आपकी बात, क्या निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की व्यवस्था जरूरी है?
Published: Dec 23, 2021 05:37:34 pm
पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।


आपकी बात, क्या निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की व्यवस्था जरूरी है?
निजीकरण बढ़ रहा है, आरक्षण भी जरूरी
समाज के वंचित वर्गों, महिलाओं, पिछड़ों, गरीब तबकों की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति में सुधार आरक्षण के बाद ही हुआ है। यह सदियों से चली आ रही असमानता को कुछ हद तक बेहतर करने में कारगर सिद्ध हुआ है। सरकारी क्षेत्र में आरक्षण होने से प्रत्येक विभाग में सभी वर्ग के व्यक्ति चयनित होकर सम्मानजनक और गरिमामय जीवन जी रहे है। उन्हें उन्नति के अवसर प्राप्त हुए है। जिस तरह से सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में आरक्षण गौण होकर रह जाएगा। इसका सीधा असर वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों पर पड़ेगा। उन्हें फिर से हाशिये पर धकेल दिया जाएगा। सरकारी नौकरियां महज 4 प्रतिशत के करीब हैं । सरकारी नौकरियों में आरक्षण से वंचित वर्ग की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अगर निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू होता, तो देश में बेरोजगारी, भुखमरी, जातीय उत्पीड़न, शोषण, असमानता, कुपोषण जैसी समस्याओं से निपटने में आसानी होती। सरकारें विभिन्न उपक्रमों का निजीकरण करती जा रही है, बेहतर होगा ऐसा करें ही नहीं। अगर करती है, तो आरक्षण का प्रावधान निजी क्षेत्र में भी करे।
-शेराराम सीमार, भोपालगढ़, जोधपुर
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