास गजब का आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रसूख है, जिससे वह ग्लोबल नैरेटिव का प्रभावी मार्गदर्शन कर सकता है ताकि आज की वास्तविकताओं का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व कर सके।