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आपकी बात, क्या स्कूलों में यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी दी जाती है?

Published: Sep 27, 2021 05:49:21 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, क्या स्कूलों में यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी दी जाती है?

आपकी बात, क्या स्कूलों में यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी दी जाती है?

जरूरी है यातायात नियमों की जानकारी
विद्यालय में सिखाई गई बातें विद्यार्थी को जीवन भर याद रहती हैं , इसलिए उन्हें स्कूल में ही यातायात के नियमों की जानकारी दी जानी चाहिए। हम देखते हैं कि जब कोई ड्राइविंग लाइसेंस बनाता है तो वह कुछ दिन पहले यातायात नियम याद करता है। यह जानकारी टेस्ट उत्तीर्ण करने तक याद रहती है। इसलिए बच्चों को विद्यालय स्तर से ही यातायात के नियमों की पूरी जानकारी दी जाए।
-एसपी कुमावत, भाणा, राजसमंद
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नहीं मिलती यातायात नियमों की जानकारी
यातायात नियमों की जानकारी स्कूलों में नहीं दी जाती है। जब कोर्स में ही नहीं है तो टीचर्स क्यों पढ़ाएंगे? यह स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को इस बारे में बताएं यातायात नियमों की जानकारी के अभाव में ही छोटे-छोटे बच्चों को सड़क पर गाड़ी दौड़ाते हुए देखा जाता है। इससे हादसे भी हो रहे हैं।
आराधना सिंह चौहान
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बाल सभा में दी जाए जानकारी
यातायात नियमों की जानकारी स्कूलों में दी तो जाती है, परंतु इसे व्यवहार में लाना भी आवश्यक है। यातायात नियमों से संबंधित अध्याय पाठ्यक्रम में विस्तार से शामिल किए जाएं तथा साथ ही बाल सभा में विद्यार्थियों को सप्ताह में एक बार इससे संबंधित कार्यक्रम करवाना जरूरी हो।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़, सीकर
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मात्र सतही जानकारी न दी जाए
हमारे देश की शिक्षा पद्धति मैकाले की शिक्षा पद्धति पर आधारित है। छोटी-छोटी कक्षाओं में लाल बत्ती, पीली बत्ती और हरी बत्ती का मतलब बता दिया जाता है, पर आगे जाकर यातायात नियमों की जानकारी किसी भी रूप में नहीं दी जाती है। आए दिन होने वाले सड़क हादसे इसका उदाहरण हैं। अंधाधुंध गाड़ी चलाना, गलत तरफ से गाड़ी को ओवरटेक करना या फिर अचानक से ब्रेक लगा देना हादसे का कारण बनता है। ऐसे हादसों की रोकथाम के लिए स्कूल की हर क्लास के पाठ्यक्रम में यातायात नियमों की जानकारी से संबंधित एक अध्याय जरूर होना चाहिए।
-लता अग्रवाल चित्तौडग़ढ़
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पूरी जानकारी दी जाए
स्कूलों में यातायात नियमों से संबंधित पाठ्यक्रम को अनिवार्यत: शामिल किया जाना चाहिए। आज अमूमन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी नहीं दी जाती। यातायात नियमों की जानकारी न होने के कारण हादसे हो रहे हैं। स्कूलों में ट्रैफिक सिग्नल, के अलावा जेबरा क्रॉसिंग और फुटपाथ पर पैदल चलने के दौरान बरती जाने वाली विशेष सावधानियों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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नहीं मिलती पूरी जानकारी
यातायात नियमों की जानकारी होना बच्चों के लिए भी उतना ही आवश्यक है, जितना कि बड़ों के लिए। बच्चों को सड़क पर चलने , फुटपाथ का प्रयोग करने, सड़क पार करने संबंधी नियमों और ट्रैफिक सिग्नल को पहचानने की जानकारी दी जाती है, लेकिन यह अपर्याप्त है। अब यातायात के नियमों में काफी विस्तृत हो गए हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे विद्यार्थियों को यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दें।
-विभा गुप्ता, बेंगलूरु
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हादसों में कमी आएगी
सभी स्कूलों में यातायात पुलिस द्वारा यातायात नियमों की नियमित जानकारी देनी चाहिए। इससे जब बच्चे बड़े होकर वाहन चलाएं, तो यातायात नियमों का सही तरीके से पालन कर सकें। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
– सुरेंद्र बिंदल, जयपुर
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दी जाती है जानकारी
आजकल स्कूलों में सामाजिक विज्ञान विषय में यातायात से संबंधित शिक्षा दी जाती है। देश में बहुत सारे स्कूलों में सुबह की ‘असेंबली की मीटिंग’ में यातायात के नियमों की जानकारी बच्चों को दी जाती है।
-नरेश कानूनगो, बेंगलूरू, कर्नाटक
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व्यावहारिक शिक्षा पर ध्यान कम
यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी जैसे व्यावहारिक ज्ञान को पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बनाना चाहिए। सड़कों पर आवागमन विद्यार्थियों के दैनिक जीवन का आवश्यक अंग है। बच्चे बड़े होकर वाहन चलाते हैं। यदि उनको यातायात नियमों की सही जानकारी होगी तो हादसे कम होंगे।
-मुकेश भटनागर, वैशालीनगर, भिलाई
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जरूरी है जागरूकता
वर्तमान में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्कूलों में यातायात के नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता महसूस की गई है। कम उम्र में स्कूली बच्चे यातायात नियमों की बारीकियों को सीखें तो सड़क हादसे कम होंगे। मौजूदा समय में कई बच्चे बाइक चलाना सीख तो जाते हैं, लेकिन उन्हें यातायात नियमों की जानकारी नहीं होने से कई बार वह नियमों का उल्लंघन करते हैं। इससे हादसे हो जाते हैं।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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