विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों ने व्हीलचेर को लेकर बहुत कम नवाचार किया है क्योंकि बीमा कंपनियां मूल उपकरण को ही कवर करती हैं। डिजिटल युग में कंपनियों ने अब व्हीलचेयर पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। नेशनल सीटिंग एंड मोबिलिटी के सीइओ बिल मिक्सन कहते हैं, ‘पिछले दो वर्षों में नजरिया बदला है। हमारे पास ऐसे ग्राहक आए हैं जो सूचना और डेटा वाली व्हीलचेयर चाहते हैं।’ व्हीलचेयर पर लगे राडार सेंसर और कैमरे उपयोगकर्ताओं को अनजाने में दीवारों और चीजों से टकराने से रोकने का काम करते हैं। यदि कोई उपयोगकर्ता खड़ी सीढ़ी पर जा रहा है और उसके गिरने का खतरा है तो सॉफ्टवेयर अलार्म बजा देता है ताकि आसपास के लोग मदद के लिए आ सकें।
व्हीलचेयर में लगे एप से उपयोगकर्ता, चिकित्साकर्मियों या रिश्तेदारों को सूचित भी कर सकता है। संभावना है कि बहुत जल्द अत्यधिक क्षमता वाले सेंसर व कैमरों की मदद से सेल्फ-ड्राइविंग व्हीलचेयर भी बाजार में आ जाएगी। स्कॉटलैंड स्थित एक कंपनी के संस्थापक कहते हैं कि करीब 40 वर्षों में व्हीलचेयर कंपनियों ने इसे हल्की और छोटी ही बनाया, अब व्हीलचेयर आधुनिकतम तकनीक से लैस होगी।
द वाशिंगटन पोस्ट
(लेखक इनोवेशंस रिपोर्टर हैं)