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आपकी बात, वर्तमान में कितनी उपयोगी है ऑनलाइन शिक्षा ?

Published: Nov 11, 2020 03:25:41 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, वर्तमान में कितनी उपयोगी है ऑनलाइन शिक्षा ?

आपकी बात, वर्तमान में कितनी उपयोगी है ऑनलाइन शिक्षा ?

विकल्प नहीं सहायक है ऑनलाइन शिक्षा
ऑनलाइन शिक्षा को दो पक्षों को समझना आवश्यक है। प्रथम दृष्ट्या ऑनलाइन शिक्षा के प्रचलन में आने से वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, लर्निंग ऐप, सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदि की मांग में इजाफा हुआ है। यानी ऑनलाइन शिक्षा महामारी के इस दौर में रोजगार उपलब्ध कराने मे उपयोगी साबित हो रही है। इसके माध्यम से कामकाजी व्यक्ति भी अपनी दक्षता बढ़ा सकता है। अत: ऑनलाइन शिक्षा को पूर्ण रूप से खारिज नही किया जा सकता। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में बाधक सिद्ध हो रही है। इसके माध्यम से विद्यार्थी ज्ञान तो प्राप्त कर रहा है, परन्तु उसकी भावनात्मक बुद्धि तथा तर्क- वितर्क क्षमता विकसित नहीं हो पा रही है। कक्षीय पाठन विद्यार्थी के सोचने-समझने के आयाम को विस्तार देता है। इसके अभाव में विद्यार्थी का जीवंत समाज से संपर्क समाप्त हो जाएगा। बहुत से परिवार ऑनलाइन शिक्षा के खर्च को वहन करने की स्थिति में नही हैं। इसलिए आवश्यक तो यह है कि कक्षीय पाठन को त्वरित गति से शुरू करने की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। यदि महामारी के दौर में ऑनलाइन शिक्षा को सहायक मानते हुए इसे सभी विद्यार्थियों तक पहुंचाना है, तो सरकार को इसके उचित प्रबंध करने की आवश्यकता है। ऑनलाइन शिक्षा को पारंपरिक शिक्षा पद्धति का विकल्प ना मानते हुए सहायक ही समझा जाना चाहिए।
-कनिष्क माथुर, जयपुर
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खास फायदा नहीं
ऑनलाइन शिक्षा के लिए इन्टरनेट, स्मार्टफोन या इन्टरनेटयुक्त लैपटॉप या कम्प्यूटर का होना आवश्यक है। हमारे देश भारत की लगभग 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जहां पर इन्टरनेट और स्मार्टफोन की सुविधा उपलब्ध तो है, लेकिन अपेक्षाकृत बहुत कम है। इसके कारण प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के ज्यादातर छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
-नारायण लाल बोरावड़, खारा, बीकानेर
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बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में
ऑनलाइन कक्षाएं बच्चों को नेत्र रोग, कर्ण रोग और दूसरे रोगों की तरफ तेजी से धकेल रही हैं। कोरोना के चलते इन दिनों हर घर में स्कूली बच्चे 3 से 4 घंटे मोबाइल ऑनलाइन क्लासेज और 2 से 3 घंटे मोबाइल के जरिए होमवर्क करने में गुजार रहे हैं। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब ज्यादातर बच्चे नेत्र, कर्ण एवं दूसरे शारीरिक-मानसिक रोगों का शिकार हो जाएंगे।
-डॉ. प्रकाश मेहता, बेंगलुरु
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भारत के लिए उपयोग नहीं
वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षा ज्यादा उपयोगी नहीं है, क्योंकि भारत में ज्यादातर विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन नहीं हंै। जिनके पास फोन हंै, वहां भी कई जगह पर नेटवर्क की समस्या है। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति भी ठीक तरह से नहीं होती। यही वजह है कि भारत देश में ऑनलाइन शिक्षा ज्यादा उपयोगी सिद्ध नहीं होगी।
-फतेह सिंह मीणा, आमेर, जयपुर
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शिक्षण में सहायक
वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई हैं। इस संकट के समय शिक्षा जारी रखने का यही एकमात्र तरीका है। यह व्यवस्था कक्षा कक्षीय शिक्षण में सहायक है, विकल्प नहीं। सरकार का यह प्रयास ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही है। ऑनलाइन शिक्षण के सभी संसाधन हर वर्ग के बालकों को उपलब्ध नहीं हैं। कक्षा कक्षीय शिक्षण से विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास होता है। ऑनलाइन शिक्षण से मात्र सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त होता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मात्र विद्यार्थी को व्यस्त रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षण का उपयोग हो रहा है।
-विद्या शंकर पाठक सरोदा डूंगरपुर
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सभी को मिले इसका लाभ
कोविड के कारण अब ऑनलाइन शिक्षा ही एकमात्र पढ़ाई का विकल्प रह गई है। हमें उन बच्चों की तरफ भी ध्यान देना होगा जो ऑनलाइन पढ़ाई करने में असमर्थ हैं, क्योंकि कोविड के कारण उनकें अभिभावक की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। अधिकतर गरीब तथा ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों के पास मोबाइल इंटरनेट सुविधा का अभाव है। अत: सरकार तथा विद्यालयों को ऐसे विकल्प तलाशने होंगे, जिससे वंचित विद्यार्थियों की ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच संभव हो सके। दूरदर्शन पर भी कार्यक्रम चलाकर बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो काफी सराहनीय कदम माना जाना चाहिए।
-नेमीचंद कायथ, जयपुर
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वर्तमान में उपयोगी
वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा बेहतर विकल्प है, किन्तु कोरोनाकाल के बाद सामान्य परिस्थितियों में इसे जारी नहीं रखा जाना चाहिए। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाधा बन सकता है।
-सुरभि चन्देल, राजपुर, मप्र
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शीरीरिक विकास प्रभावित
ऑनलाइन शिक्षा से सभी बच्चों को फायदा नहीं मिल रहा। जिन परिवारों में मोबाइल और नेटवर्क की उपलब्धता नहीं है, उन परिवारों के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। ऑनलाइन शिक्षण के विपरीत प्रभाव भी हो रहे हैं। उनका शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है। स्कूलों मे होने वाली विभिन्न गतिविधियों से बच्चों का जो शारीरिक विकास होता है, वह घर की चारदीवारी के बीच नहीं हो सकता। मोबाइल के अधिक उपयोग से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी जन्म ले रही हैं।
नरेश कानूनगो, बेंगलुरू
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हर घर पहुंची शिक्षा
वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षा सभी के लिए बहुत ही उपयोगी है। ऑनलाइन शिक्षा ने आज हर घर तक शिक्षा को पहुंचा दिया है। इसका सबसे बड़ा फायदा उन पढऩे वाले लोगों को हुआ है जिन्होंने किसी कारण से बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। आज वे फिर से ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपनी पढ़ाई और अपने सपने को पूरा कर रहे हैं।
-कुशल सिंह राठौड़, जोधपुर
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नैतिक शिक्षा का अभाव
ऑनलाइन शिक्षा से विद्यार्थी एकाकी रूप से हर तथ्यों को बारीकी से अध्ययन कर सकता हैं तथा उसे किसी भी समय इच्छानुसार दोहरा भी सकता हैं। ऑनलाइन शिक्षण से केवल विभिन्न विषयों का ज्ञान मिलता है, किंतु विद्यालयों में मिलने वाली नैतिक शिक्षा का इस व्यवस्था में सर्वथा अभाव हैं।
-मनु प्रताप सिंह शेखावत, जयपुर
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