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क्या अब महंगाई नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता में नहीं है?

Published: Jun 17, 2021 04:19:21 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

क्या अब महंगाई नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता में नहीं है?

क्या अब महंगाई नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता में नहीं है?

अब चुनाव जीतना ही लक्ष्य
अब महंगाई नियंत्रण सरकार का प्राथमिक विषय नहीं रहा है। सरकारों का मुख्य उद्देश्य अब चुनाव जीतकर अपनी दलीय स्थिति मजबूत करना है। चुनावों में अनाप – शनाप खर्च किया जाता है, उद्योगपतियों को मनमानी छूट दी जाती है, हाथ खोलकर सरकारी खर्चे किए जाते हैं, आधुनिकीकरण के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाओं पर पानी की तरह पैसा बहाया जाता है। इसलिए जनता पर करों का भार बढ़ाया जाता है, जिससे महंगाई में बेतहाशा बढ़ोतरी होती है। कोरोना महामारी के कारण उद्योग – धंधे ठप्प हो गए हैं, लोगों की नौकरियां छूट गई हैं, सरकारी भर्तियाँ बंद हैं, बाजारों में मंदी का दौर है। असंगठित क्षेत्र के कामगारों और दिहाड़ी मजदूरों का पेट भरना भी कठिन हो रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण आज हर व्यक्ति परेशान है। सरकार को महंगाई कम करने और व्यक्ति की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
-सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’, विज्ञान नगर, कोटा
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मिल गई मनमानी की छूट
अभी तक जो स्थितियां बनती दिख रही हैं, उससे तो यही पता चलता है कि बढ़ती महंगाई पर सरकार ने नियंत्रण करना छोड़ ही दिया है। ऐसा लगता है कि सरकार ने मनमानी करने की छूट ही दे दी है। पहले से ही पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में आग लगी हुई थी कि अब खाद्य तेलों की कीमतों में भी दिन- प्रतिदिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। महामारी से तो सब परेशान हैं ही, अब रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम भी आसमान छू रहे हैं। महंगाई से सब परेशान हो रहे हैं। दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम दिन-प्रतिदिन क्यो बढ़ रहे हैं? सरकार को इस ओर जरूर ध्यान देने की आवश्यकता है। महंगाई रोकने के लिए जमाखोरी पर अंकुश लगाना होगा और ऐसे कार्यों में लिप्त पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए। महंगाई को नियंत्रित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
-लक्ष्मण नायडू, रायपुर, छत्तीसगढ़
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मध्यम वर्ग की मुश्किल बढ़ी
हमारी सरकारों को बढ़ती हुई महंगाई से किसी भी तरह की परेशानी नहीं है। पीडि़त जनता एक शब्द भी नहीं बोल रही, न कोई धरना है न ही कोई प्रदर्शन। बेचारी जनता चुपचाप सहन करती जा रही है। जनता को भी अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि चाहे कुछ भी कर लो, सरकार कुछ नहीं करेगी। महंगाई से सबसे ज्यादा परेशानी मध्यम वर्ग को होती है। निम्न वर्ग को तो रियायती दर पर वस्तुएं मिल जाती हैं। महंगाई का उच्च वर्ग पर कुछ भी फर्क नहीं पड़ता। करोना कॉल में अरबपतियों कि संपत्ति में बे हताशा वृद्धि हुई। बेचारा मध्यमवर्गीय वर्ग पिसना ही जानता है। कोई विरोध नहीं, कोई प्रदर्शन नहीं। सारी दुनिया में पेट्रोल,डीजल आदि पदार्थों के दाम बहुत गिरे हैं और हमारे यहां इनके दाम बढ़ रहे हैं। इसे राजस्व बढ़ाने का आसान रास्ता बना लिया है। जनता झक मारकर खरीदेगी, जाएगी कहां? अब वाहन तो जिंदगी का अनिवार्य अंग बन गए हैं।
राजेन्द्र कुमार सुराणा, रायपुर
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सरकार की प्राथमिकता नहीं
महंगाई नियंत्रण अब सरकार की प्राथमिकता में नही है। सरकार का ध्यान सिर्फ चुनावों पर है। दूसरी लहर के चलते भी देश में चुनाव हुए और अब फिर पंचायत चुनाव कराने की मंशा सामने आने लगी है। हमारे देश की गरीब जनता बार बार नेताओं के झूठे वादों में आ जाती है। हाल के समय में पेट्रोल ने सौ का आंकड़ा छू लिया। डीजल, गैस सिलेंडर, सरसों तेल व दाल जैसी राजमर्रा उपभोग होने वाली वस्तुओं में हर रोज तेजी देखने को मिल रही है
-सुनिता ङ्क्षसह, जयपुर
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इच्छाशक्ति की कमी
देश में तेजी से बढ़ती महंगाई की मार से आमजन हैरान और परेशान है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जो उछाल आ रहा है, उससे खाद्यान्न वस्तुओं का परिवहन भी महंगा हो गया है। महंगाई कम करने के मामले में सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है।
-सज्जाद अहमद कुरेशी, शाजापुर, मध्य प्रदेश
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जनता के साथ खुली लूट
भाजपा पेट्रोल-डीजल को सस्ता करने का वादा कर सत्ता में आई। फिर भी पेट्रोल-डीजल पर भारी टैक्स वसूला जा रहा है। यह जनता के साथ धोखा ओर खुली लूट है। सरकार महंगाई की बढ़ती मार नहीं रोक रही है, जिससे आमजन अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है। नेताओं ने देश का हाल बेहाल कर रखा है।
-साजिद खान, जोधपुर
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महंगाई पर लगाम जरूरी
महंगाई की वजह से निर्धन वर्ग के लोगों को जरूरत की चीजें नहीं मिल पा रही है। अब समय आ गया है कि महंगाई पर लगाम लगे। कमरतोड़ महंगाई को रोकने के लिए सरकार को इसे प्राथमिकता देकर आवश्यक और सख्त कदम उठाने होंगे।
-राजेन्द्र बिश्नोई , बीकानेर
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सरकार की विफलता
देश में बढ़ती महंगाई से जनता परेशान है। खाद्यान्न के दाम बढ़ बए हैं और कालाबाजारी हो रही है। बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण रखनें में जहां एक ओर सरकार पूरी तरह विफल रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने गैस की सब्सिडी हड़प ली। आए दिन पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाकर जनता को लूटा जा रहा है। जो सरकार स्वयं जनता को लूटने में लगी हो, वह महंगाई पर नियंत्रण कैसे करेगी?
-शवओम पाराशर, अहमदाबाद, गुजरात
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हवा हो गया महंगाई का मुद्दा
कोरोना महामारी के चलते छीनने रोजगार और बढ़ती महंगाई ने आम आदमी बजट बिगाड़ कर रख दिया है। रोजाना बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों से तो लोग परेशान थे ही, महंगे होते खाद्य तेलों ने हालत खराब कर दी है। महंगाई-नियंत्रण और रोजगार के अवसर पैदा करने के मुद्दे पता नहीं कहां हवा हो गए। देश का आम आदमी महंगाई को कोसते हुए अपनी जिंदगी गुजार रहा है।
-नरेश कानूनगो, गुंजुर, बेंगलूरू, कर्नाटक.
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सरकार महंगाई नियंत्रण पर ध्यान नहीं दे रही
जनता महंगाई की वजह से काफी परेशान है। पेट्रोल-डीजल और गैस के बढ़ते दाम जनता के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। लोग अपने रोजगार से हाथ धो बैठे हैं। वे महंगाई के कारण अव्यवस्था का शिकार हो रहे हैं। सरकार महंगाई को नियंत्रण करने के उपाय नहीं कर पा रही है, जबकि सरकार को इसे प्राथमिकता में लेना चाहिए।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ, सीकर
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जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी
महंगाई सुरसा के मुंह की तरह दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। दैनिक जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान की जद्दोजहद में आम आदमी परेशान है। ऊपर से कोरोना की मार ने कमर तोड़ कर रख दी। खाद्य तेल, डीजल-पेट्रोल के भाव आसमान छू रहे हैं। ऐसे में सरकार को जमाखोरों पर सख्त कार्रवाई करते हुए बढ़ती महंगाई को नियंत्रण में लाना चाहिए। दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स घटाकर आम आदमी की पहुंच में लाने का प्रयास करना चाहिए।
-उमाकांत शर्मा, डग, झालावाड़
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महंगाई नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता में नहीं
वर्तमान में बेतहाशा बढ़ती महंगाई का प्रमुख कारण तेल के दामों में निरंतर हो रही वृद्धि है, क्योंकि इससे माल ढुलाई की लागत बढ़ जाती है। यदि महंगाई को कम करना है तो तेल के दामों में कमी लाई जानी चाहिए, लेकिन सरकार की ऐसी कोई मंशा नजर नहीं आ रही है। राज्य सरकारें और केन्द्र की सरकार बढ़ती मंहगाई को कम करने के लिए सार्थक प्रयास करने की बजाय एक दूसरे पर बढ़ती महंगाई का ठीकरा फोड़ कर अपने कर्तव्यकी इतिश्री कर रही है। इससे यही प्रतीत हो रहा है कि महंगाई को कम करने में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है।
-सुरेन्द्र कुमार, नवलगढ, झुंझुनूं
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गलत नीतियों का असर
वास्तव में मंहगाई मांग और आपूर्ति के सामंजस्य पर निर्भर करती है। इसके अलावा सरकारी कर और नीतियां भी इसकी जिम्मेदार हैं। सरकार को चाहिए कि आयात व निर्यात का संतुलन ठीक करे। साथ ही कर प्रणाली को भी सभी के हितों का ध्यान रख कर सरल और सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए ।
-मुकेश गुप्ता (ग्राम विकास अधिकारी ) अलवर
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सरकार से राहत की दरकार
वर्तमान समय मे पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे है । साथ ही साथ खाद्य तेलों एवं सामग्री की कीमतों मे अनियंत्रित वद्धि से जनता परेशान है। एक सरल सी बात सर्वविदित है कि कीमत बढऩे के बाद वस्तुओं के मूल्य कम होना मुश्किल हो जाता है। कोरोना काल के कारण कमाई के संसाधनों के अभाव और महंगाई की मार से आम जन दुखी और व्यथित है। सरकार से राहत की दरकार है।
-विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
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सरकार विफल रही
महंगाई नियंत्रण के मामले में सरकार पूरी तरीके से विफल रही है। खाद्य तेलों में जहां आज अंधाधुंध बढ़ोतरी हुई है, वहीं पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा देने के कारण इसकी दर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है। उपभोक्ताओं को दोहरी मार पड़ रही है, पहले कोरोना- लॉकडाउन के कारण उनकी आय के स्रोत बंद हुए अब महंगाई उनकी कमर तोड़ रही है। बढ़ती हुई महंगाई को रोकने के लिए सरकार को तत्काल जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर नकेल कसनी चाहिए। पेट्रोल डीजल की एक्साइज ड्यूटी को कम करना चाहिए।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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चहेतों की ही फिक्र
महंगाई सामान्य जन का मुद्दा है। सरकार खास लोगों पर ही ध्यान देती है। निरंकुश शासक अपने चहेतों का हित लाभ देखता है। ऐसी स्थिति में महंगाई नियंत्रण का मुद्दा गौंण हो जाता है।
बी.आर.एस. बांधे, रायपुर छ.ग.
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सरकार का ध्यान ही नहीं
कोरोना के कारण देश में पहले ही कोहराम मचा है। लोगों की आर्थिक स्थिति लगभग बिगड़ चुकी है। बढ़ती मंहगाई ने कोढ़ में खाज का काम किया है। पेट्रोल और घरेलू राशन सामग्री के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। सरकार का पूरा ध्यान इन चीजो के दामों को रोकने पर होना चाहिए, किंतु सरकार का ज्यादा फोकस चुनाव पर होता है।
-प्रकाश चन्द्र राव बापूनगर, भीलवाड़ा
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