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आपकी बात, क्या अब महंगाई जनता की नजर में कोई मुद्दा नहीं है?

Published: Mar 01, 2021 07:21:22 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, क्या अब महंगाई जनता की नजर में कोई मुद्दा नहीं है?

आपकी बात, क्या अब महंगाई जनता की नजर में कोई मुद्दा नहीं है?

कोई सुनने वाला नहीं है
जनता की नजर में महंगाई आज भी सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन जनता की आज कोई सुनने वाला नहीं है। कांग्रेस अंतर्कलह में उलझी है, तो केन्द्र सरकार अपने हाल में मस्त है। सरकार को जनता-जनार्दन से कोई लेना-देना नहीं। ऐसा लगता है कि सरकार धन्ना सेठों की है, आम आदमी की नहीं। नतीजन महंगाई बढ़ती जा रही है और पैसे वाले ज्यादा पैसे वाले होते जा रहे हैं। जनता को वोटों की राजनीति ने बर्बाद कर दिया। अब बोलने वालों को मारा पीटा जाता है। जनता जनार्दन मूक दर्शक बनी हुई है और महंगाई की मार झेल रहीं है ।
-सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
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हर नागरिक का मद्दा है महंगाई
देशव्यापी लोक डाउन के बाद महंगाई ने जनजीवन को कई मायनों में प्रभावित किया है। बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त है। आम व्यक्ति आवश्यक उपभोग की वस्तुओं तक नहीं खरीद पा रहा। वर्तमान में महंगाई से निजात पाना एक प्रमुख चुनौती है। महंगाई समाज के हर एक नागरिक का एक प्रमुख मुद्दा है, जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
-संदीप स्वर्णकार, जहाजपुर, भीलवाड़ा
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महंगाई अब भी बड़ा मुद्दा
देश की जनता के लिए महंगाई अब भी एक गम्भीर मुद्दा है, क्योंकि देश की करीबन 80-85 प्रतिशत जनता निम्न मध्यवर्गीय या गरीब है। आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ जाने से घर का बजट चरमरा जाता है। अत: यह सोचना कि महंगाई अब कोई मुद्दा नहीं है, गलत है।
-सुनील गुप्ता, कोटा
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गड़बड़ाया घर का बजट
देश मे पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों से जनता त्रस्त है। महंगाई से लोगो का जीना मुहाल हो गया है। बढ़ती महंगाई को लेकर जनता चुप्पी साधे हुए है। पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी करने के लिए सरकार के पास विकल्प है। उसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें करों में कमी कर मूल्य वृद्धि पर लगाम लगा सकती है। महंगाई के दौर में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को ज्यादा सहन करना पड़ रहा है। सरकार को सोचना चाहिए। देश में महंगाई चरम पर है। लगातार मूल्य वृद्धि से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। घर का बजट गड़बड़ा गया है।
-कांतिलाल मांडोत सूरत
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जनता में बढ़ रहा है रोष
जिस तरह से बेतहाशा महंगाई बढ़ रही है, आम जनता बहुत परेशान है। लोगों का घर चलाना मुश्किल हुआ जा रहा है। ऐसे हालात में महंगाई जनता की नजर में मुद्दा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के जो दाम बढ़ाए गए हैं, उनसे जनता बहुत परेशान है। इसका प्रभाव बाकी चीजों पर भी पड़ रहा है। सरकार जनता का ध्यान महंगाई जैसे मुद्दों से हटाकर दूसरे मुद्दों की तरफ करना चाहती है। भय का माहौल भी बनाया जाता है, ताकि जनता की आवाज को दबाया जा सके, मगर यह समस्या का समाधान नहीं है। लोगों के मन में रोष व्याप्त है। इससे साफ जाहिर होता है कि जनता परेशान तो है, परन्तु सुनने वाला कोई नहीं है।
-सोनिका कमलेश, बैतूल मध्यप्रदेश
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राहत दे सरकार
महंगाई से जनजीवन प्रभावित हुआ है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं की निरंतर बढ़ रही कीमतों से जनता त्रस्त है। मंदी के इस दौर में जहां गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के पास आय के स्रोत भी निश्चित नहीं हंै, ऐसे में मूलभूत जरूरतें पूरी करना भी मुुश्किल हो रहा है। सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के प्रयास करे, ताकि जनता को राहत मिल सके।
-निष्ठा टहलियानी, जयपुर
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एकजुटता की कमी
महंगाई की मार असल में मध्यमवर्गीय लोगों पर पड़ी है। महंगाई रोकने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए जनता को एकजुट होना होगा, लेकिन जनता एकजुट नहीं है। इसलिए महंगाई अब कोई मुद्दा नजर नहीं आता है।
– अरुण घोलप, इंदौर, मध्यप्रदेश
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सरकार पर सवाल
कोरोना देश के लिए परेशानी लेकर आया, वहीं महंगाई कोढ़ में खाज बन कर जनता की तकलीफें बढ़ा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कम होती कीमतों के बाबजूद पेट्रोल-डीजल की रोज-रोज बढ़ती कीमतें,गैस सिलेंडर की कीमतों में भारी बढ़ोतरी केंद सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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बेबस है जनता
लगातार जिस प्रकार से देश में महंगाई बढ़ती जा रही है, लोग इससे त्रस्त हैं। लोग बेबस हैं, सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में असफल हुई है, जिसका बोझ सीधे आम जनता पर पड़ा है। पेट्रोल, डीजल, गैस आदि के दाम बढ़ रहे हैं, जिससे लोग परेशान हैं।
-कौशल बेहरा, रायगढ़, छत्तीसगढ़
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महंगाई से त्रस्त है जनता
देश की अधिसंख्य आबादी महंगाई से परेशान है। फिर भी शायद सरकार ने मान लिया है कि जनता की नजर में महंगाई कोई मुद्दा नहीं है। सरकार वर्तमान में निजीकरण की नीति पर कार्य कर रही है। इससे महंगाई और बढ़ेगी। तो क्या सरकार ने मान लिया की महंगाई का लोगों पर अब कोई असर नहीं पड़ता? महंगाई के मुद्दे को गौण करना उचित नहीं । – – – कमलेश कुमार कुमावत, चौमूं ( जयपुर)
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निराश है जनता
दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त है। सरकारों ने चालाकी से महंगाई का मुद्दा गायब सा कर दिया है। निराश जनता ने इसे अब अपनी नियति मान लिया है।
-सुनील सालवाड़ी, अलवर
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