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आपकी बात, क्या कोरोना गाइडलाइन के प्रति गंभीरता कम हो रही है?

Published: Jun 20, 2021 02:50:45 pm

Submitted by:

Gyan Chand Patni

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

आपकी बात, क्या कोरोना गाइडलाइन के प्रति गंभीरता कम हो रही है?

आपकी बात, क्या कोरोना गाइडलाइन के प्रति गंभीरता कम हो रही है?

कोरोना अभी गया नहीं
कोरोना के मामले कम होने के साथ-साथ आम जनता, शासन, प्रशासन एवं पुलिस के रवैये में कोरोना गाइडलाइन के प्रति गंभीरता भी कुछ कम होती परिलक्षित हो रही है। भले ही हम अब लॉकडाउन से अनलॉक की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन हमें यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि कोरोना अभी गया नहीं है। इसके अतिरिक्त कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को भी ध्यान में रखते हुए हमें सतर्कता बरतने के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। अत: इसके लिए शासन, प्रशासन व पुलिस को मिलकर कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाना सुनिश्चित करना होगा। साथ ही आम जनता का सहयोग भी इस मामले में काफी हद तक निर्णायक होगा।
-अलकाब खान, उज्जैन, मध्यप्रदेश
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कोरोना पीड़ितों से मिलें
जो लोग कोरोना गाइडलाइन को गंभीरता से नहीं ले रहे है, उन्हें कोरोना की वजह से मौत के मुंह में जाकर बाहर आने वालों से मिलना चाहिए. ताकि कोरोना के खौफ को समझ सकें। दूसरी लहर के दौरान भयावह तस्वीर देखने को मिली। मरने के बाद भी श्मशान घाटों में जगह नसीब नहीं हो रही थी। फिर भी अब अनलॉक के बाद लोग प्रोटोकॉल को गंभीरता से नहीं ले रहे। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। भीड़ की वजह हम खुद हैं। कहीं ऐसा ना हो कि यह लापरवाही तीसरी लहर की वजह बन जाए। इसलिए सावधानी जरूरी है। लापरवाही घातक साबित हो सकती है।
– अणदाराम बिश्नोई, जयपुर
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फिल्म अभी बाकी है
कोरोना का कहर कम होते ही लोग लापरवाह हो रहे हैं। लोग मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का उपयोग कम ही कर रहे हैं। हमें न अपनी फिक्र है और न परिजनों की। मानो कोरोना चिर काल के लिए सुप्तावस्था में गया हो। लोगों को समझना चाहिए , फिल्म समाप्त नहीं हुई है, बल्कि मध्यांतर का ब्रेक चल रहा है।
-बी.आर.एस.बांधे, केशला, रायपुर, छ.ग.
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फिर लापरवाही
देश में कोरोना संक्रमण कम हो रहा है। मुश्किल यह है कि जनता लापरवाह हो रही है। न मास्क और न ही सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा। इससे तीसरी लहर की आशंका पैदा हो रही है। बेहतर तो यह है कि जनता कोरोना गाइडलाइन का पालन करे और कोरोना से लड़ाई में सरकार को सहयोग प्रदान करे।
-रूपेश बडज़ात्या जैन, कुक्षी, म.प्र.
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जरूरी है सजगता
जैसे ही सख्ती कम हुई आम लोग ऐसे घूम रहे हैं जैसे कोरोना है ही नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि लोगों में डर कोरोना के कारण नहीं सरकार की सख्ती के कारण है। बेहतर तो यह है कि आम व्यक्ति खुद स्व अनुशासन में रह कर कोरोना महामारी के प्रति सजग होकर उसे हराए। आम लोगों में कोरोना के प्रति जितनी सजगता होगी, उतनी ही परेशानी कम होगी।
विशंभर थानवी, फलोदी
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निगरानी तंत्र मजबूत बनाया जाए
अनेक लोगों में कोरोना वायरस का डर खत्म हो चुका है। टीकाकरण तथा संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हुए लोग तो इस भ्रम में है कि अब वे संक्रमित नहीं होंगे। याद रखें कि सावधानी हटी दुर्घटना घटी। सड़क दुर्घटनाओं में या अन्य दुर्घटनाओं में तो मात्र हम पर ही प्रभाव पड़ता है, किंतु कोरोना पीड़ित होने पर दूसरे भी प्रभावित होते हैं। तीसरी लहर को आने से रोकने के लिए हमें एक जागरूक नागरिक होने के साथ-साथ निगरानी तंत्र को और अधिक मजबूत बनाना होगा। लापरवाही पूर्ण व्यवहार करने वाले लोगों पर जुर्माना तथा दंडात्मक कार्रवाई की जाए, जिससे दूसरे भी सबक लें।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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जरूरी है भीड़ पर नियंत्रण
कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन सहित कई आवश्यक कदम उठाए गए हैं, जिसके परिणाम स्वरूप कोरोना संक्रमण न्यूनतम स्तर पर आ गया है। संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए नियमों के प्रति जनता को अभी गंभीर रहना होगा। किसी भी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों में तथा बाजारों में बढ़ती हुई भीड़ को नियंत्रित करना होगा, तभी कोरोना महामारी नियंत्रण में रहेगी ।
-मल्ली कुमार मेहता, इंदौर
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तीसरी लहर को आमंत्रण
कोरोना की दूसरी लहर में बहुतों ने अपनों को खोया है। कोरोना के मरीज कम होने पर सरकार ने लॉकडाउन खोला है। लोग गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे। भीड़ में लोग न तो मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग रख रहे हैं। यदि गाइडलाइन की पालना नहीं की तो तीसरी लहर में कितनी हानि हो सकती है, ये अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है।
-विजय गुप्ता अजमेर
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उजड़ गए कई परिवार
कोरोना नियंत्रण के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है, उसका पालन जरूरी है। हमने दूसरी लहर में कई परिवार उजड़ते देखे है। यह दर्द तो वह परिवार ही समझ सकते हैं, जिनके परिजन मौत के आगोश में समा गए। अब तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। अगर अब भी हमने गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
-गणपत दास निम्बार्क, पाली
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कोरोना से नहीं मिली है छूट
शहर अनलॉक के साथ ही गाइडलाइन के प्रति लोगों की लापरवाही भी अनलॉक हो गई है। लोग बाजारों में मास्क लगाने और शारीरिक दूरी रखने का ध्यान ही नहीं रख रहे। प्रशासन ने हमें छूट दी है, कोरोना ने नहीं। अगर लापरवाही से शहर फिर संक्रमण की चपेट में आ गया तो परिणाम फिर बुरे हो सकते हंै! गाइडलाइन के प्रति गंभीरता न बरतना यह दर्शाता है कि आफत लोग खुद मोल ले रहे हैं!
-जयवंत होलकर, इन्दौर
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सख्ती करे प्रशासन
कोरोना के बचाव के लिए बनाई गई गाइडलाइन के प्रति गंभीरता कम हो रही है। लोग लापरवाह नजर आ रहे हैं। हम कोरोना की पहली व दूसरी लहर के नतीजे देख चुके हैं। कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचने के लिए सभी लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। प्रशासन को भी सख्ती करनी होगी।
-विष्णु प्रकाश वैष्णव, मण्डियान, राजसमंद
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टीका लगवा चुके लोग भी लापरवाह
नेताओं और अधिकारियों की लापरवाही के चलते कोरोना वायरस के लिए बनाई गई गाइडलाइन के प्रति गंभीरता में कमी आई है। साथ ही टीका लगवा चुके लोगों में भी गाइडलाइन के प्रति गंभीरता में बहुत कमी देखने को मिल रही है। हमें यह नहीं भुलना चाहिए कि कोरोना वायरस कमजोर पड़ा है, खत्म नहीं हुआ है।
-श्यामवीर, अलवर
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गाइड लाइन की पालना करवाई जाए
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पडऩे के साथ ही मास्क मुंह और नाक से खिसक कर ठोड़ी पर आ गया है। ज्यादातर लोगों ने तो मास्क लगाना ही छोड़ दिया है। सैनिटाइजर और साबुन तो नदारद हैं। दो गज की दूरी रखना बाजार, बस, चौपाल, समारोह में अनावश्यक समझा जाने लगा है। निश्चय ही लोग कोरोना से बचाव के लिए बनाई गई गाइडलाइन के प्रति गंभीर नहीं हैं। पुलिस और प्रशासन को गाइडलाइन की पालना पर ध्यान देना चाहिए।
-नेमीचंद गहलोत, नोखा, बीकानेर
आम आदमी की जिम्मेदारी
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ज्यों-ज्यों लॉकडाउन खुल रहा है, कोरोना गाइडलाइन के प्रति गंभीरता कम होती जा रही है। प्रशासन को भी बार-बार जनता को चेतावनी देनी पड़ रही है। प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह कोरोना गाइडलाइन की पालना करे, क्योंकि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। काम-धंधे बंद हो जाते हैं। बेहतर तो यह है कि हम सतर्क रहें और पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें।
लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
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ताकि बच जाएं तीसरी लहर से
जैसे-जैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट आ रही है, वैसे-वैसे अनलॉक करके जनता को छूट दी जा रही है। बाजार में आवागमन से दुकानों पर काफी भीड़-भाड़ रहती है, जिससे लोगों के संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है। अभी कोरोना गया नहीं है, बल्कि वापस तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। इसलिए सबको कोरोना गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए, ताकि तीसरी लहर से बचाव हो सके।
-देवेन्द्र बारोलिया, भानपुर कलां, जयपुर
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गाइडलाइन की अनदेखी
लोग फिर से गाइडलाइन की अनदेखी कर रहे है। कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए नियमों की अवहेलना की जा रही है, जिसके फिर से दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। फिर से मिलना-जुलना बढ़ रहा है, मास्क नहीं लगाए जा रहे हंै, सोशल डिस्टेंसिंग नहीं की जा रही है। बाजारों में भीड़-भाड़ बढ़ रही है। बिना वजह लोग सड़कों पर घूम रहे है।
-पूजल विजयवर्गीय, राजसमंद
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ताकि न लगे फिर लॉकडाउन
जनता दो बार के लॉकडाउन से त्रस्त आ गई है। अब फिर से लॉकडाउन न हो इसके लिए जरूरी है कि हम सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। कोरोना गाइडलाइन का पालन किए बिना हम अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा नहीं कर पाएंगे।
-अमित तिवारी, जयपुर
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प्रशासन दिखाए सख्ती
लोगों की लापरवाही और प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण कोरोना गाइडलाइन की सख्ती से पालना नहीं हो पा रही। इसका नतीजा कोरोना की दूसरी लहर के रूप में देखे चुके हैं। अब भी हमें समय रहते चेतने की जरूरत है और प्रशासन को भी गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए सख्ती बरतनी चाहिए।
-शैलेंद्र टेलर, उदयपुर
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