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आपकी बात, सीबीएसई की दसवीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का निर्णय क्या उचित है?

Published: Apr 15, 2021 06:22:06 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, सीबीएसई की दसवीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का निर्णय क्या उचित है?

आपकी बात, सीबीएसई की दसवीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का निर्णय क्या उचित है?

मजबूरी में रद्द हुई परीक्षा
सीबीएसई अपने विशिष्ट परीक्षा प्रबंधन एवं शैक्षिक गुणवत्ता के मामले में अच्छी छवि रखता है, लेकिन वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की मजबूरी में घोषणा की। उन्होंने यह अच्छा आधार रखा है कि अब इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर नतीजे तैयार किए जाएंगे। यानी प्री बोर्ड और सेमेस्टर के आधार पर हुई परीक्षाओं के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा एवं इसी आधार पर परिणाम तैयार होंगे। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि अगर कक्षा दसवीं का कोई विद्यार्थी अपने परिणाम को लेकर कोई संशय करता है, तो वह बाद में परीक्षा दे सकता है। किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा, बल्कि स्तर को सुधारने के लिए उनको परीक्षा का विकल्प भी दिया गया है, जो स्थिति सामान्य होने के बाद ली जाएगी। इससे बच्चों का अहित नहीं होगा।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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वर्चुअल परीक्षाओं का प्रबंध करें
कोरोना से स्वयं को एवं अपने बच्चों को बचाना हमारी प्राथमिकता है। एक वर्ष का अनुभव हमें बताता है कि कोरोना आसानी से नहीं जाएगा। अत: कोरोना के साथ जीने की आदत बनानी होगी। सीबीएसई बोर्ड की दसवीं की परीक्षा रद्द करने की बजाय स्थगित करना ज्यादा उचित है। वर्चुअल परीक्षाएं करवाने का प्रबंध किया जाना चाहिए। मध्यमवर्गीय परिवारों में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट सुविधाएं हैं तथा हर व्यक्ति के पास मोबाइल है। गरीब बच्चों के लिए सरकार एवं सामाजिक संस्थाएं वर्चुअल परीक्षा के लिए सुविधाएं जुटा सकती हैं। विभिन्न काल खंडों में परीक्षाएं करवा कर सुविधाओं पर खर्च के भार को कम किया जा सकता है। कभी तो करना पड़ेगा ही। अत: देर करना उचित नहीं। प्रायोगिक रूप से विश्लेषण किया जाए तो वर्चुअल परीक्षाएं ,मैनुअल परीक्षाओं की अपेक्षा ज्यादा सुविधाजनक एवं कम खर्चीली होंगी।
-नरेंद्र कुमार शर्मा, जयपुर
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चुनाव हो रहे हैं, फिर परीक्षाएं क्यों नहीं?
कोरोना के विकराल रूप को देखते हुए सीबीएसई की दसवीं बोर्ड की परीक्षाओं को निरस्त करना सरकार की अपनी मजबूरी है। सवाल यह है कि फिर असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, राजस्थान में चुनाव प्रचार में भीड़ जमा करके संक्रमण क्यों बढ़ाया गया है? जब राजनीतिक स्वार्थ के लिए चुनावों को टाला नहीं गया, तो नियमों का पालन करते हुए परीक्षाओं का आयोजन करवाया जाना चाहिए।
-प्रकाश चन्द्र राव, बापूनगर, भीलवाड़ा
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अरमानों पर पानी फिरा
इसमें कोई दोराय नहीं है कि जान है, तो जहान है। सीबीएसई बोर्ड की दसवीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले से उन मेहनतकश विद्यार्थियों के अरमानों पर पानी फिर गया, जिन्होंने अच्छे अंक लाने के लिए दिन रात मेहनत की।सरकार को परीक्षा रद्द न करके बचाव नियमों का सख्ती से पालन करवाते हुए परीक्षा करवानी चाहिए थी। सीबीएसई बोर्ड की बारहवीं परीक्षा को भी स्थगित करके सरकार ने विद्यार्थियों को भ्रमित कर दिया है।
-राजेश कुमार चौहान, जालंधर।
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करें अन्य उपाय
कोरोना की दूसरी लहर भयावह है। हर कोई इससे परेशान है। इसका समाधान है तेजी से वैक्सीनेशन। परीक्षा रद्द करना ही एकमात्र उपाय नहीं है। क्या राजनीतिक रैलियों में कोरोना नहीं होता? इस महामारी के समय एकजुट राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
-नरेंद्र जांगु, जालोर
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जान है तो जहान है
सीबीएसई की दसवीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का निर्णय उचित है। दिन-प्रतिदिन कोरोना महामारी के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है। दूसरे बोर्डों को भी दसवीं की परीक्षा रद्द कर देना चाहिए, क्योंकि जान है तो जहान है।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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उचित निर्णय
दसवीं बोर्ड विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर को मापने का आधार होता है, परंतु यह भी सच है कि ‘जान है तो जहान है।Ó तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण श्मशान घाटों में लाशों के ढेर लगे हुए हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए इस चुनौतीपूर्ण समय में दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करना उचित है।
-शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
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मेहनती बच्चों में निराशा
दसवीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का निर्णय उचित नहीं है। इस परीक्षा से कई बच्चों की साल भर की मेहनत और अपनी काबिलियत पहचानने की अपेक्षा जुड़ी रहती है। साथ ही यह देश के भविष्य के हित में भी नहीं है। माना कि कोरोना का खतरा है, परंतु गहन सुरक्षा इंतजाम के साथ अपने शहर और अपने विद्यालय में परीक्षा दी जा सकती है। यदि कोई विद्यार्थी संक्रमित है, तो उसे बाद में पूरक परीक्षा के साथ परीक्षा देने की छूट मिलनी चाहिए। परीक्षा रद्द करने के फैसले ने मेहनती बच्चों में उदासी भर दी है ।
-नीना दुबे, खातीपुरा, जयपुर
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ऑनलाइन परीक्षा पर ध्यान दिया जाए
गत वर्ष जिस प्रकार से कोरोना के कारण परीक्षाओं पर असर हुआ था, उसे देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा व्यवस्था की ओर ध्यान देने की आवश्यकता थी। यदि इस तरह की व्यवस्था हो जाती, तो इस वर्ष के परीक्षा रद्द करने की स्थिति न होती। अगर कोरोना का कहर ऐसे ही अगले साल भी रहा तब भी क्या परीक्षा रद्द की जाएगी? अत: सरकार को ऑनलाइन परीक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।
-प्रशांत राठौर, कोरबा, छत्तीसगढ़
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बिना परीक्षा प्रमोट न करें
परीक्षा रद्द करना स्थाई उपाय नहीं है। बिना परीक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं करना चाहिए। बिना परीक्षा के कोई आगे नहीं बढ़ सकता। विद्यालय और कॉलेज अपने स्तर पर ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन करवाएं। अगर यह संभव नहीं हो, तो विषयानुसार प्रोजेक्ट बनाने को दें, ताकि बच्चे कुछ नया सीखें।
-प्रधुमन सिंह नेगडिय़ा, देलवाड़ा, राजसमंद
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विद्यार्थी देश का भविष्य
वर्तमान स्थिति एवं महामारी के प्रकोप को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द कर विद्यार्थियों को आंतरिक परीक्षा प्रदर्शन के आधार पर प्रमोट करना उचित है। विद्यार्थी देश का भविष्य हैं और देश के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।
-नितिन गुप्ता, करेरा, शिवपुरी, मप्र
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जरूरी है परीक्षा
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से आज कोई अछूता नहीं है। संकट की इस घड़ी में शिक्षा व्यवस्था गड़बड़ा गई है, परंतु शिक्षा की वैकल्पिक व्यवस्थाओं के माध्यम से योग्यता के मापदंड परीक्षा के अस्तित्व को बनाए रखना महत्त्वपूर्ण और जरूरी है। परीक्षा रद्द करना अनुचित है।
नितिन पंड्या, सुजाजी का गड़ा, बांसवाड़ा
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परीक्षा रद्द करना समाधान नहीं
सीबीएसई 10 वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द करना कदापि उचित नहीं है, क्योंकि 10वीं के बाद विद्यार्थियों को अपनी क्षमता के अनुसार विषयों का चुनाव करना होता है। दसवी के परीक्षा परिणाम से निर्धारित होता है कि कौन सा विषय विद्यार्थी के लिए सही रहेगा। इसलिए कोविड निर्देशों का पालन करवाते हुए परीक्षा आयोजित कराई जानी चाहिए।
-संजय दास, रायगढ़, छत्तीसगढ़

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