scriptअमरीका के पुन: उदाहरण बन प्रस्तुत होने तक…! | Is USA is an ideal example of democracy in the world | Patrika News
ओपिनियन

अमरीका के पुन: उदाहरण बन प्रस्तुत होने तक…!

अधिकार और सत्तावादी राजनीति की ओर निरंतर गिरते जाने वाला अमरीका दुनिया को लोकतंत्र के बारे में क्या सबक सिखा सकता है?

Jun 15, 2021 / 03:32 pm

सुनील शर्मा

usa_president_jo_biden.jpg
– ब्रायन क्लास
एसोसिएट प्रोफेसर, ग्लोबल पॉलिटिक्स, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, ‘हाउ टु रिग एन इलेक्शन’ के सह-लेखक और ‘द डेस्पट्स अप्रेन्टिस’ और ‘द डेस्पट्स अकमप्लिस’ के लेखक

यह आधिकारिक है: अमरीका अब ‘प्रकाश स्तम्भ’ नहीं रह गया है। अमरीकी थिंकटैंक प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका के सहयोगी इस बात से खुश हैं कि ट्रंप युग खत्म हो गया है। अमरीकी नेतृत्व में विश्वास बढ़ा है। हमारे मित्र राहत की सांस ले रहे हैं। लेकिन ट्रंप के बाद के दौर में अमरीका को लेकर इस कहानी में बहुत कुछ दबा हुआ है, जिनमें बुरी खबर यह है: सहयोगी अमरीकी लोकतंत्र को बिखरे हुए, धराशायी रूप में देखते हैं। हम दुनिया के लिए लोकतंत्र का आदर्श प्रस्तुत करते थे, लेकिन अब नहीं। पिछले कुछ वर्षों की अराजकता, शिथिलता और प्रमाद ने आसानी से सोची जा सकने वाली क्षति पहुंचाई है।
यह भी पढ़ें

देश में Vaccine से पहली मौत की पुष्टि, केंद्र सरकार की ओर से गठित पैनल की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रिपोर्ट निराशाजनक है। सिर्फ 14 फीसदी जर्मन, अमरीकी लोकतंत्र को अन्य देशों के लिए आकर्षक मॉडल के रूप में देखते हैं जबकि 54 फीसदी का कहना है द्ग ‘अमरीका अच्छा उदाहरण हुआ करता था, पर हाल के वर्षों में ऐसा नहीं हुआ है।’ फ्रांस, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, जापान और आस्ट्रेलिया में जन-विचार इसी तरह धूमिल है। न्यूजीलैंड में दस में से केवल एक नागरिक अमरीकी लोकतंत्र को अभीष्ट लोकतंत्र के रूप में देखता है। जाहिर है, बाकी लोकतांत्रिक दुनिया विशेषकर ट्रंप के अधिकारवादी रुख से प्रभावित नहीं थी जिन्होंने साजिशों के सिद्धांतों को फैलाया, संकीर्णतावादी ट्वीट किए, और तब जबकि कोविड-19 से चार लाख लोगों की जानें जा चुकी थीं, यह कहते हुए घातक विद्रोह को उकसाया द्ग जाओ संख्याओं का पता लगाओ। यह परेशान करने वाली अपरिहार्य दुविधा को उजागर करता है, जिसका सामना मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को करना चाहिए।
यह भी पढ़ें

75 दिन बाद देश में कोरोना के सबसे कम केस आए सामने

वर्ष 2016 में जब से ट्रंप रिपब्लिकन फ्रंटरनर के रूप में उभरे, चीन उथल-पुथल का फायदा उठा रहा है। कोविड महामारी से निपटने में ट्रंप की विफलता जब दुनिया के सामने स्पष्ट हो गई तो बीजिंग ने उनके कथनों को सबूत के तौर पर उद्धृत किया। कहने की जरूरत नहीं कि चीन बाकी दुनिया के लिए कोई मॉडल नहीं है। लेकिन ट्रंप का कार्यकाल चीनियों के लिए उपहार में लिपटी प्रचार की चाल थी। यह इसलिए मायने रखता है कि उभरती अर्थव्यवस्थाएं चीन की ओर खिंची चली जा रही हैं। पूरे अफ्रीका में कराए गए जनमत सर्वेक्षण में, चीन ने अमरीका को भी अपने साथ खींच लिया है। दस में से छह अफ्रीकियों में चीन के बारे में अनुकूल दृष्टिकोण है। जबकि अमरीका अभी भी सर्वश्रेष्ठ विकास मॉडल के रूप में देखा जाता है। चीन बहुत पीछे नहीं है। यह कुछ ही दशकों में एक भारी बदलाव है और यह अमरीकी विदेश नीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि विकासशील देश यह तय करेंगे कि उन्हें वाशिंगटन के साथ रहना है या बीजिंग के साथ।
अमरीका की खराब राजनीति और वास्तविक तानाशाही के बीच तुलना, निश्चित रूप से अतिशयोक्तिपूर्ण है। बाइडन और सीनेट के डेमोक्रेट्स यूएस में लोकतंत्र की रक्षा के लिए आक्रामक तरीके से जूझ रहे हैं। यह चेतावनी होनी चाहिए। अमरीका जब तक अनुकरण के लिए फिर से एक उदाहरण नहीं बन जाता, तब तक पूरी दुनिया लोकतंत्र के लिए अंधकारमय और खतरनाक जगह बनी रहेगी।

Home / Prime / Opinion / अमरीका के पुन: उदाहरण बन प्रस्तुत होने तक…!

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो